उत्तर प्रदेशलखनऊ

पैंतीस लाख रुपए खर्च वाला छतरपुर अमृत सरोवर कागजों में संवर गया !

:- कुछ दिनों पहले शिवराजपुर के अमृत सरोवरों का सीडीओ ने किया था निरीक्षण, फिर भी धूल उडा रहा

:- अमृत सरोवरों पर मार्निंग वाक की व्यवस्था,पीने के लिए पानी की व्यवस्था, रोशनी व बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था होनी चाहिए!

ग्लोबल टाइम्स-7
न्यूज नेटवर्क

कानपुर नगर

अमृत सरोवरों पर ध्वजारोहण के दावों की हवा निकलती नजर आ रही है ‌। लाखों खर्च हो गए फिर भी अमृत सरोवरों में धूल ही उड़ती हुई दिखाई देती है। क्योंकि जिन अमृत सरोवरों के तैयार होने का दावा किया जा रहा है, वहां हकीकत में बुरा हाल है। कहीं पक्का निर्माण नहीं हुआ तो कहीं मनरेगा मजदूरों से पोखरों की खोदाई करके छोड़ दिया गया।
ब्लाक शिवराजपुर के ग्राम छतरपुर में अमृत सरोवर बनने का ख्वाब अधूरा है। यहां का अमृत सरोवर कागजी तैयारियों की चुगली कर रहा है।
जल संरक्षण के लिए जिन जिन तालाबों को अमृत सरोवर के रूप से विकसित करने का दावा किया गया है उनमें अधिकांश अमृत सरोवर सिर्फ कागजों पर ही संवर कर अमृत रस का पान कराने लगे, लेकिन धरातल पर ठीक विपरीत हैं ।
ब्लाक के छतरपुर में अमृत सरोवर जैसा बताया गया था, वैसा दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है। पोखर के आसपास साफ-सफाई तो कोसों दूर नजर आ रही है। हालांकि दावे किए जा रहे हैं प्रशासन ने दावे किए जल संरक्षण और कर आमजन की सहूलियत के लिए ग्राम सभाओं में कुछ तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित करने की योजना बनी थी। एक सरोवर के विकास पर तीस से पैंतीस लाख रुपये खर्च का दावा किया गया। अमृत सरोवर पर मार्निंग वाक की व्यवस्था, पीने के लिए पानी की व्यवस्था, रोशनी व बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था होनी है। सरोवरों में आम, जामुन, पीपल, नीम, बरगद के पौधे और सोलर लाइट लगाकर विकसित करना था।


इनपर राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस,गणतंत्र दिवस व गांधी जयंती पर शहीदों की स्मृति में राष्ट्रध्वज फहराकर कार्यक्रम आयोजित होने हैं।
लेकिन अधिकांश अमृत सरोवरों में सिर्फ खानापूर्ति कर कागजों पर कार्य पूर्ण दिखा कर लाखों चम्पत कर लिए गए,
उदाहरण तौर पर विकास खंड शिवराजपुर के छतरपुर गांव में बने अमृत सरोवरों में जीता जागता उदाहरण पेश हो रहा है,
जैसा कि सिला पट्टी पर अमृत सरोवर 2.1 एकड़ में 35 लाख खर्च से बना दिया गया, वैसे कहने तो अमृत का सरोवर है, अफसोस जिम्मेदार लोगों की कार्यप्रणाली व्यवस्था को देखकर सरोवर में बूंद भर पानी के दर्शन तक नसीब नहीं हो पा रहा । जिले के सीडीओ सुधीर कुमार द्वारा भी हाल ही कुछ दिनों पहले विकास खंड के अमृत सरोवरों में निरीक्षण किया गया था, जिसमें एक यह भी अमृत सरोवर बेचारा शामिल था, अब देखना होगा कि क्या शासन की ओर से इन अमृत सरोवरों की ओर को ध्यान आकर्षित किये जाने का प्रयास किया जाएगा, याफिर सिर्फ लाखों कागज़ों में खर्च होकर कार्य पूर्ण हो जायेंगे।
इधर,मुख्य विकास अधिकारी के सीयूजी नंबर पर 9454418877 जानकारी हेतु वार्ता करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हो सका ।

Global Times 7

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