
*पार्क मे शहीद की मूर्ति लगवाने का किया विरोध
*दस्तावेजो मे बंजर जमीन दर्ज शासन के अनुसार लगेगी मूर्ति*
*जीटी -7, ओम कैलाश राजपूत संवाददाता फफूंद ब्यूरो रिपोर्ट। 26 अगस्त 2024*
*#फफूँद,औरैया।* फफूँद बाबरपुर मार्ग पर स्थित गांव भर्रापुर के सामने 25 वर्ष पहले विधायक निधि से बाउंड्रीवालका निर्माण कराया गया था। परिसर के अंदर एक शहीद सिपाही की मूर्ति लगने जा रही थी। मूर्ति लगाये जाने की भनक लगते ही बौद्ध भिक्षु और तमाम ग्रामीण इकट्ठा हो गये और उन्होंने उसे अंबेडकर पार्क बताते हुए मूर्ति लगाने का विरोध किया। तनाव बढ़ता देख पुलिस भी पहुंच गई। मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर ने मूर्ति लगाने में शासन के आदेश का पालन करने का आश्वाशन दिया। जिसके बाद लोग शांत हुए। तब जाकर माहौल शांत हुआ।
सोमवार को फफूँद बाबरपुर रोड़ पर गांव भर्रापुर के सामने रोड़ पर बनी बाउंड्री वाल के परिसर मे गांव के एक शहीद की मूर्ति लगने जा रही थी उस स्थान पर बौद्ध भिक्षुओं की भीड़ इकठ्ठा होने लगी, चर्चा थी कि इस पार्क मे सन 2022 मे शहीद हुए गांव भर्रापुर निवासी धीरज की मूर्ति लगने जा रही है l भीड़ बाउंड्रीवाल परिसर मे जाने लगी l मौके पर बौद्ध भिक्षु बौद्ध सत्य बौद्ध व बौद्ध अनुयाई विजय बहादुर ने बताय कि सन 1998 / 1999 मे तत्कालीन विधायक मोहर सिंह अम्बाड़ी ने विधायक निधि से अम्बेकर की मूर्ति स्थापित करने के लिए यह बाउंड्री बनवाई थी लेकिन मूर्ति नही लग सकी l सोमवार को चर्चा सुनने को मिली कि वहां शहीद की मूर्ति लगाई जा रही है इसलिए हम सब बौद्ध भिक्षु विरोध करने के लिए एकत्रित हुए है हम शांति पुर्वक विरोध करेंगे। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए मौके पर कई थानो की पुलिस को बुला लिया गया था मौके पर एस डी एम सदर राकेश कुमार भी पहुंचे, बाउंड्रीवाल से दूर बम्बा के रोड़ पर खडे बौद्ध अनुयाइयों के पास जाकर उपजिलाधिकारी ने उन्हें समझाते हुए बताया कि यह जमीन बंजर भूमि की श्रेणी मे दर्ज है इसलिए शासन से जिसकी मूर्ति लगाने के लिए आदेश होगा वही मूर्ति लगेगी। भाजपा की सदर विधायका गुड़िया कठेरिया ने कहा कि परिसर में अमर शहीदों की मूर्ति लगाने जाने के लिए परिवारीजनों ने शासन से मांग की थी। इस लिए गांव के शहीद की मूर्ति लगवाई जा रही थी। इससे पहले बौदभिक्षु लोगों ने परिसर में पहुंचकर शहीद की मूर्ति लगाये जाने का विरोध प्रकट किया और अम्बेडकर की मूर्ति लगवाये जाने की मांग करने लगे। मामले को देखते हुए सदर उपजिलाधिकारी को बुलाया गया, तो उन्होंने दस्तावेजो में बंजर जमीन दर्ज होना बताया। इसके बावजूद लोगों ने शहीद की मूर्ति नही लगने दी।