सूफी संतों की आपसी भाईचारा,अमन शांति की अहम भूमिका– फरीदुद्दीन अहमद

संडीला में जश्ने शैखुदल आलम आयोजित
ग्लोबल टाइम्स-7
न्यूज़ नेटवर्क
तौहीद साग़री
संडीला( हरदोई) नगर के मोहल्ला मलकाना स्थित मोईन खां साबरी के आवास साबरी मंजिल पर “जशन शैखुल आलम” का आयोजन किया गया। जिसमें तहरीक परचमे मुहम्मदी के अध्यक्ष फरीदुद्दीन अहमद ने अपने संबोधन में कहा किआपसी भाईचारे के प्रचार-प्रसार में संतों की अहम भूमिका रही है। संतों ने संसार के सामने मानवता की असली मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि सूफी संतों ने समानता, भाईचारा, शांति और व्यवस्था, प्रेम को बढ़ावा दिया है। इन संदेशों को फैलाने में संतों और सूफियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि हजरत मखदूम अलाउद्दीन साबिर कलरी ने मौत और जिंदा रहने के गुण बताए हैं। हजरत मखदूम अलाउद्दीन साबिर कलयरी 12 साल तक बिना खाना खाए लंगर बांटते रहे। उनकी बहुत महिमा थी। उन्होंने कहा कि यदि आमजनमानस ने सूफियों के मार्ग को अपनाया तो सदियों से आदर्श शिक्षा के प्रकाश से मानवता लाभान्वित होती रही है। आज लोग सूफियों के संदेश छोड़ने को लेकर चिंतित हैं। दरगाह हजरत सागर मियां के सज्जादा नशीन मोईजुद्दीन अहमद सागरी चिश्ती ने कहा कि संतों के कारण आज भी संसार में प्रेम का वातावरण है। सूफी संतों की दरगाहों से भाईचारे का संदेश दिया जा रहा है जिससे इंसान का रिश्ता और मजबूत हो रहा है। उन्होंने सभी को संतों के संदेश का पालन करने के लिए आमंत्रित किया। और दरगाह शेख आलम के सज्जादा नशीन हजरत शाह अम्मार अहमद नैयर मियां की लंबी उम्र की दुआ की।उनकी लंबी उम्र की दुआ की।इस मौके पर, डॉ. जुबैर सिद्दीकी, सूफी मुन्ना साबरी, इकबाल अहमद, हाफिज फरहानुल हक, हाफिज फरदीन, हाफिज शाह आलम, हाफिज साबिर, दावर रजा, फरहत महमूद ने नात और मनकबत का नज़राना पेश किया। दुरूद सलाम के बाद हजरत मखदूम अलाउद्दीन अहमद साबर कलयरी व हजरत मखदूम शाह अब्दुल हक रुदोलवी का प्रबन्ध किया गया।इस मौके पर मुहम्मद अहमद खान, जुनैद खान, मुशीर खान साबरी, हाजी शोएब खान साबरी, मुबीन खान, वसीम खान, मुजीब खान, मतीन. खान, आमिर खान आदि मौजूद थे। ईशा की नमाज के बाद साबरी लंगर का आयोजन किया गया। जिसमें काफी संख्या में लोग शामिल हुए।