महामारी को मात दे भारत विश्व की पँचवी अर्थव्यवस्था में हुआ शामिल !

भारत के बढ़ते कदम से ब्रिटेन को लगा झटका !
India Economy GDP Growth Rate 2022
Global times7 news network
Lucknow UP
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पिछली चार तिमाहियों में सबसे तेज रही। इसकी प्रमुख वजह कृषि और सेवा क्षेत्र का दमदार प्रदर्शन है। इससे भारतीय बाजार में वैश्विक निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और निवेश आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी
कोरोना महामारी को मात देकर भारत की अर्थव्यवस्था ने तेज गति से अपना विस्तार किया है। एक अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 13.5 फीसदी रही है। वहीं ब्लूमबर्ग की शुक्रवार को जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक 2021 की अंतिम तिमाही में भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया। ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आइए जानते हैं इसके मायने…
पहले 11वें स्थान पर था भारत
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पहली तिमाही में बढ़त हासिल कर ली है। अभी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अमेरिका है। जबकि दूसरे नंबर पर चीन फिर जापान और जर्मनी का नंबर है। एक दशक पहले भारत इस सूची में 11वें नंबर पर था और ब्रिटेन पांचवें पायदान पर। भारत ने यह कारनामा दूसरी बार किया है। इससे पहले 2019 में भी ब्रिटेन को छठे स्थान पर धकेल दिया था।
मार्च तिमाही में 854.7 अरब डॉलर रहा भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार
भारत ने हाल में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी किए हैं। इसके मुताबिक भारत दुनिया में सबसे तेज आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 13.5 फीसदी रही, जो पिछले एक साल में सबसे अधिक है। नकदी के संदर्भ में देखें तो भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार मार्च तिमाही में 854.7 अरब डॉलर है, जबकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर की है।
ब्रिटेन की जीडीपी 3.19 लाख करोड़ डॉलर
ब्रिटेन की जीडीपी 3.19 लाख करोड़ डॉलर है। सात फीसदी अनुमानित वृद्धि दर के साथ भारत के इसी साल ब्रिटेन को सालाना आधार पर भी पीछे छोड़ने की संभावना है।
भारत की ग्रोथ के आगे चीन भी नहीं है पास
भारत की वृद्धि दर की बात करें तो विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में दूसरे नंबर पर काबिज चीन आसपास भी नहीं है। अप्रैल-जून तिमाही में चीन की वृद्धि दर 0.4 प्रतिशत रही है। वहीं कई अन्य अनुमान बताते हैं कि सालाना आधार पर भी भारत के मुकाबले में चीन पीछे रह सकता है।

कृषि और सेवा क्षेत्र ने बढ़ाई अर्थव्यवस्था की रफ्तार
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने बीते बुधवार को आंकड़े जारी किए थे। इनके मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 17.6 फीसदी रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 10.5 फीसदी रही थी। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.5 फीसदी रही। 2021-22 की पहली तिमाही में 2.2 फीसदी रही थी।
वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की विकास दर 2.3 फीसदी से बढ़कर 9.2 फीसदी पहुंच गई। इसके अलावा, बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाओं की वृद्धि दर 14.7 फीसदी रही, जो 2021-22 की समान तिमाही में 13.8 फीसदी थी। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं के बढ़ने की दर 6.2% से बढ़कर 26.3% पहुंच गई। कृषि और सेवा क्षेत्र के दमदार प्रदर्शन से भारतीय बाजार में वैश्विक निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और निवेश आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी।
वित्त वर्ष 2022-23 में 7.4 फीसदी तक विकास दर
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7-7.4% की वृद्धि दर हासिल करने की ओर बढ़ रही है। उन्होंने आयात बढ़ने से राजकोषीय स्थिति पर दबाव पड़ने की चिंताओं को दूर करते हुए कहा, सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 6.4 फीसदी पर बनाए रखने के लिए आश्वस्त है।