लगभग 20000 आबादी वाले पालिका बिल्हौर को विकास की आस में बीत गए छः माह

:- वार्डों की सडकें – नालियां टूटी पडी,बांस- बल्लियों के सहारे विद्युत सप्लाई करा रही पालिका बिल्हौर
:- पालिका का बेचारा “स्वच्छ भारत मिशन” गंदगी के बोझ तले ही दबकर रह गया ।
आलोक मिश्रा
ग्लोबल टाईम्स 7
न्यूज नेटवर्क
कानपुर / लखनऊ ।
सरकार विकाश कार्यों के लिये पैसा तो खूब पानी की तरह बहा रही है लेकिन किस हद तक पैसा खर्च हो रहा, जिसका हिसाब किताब का लेखा जोखा राम भरोसे ही चल रहा है, चाहे वह विकाश कार्यों का लाखों का बजट नगर पंचायतों व नगर पालाकाओं का हो या फिर ग्राम पंचायतों में विकाश की गंगा रूपी धार के समान बह रहा हो। चहुंओर लूट घसौट का आलम अंधेर ही मचा हुआ है।
बताना है कि जनपद की बिल्हौर आदर्श नगर पालिका परिषद लगभग 20,000 की आबादी कहने के लिए तो शहरी हो गई,लेकिन उन्हें मूलभूत सुविधाएं ही आज भी नहीं मिल मुहैया हो पा रही हैं। कई मोहल्ले की सड़कें,नालियां टूटी हैं। बांस-बल्ली के सहारे कई मोहल्लों में बिजली आपूर्ति हाे रही है। यहां तक की नियमित साफ-सफाई भी नहीं हो पाती है। इलाकाई लोगों का कहना है कि नागरिक सुविधाओं के इंतजार में छः माह गुजर गए लेकिन क्षेत्र में अबतक कोई विकास कार्य नहीं हुआ। यहां तक कि सड़कें, बिजली, जल निकासी,पेयजल तक की समुचित व्यवस्था नहीं है। कई मोहल्ले तो ऐसे हैं, जहां हल्की बारिश में ही जलभराव हो जाता है और लोग पानी और कीचड़ से होकर आने-जाने के लिए मजबूर हैं। वहीं कस्बे को जीटी रोड बाईपास से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर जगह जगह प्लास्टिक और अन्य गंदे कचरे के जमा ढेर स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाते दिखाई दे रहे हैं । यहां गंदगी कब महामारी का रूप धारण कर ले,कुछ कहा नहीं जा सकता है। लेकिन जिम्मेदारों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। स्वच्छ भारत मिशन गंदगी के बोझ तले दबकर रह गया है।
“सड़क बनी न नाली, लाखों हो रहे खर्च”यदि बात करे
बिल्हौर पालिका क्षेत्र की तो पालिका अंतर्गत वार्डों के हाल खस्ताहल ही हैं ।
बताना है कि पालिका के सरदार पटेल नगर,महाराणा प्रताप नगर व जवाहर नगर में जो सड़कें हैं, जो कि पूरी तरह से टूट चुकी हैं। जगह-जगह नालियां टूटी पड़ी हैं। इससे पानी सड़क पर बहता है। सड़क पर फिसलन बढ़ जाती है। इससे आने-जाने में परेशानी होती है। सड़क और नाली क्रास न बनने के कारण जो रास्ता है, उस पर हमेशा कीचड़ रहता है,जिससे लोगों में आने जाने में भी कठिनाई होती है। वहीं वार्ड में पहले से बनी सड़क पूरी भी तरह से टूट चुकी है। जहां पालिका क्षेत्र में विकाश के नाम पर सिर्फ खानापूर्तियां ही हो रही है ।
अब यह देखना होगा कि पालिका कार्यालय में वार्डों में विकाश कार्यों के नाम पर आये लाखों खर्च के लेखा जोखा रूपी बजट का एवं हिसाब किताब के व्यौरा का शासन व जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा देखने की हिम्मत जुटाने का भी प्रयास किया जा सकेगा , याफिर योगीराज के विकाश कार्यों के खर्च का धड्डले से हिस्सा बांट व कमीशन खोरी खुलेआम चलती रहेगी।