चर्चित बलवंत सिंह हत्याकांड में दोनों पक्षों की बहस हुई पूरी

अदालत ने किया आदेश सुरक्षित
ग्लोबल टाइम्स- 7 न्यूज़ नेटवर्क 0006
राकेश कुमार मिश्र
संवाददाता तहसील मैंथा
16 अगस्त 2023
शिवली
कानपुर देहात, विगत वर्ष हुए बलवन्त सिंह हत्याकांड में शामिल तथा जेल में बंद आरोपियों तत्कालीन एसओजी प्रभारी प्रशान्त गौतम तत्कालीन मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पाण्डे सहित आठों आरोपियों पर हत्या लूट की धाराओं में मुकदमा चलाने के वादी पक्ष के प्रार्थनापत्र पर बुधवार को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने पर अदालत द्वारा प्रार्थनापत्र पर आदेश के लिए 17 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई है।वादी पक्ष के वकील जितेन्द्र चौहान ने बताया कि पिछली निर्धारित तिथि पर वादी अंगद सिंह द्वारा पूर्व में दाखिल प्रार्थना पत्र, बावत इरादतन हत्या की धारा 302 सहित अन्य सुसंगत धाराओं में तथा अभियुक्तों के कालम से हटाए गए तत्कालीन रनियां थाना प्रभारी शिव प्रकाश सिंह सहित अन्य आरोपियों को केस में विचारण हेतु तलब करने की नकलों को अपनी आपत्ति दाखिल करने हेतु आरोपियों को उपलब्ध कराया गया था और सुनवाई निस्तारण होना था लेकिन आरोपियों की तरफ से केवल मौखिक आपत्ति ही की गयी।एडवोकेट जितेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि जेल में निरुद्ध तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह सहित आठों आरोपियों द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद के समक्ष मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी अलंकृता शक्ति त्रिपाठी द्वारा विवेचना मेंआरोप पत्र की गैर इरादतन हत्या की धारा 304 के स्थान पर इरादतन हत्या की धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता की धारा में संज्ञान लिए जाने के आदेश के खिलाफ धारा 482 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दाखिल उच्च न्यायालय में आरोपियों द्वारा दाखिल याचिका स्वीकृत कर सीजेएम न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया गया था ,जिसके बाद सीजेएम न्यायालय ने पत्रावली दाखिल आरोप की धाराओं मे माननीय जिला एवम सत्र न्यायाधीश की न्यायालय को सुपर्द करने का आदेश पूर्व में पारित किया था।बताते चलें कि थाना शिवली क्षेत्र के ग्राम सरैंया लालपुर शिवराजपुर निवासी अंगद सिंह ने थाना रनिया में अपने भतीजे बलवन्त सिंह की दिनाँक 12 दिसम्बर को पुलिस अभिरक्षा में बेरहमी पूर्वक पिटाई कर हत्या करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट लिखाई थी मृतक व्यापारी बलवन्त सिंह का कानपुर नगर में डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया था,जिसमे मृतक के शरीर मे 31 चोटें होना व उसी से मृतक की मृत्यु होने पाया गया था,जिसमें विवेचना में एसआईटी ने आरोपी तत्कालीन रनिया थाना प्रभारी व एक आरक्षी व जिला अस्पताल के एक चिकित्सक की नामजदगी गलत पाने का लेख लिखते हुए उनके पक्ष में अंतिम आख्या व केस में इरादतन हत्या की धारा 302 के स्थान पर गैर इरादतन हत्या की धारा 304 भारतीय दण्ड संहिता में आरोप पत्र प्रेषित किया था।