उत्तर प्रदेश

वर्षो पहले मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी घोषणा अधिकारियो ने किया दरकिनार

कंचौसी से कानपुर देहात मुख्यालय जोडने वाला कैनाल पटरी मार्ग नही हुआ टू लेन नही चली कोई बस।

ग्लोबल टाईम्स 7 डिजिटल न्यूज नेटवर्क टीम कानपुर देहात उप्र, विशेष संवाददाता सुरेश यादव की रिपोर्ट।

प्रदेश सरकार द्वारा चौमुखी विकास के किये जा रहे दावे झुठे साबित होते दिखाई दे रहे है ,उसकी सबसे मुख्य बानगी कानपुर देहात जिला कंचौसी नगर पंचायत व उससे जुडी बडी ग्रामीण आवादी का मुख्य मार्ग नहर पटरी झीझक रूरा होकर माती मुख्यालय व तहसील डेरापुर जाने वाली सड़क है को गढढा मुक्त करने के प्रति कोई ठोस कदम नही उठाया गया है ।जब कि इसे टू लेन करने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चार साल पहले कंचौसी के मूल निवासी अकबरपुर सासंद देवेन्द्र सिंह भोले द्वारा आयोजित कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप मे सम्बोधित करते हुये कही थी ,जिसकी मांग पूर्व पार्टी रसूलाबाद बिधायक पूनम संखवार व तमाम मंचाशीन नेताओ ने की थी लेकिन आज तक सीएम की घोषणा हवा हवाई है ।तब से कई बार इस रास्ते से वरिष्ठ नेताओ अघिकारियो का आना जाना लगा रहता है । लेकिन मामूली मरम्मत के बाद आज तक इस रोड को न चौडा किया गया है न गढढा मुक्त जिससे जिले के आखिरी किनारे बसे लोग मुख्यालय तक पहुंचने मे दूसरे साधन या मार्ग पर हिचकोले खाने को मजबूर है ।वही वर्ष 2022 मे सासंद देवेंद्र सिंह भोले,की कंचौसी मे मांग पर केन्द्रीय जहाजरानी परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अकबरपुर से कासगंज तक नहर पटरी फोरलेन बनाने की घोषणा की थी और कहा था कि प्रदेश सरकार उन्हे प्रस्ताव भेजेगी तो वह शीघ्र निर्माण की मंजूरी दे देगे। लेकिन देहात औरेया इटावा जनपदो मे मामूली सर्वे के बाद इस पर आगे कोई काम नही हुआ है ।सडक विभाग से जुडे कुछ अधिकारी इसके निर्माण मे सिचाई व वन विभाग द्वारा स्वीकृत न मिलने का कारण बता रहे है ।

Global Times 7

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