सफलता लगन, समपर्ण, कड़ी मेहनत और असफलताओं से सीख लेकर मिलती है:-एम0पी0 सिंह

डीएम ने किया कस्तूरबा गांधी विद्यालय का किया निरीक्षण, दिए निर्देश!
Global Times7 News Network teem Lucknow Uttar Pradesh
Hardoi। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने आज ब्लाक सुरसा की ग्राम पंचायत गुरूगुज्जा में संचालित कस्तूबा गांधी विद्यालय का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने भोजनालय, भोजन कक्ष, पेयजल, विद्युत आदि व्यवस्थाओं को देखा और विद्यालय में छात्राओं के नहाने के लिए गर्म पानी की व्यवस्था न होने पर वार्डन वसुधा को निर्देश दिये कि छात्राओं के नहाने हेतु गर्भ पानी उपलब्ध कराने के लिए दो गीजर लगवायें तथा बन्दर विद्यालय की छत पर न आये इसके लिए चारों को कटीले तार लगवायें। छात्राओं के विश्राम कक्ष में खराब बेडसीट को देखकर जिलाधिकारी ने कहा कि छात्राओं के लिए नये बेडसीट की शीघ्र व्यवस्था कराई जायेगी।
इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने कक्षा 6, 7 एवं 8 में अध्ययनरत छात्राओं की क्लास में जाकर शिक्षा की गुणवत्ता के बारे में जाना तथा छात्राओं से इतिहास, सांइस, गठित एवं कम्प्यूटर प्रशिक्षण आदि के बारे में सवाल पूछे तथा जिन सवालों का जवाब छात्रायें नही दे सकी उन्हें जिलाधिकारी ने एक टीचर के रूप में छात्राओं को सवालों के सही जवाब बतायें। इस अवसर पर कुछ छात्राओं ने आईएएस एवं डाक्टर आदि बनने के लिए क्या करें पूछने पर जिलाधिकारी ने कहा कि अधिकारी, डाक्टर एवं देश का अच्छा नागरिक बनने के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है और उच्चतम शिक्षा, कम्प्यूटर ज्ञान प्राप्त करने के बाद किसी भी पद को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होने छात्राओं से कहा कि सफलता लगन, समपर्ण, कड़ी मेहनत और असफलता से सीख लेकर मिलती है इसलिए अपने माता-पिता एवं शिक्षकों के बताये मार्ग पर चलकर पढ़ाई के साथ खेलकूद, संगीत, कला, नृत्य आदि विधिओं में भी अपना कैरियर बनाने का प्रयास करें और एक अच्छी बेटी, बहन एवं देश की नागरिक बनकर जनपद, प्रदेश तथा देश का नाम रोशन करें।
जिलाधिकारी ने छात्राओं से कहा कि वर्तमान में फिर से कोरोना लहर की सम्भावना को देखते हुए सर्तकता बरते और मास्क लगाकर ही भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाये तथा और लोगों को भी सावधानी बरतने की सलाह दें। निरीक्षण में कम्प्यूटर लैब न होने पर जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालय के ऊपर 25 बाई 25 का हाल का निर्माण कराकर कम्प्यूटर लैब संचालित कराया जायेगा। उन्होने छात्राओं से विद्यालय में मिलने वाले नाश्ता, भोजन आदि के बारे में पूछा तथा वार्डन एवं रसोईयों को निर्देश दिये कि छात्राओं को प्रत्येक दिन निर्धारित रोस्टर के अनुसार नास्ता एवं भोजन उपलब्ध कराने के साथ नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करायें।