दिलीप गोंडवी को मिला सम्मान पुरस्कार अदम जी की रचनाओं को बढ़ा रहे आगे!

लयूँ खुद की लाश अपने काँधे पर उठाये हैं,
ऐ शहर के वाशिंदों , हम गाँव से आये हैं,
ग्लोबल टाइम्स7 न्यूज नेटवर्क
लखनऊ उत्तर प्रदेश
(एसएमसी) (SMC) (नई दिल्ली-28-7-2023)
मुझे सम्मानित करने के लिए विशेष हार्दिक आभार हार्दिक धन्यवाद हार्दिक सादर प्रणाम आपने मुझे इस सम्मान के लायक समझा साथ ही साथ उन तमाम लोगों का हार्दिक धन्यवाद हार्दिक आभार हार्दिक सादर प्रणाम जिन्होंने कठिन से कठिन परिस्तिथियों में भी मेरा साथ नहीं छोड़ा,
सम्मान ये एक ऐसा शब्द है जिससे किसी की कीमत का पता चलता है। यह तो हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में सम्मान का कितना अधिक महत्व है। हर व्यक्ति अपने जीवन में अन्य लोगों से सम्मान प्राप्त करना चाहता है। हालांकि, सम्मान प्राप्त करना व्यक्ति के अपने ही हाथों में होता है, जो दूसरों का सम्मान करता है एवं अपनी फर्ज को ईमानदारी से करता है, ऐसा हर व्यक्ति जगह सम्मान प्राप्त करता है।कई बार किसी व्यक्ति को उसकी प्रतिष्ठा एवं योग्यता के लिए भी सम्मान प्राप्त होता है। वहीं अगर आप दूसरों से सम्मान प्राप्त करना चाहते हैं तो आप भी दूसरों का सम्मान करना होगा और बात करते हुए उनके प्रति सम्मान की भावना का प्रदर्शन करना होगा।

गोण्डा मेरा अपना शहर है
हिंदी के महान कवि श्री राम नाथ सिंह अदम गोंडवी जी की जन्म भूमि
यूँ खुद की लाश अपने काँधे पर उठाये हैं,
ऐ शहर के वाशिंदों ,हम गाँव से आये हैं,
मेरा जन्म हुआ और मेरी माध्यमिक शिक्षा हुई। मुझे हमेशा महसूस होता है कि मैं आज जो कुछ भी हूं, जैसा भी हूं और जहां भी हूं, उसका श्रेय गोण्डा को ही जाता है
श्री राम नाथ सिंह’ अदम गोंडवी जी के परिवार को जन जन के ह्दय में पहुँचाने के लिए हार्दिक धन्यवाद हार्दिक आभार हार्दिक सादर प्रणाम आप सभी मित्रो का शुक्रिया
आप सभी सम्मानित मित्रो के महत्वपूर्ण योगदान के लिए हार्दिक धन्यवाद हार्दिक आभार हार्दिक सादर प्रणाम
और मेरे घनघोर विरोधियो को हार्दिक धन्यवाद हार्दिक आभार हार्दिक सादर प्रणाम
आप सभी सम्मानित मित्रो के आशीर्वाद से ही पुरे देश में सम्मान मिल रहा है
मेरे लिए सौभाग्य की बात है और ये सौभाग्य मुझे आप सभी के प्यार और आशीर्वाद के कारण प्राप्त हो रहा है
आप अपना आशीर्वाद और प्यार युही मुझ पर बनाये रखे ताकि मैं आगे भी आप सबकी उम्मीदों पर खरा उतर सकू
जय हिंद????????
अदम गोंडवी जी के परिवार की ओर से
दिलीप गोंडवी
खतरनाक कवि एंव साहित्यकार
निवास स्थान -आटा पूरे गजराज सिंह परसपुर जिला -गोण्डा- उत्तर प्रदेश -271504/
9958253708
dilipgondvi@gmail.com
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दिल के सूरज को, सलीबों पे चढ़ाने वालो!
रात ढल जाएगी, इक रोज जमाने वालो!
मैं तो खुशबू हूँ, किसी फूल में बस जाऊँगा!
तुम कहाँ जाओगे काँटों के बिछाने वालो !
दिलीप कुमार सिंह उर्फ दिलीप गोंडवी,
(एसएमसी)(SMC)नई दिल्ली-28-7-2023