प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के 75 जिलों में केवल इटावा की तारीफ कि – पीएम स्वनिधि योजना

ग्लोबल टाइम्स 7 न्यूज़ नेटवर्क जिला इटावा ब्यूरो चीफ बृजेश पोरवाल
उत्तर प्रदेश के इटावा में पीएम स्वनिधि योजना में लाभार्थियों को जोड़ने की बेहतर भूमिका पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हौसला अफजाई से प्रशासनिक अधिकारी और भाजपा सांसद हुए गदगद ।
राज्य के 75 जिलों में केवल इटावा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है । इसको लेकर के ऐसा माना जा रहा है कि इटावा के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वनिधि योजना को लेकर के बेहतर भूमिका का कहीं न कहीं निर्वाह जरूर किया है।
असल में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को एक जून को नगर पालिका परिषद में आयोजित हुए समारोह में सम्मानित किया है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और इटावा से भाजपा सांसद प्रो.रामशंकर कठेरिया रहे। इस योजना से जुड़े हुए कार्यक्रम की तस्वीरों को प्रो. कठेरिया ने अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इटावा की इस पहल की तारीफ ट्वीट करते हुए तो की ही है साथ ही सांसद की पोस्ट को री ट्वीट भी किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इटावा के कार्यक्रम की पोस्ट पर कमेंट के साथ-साथ में री ट्वीट किए जाने के बाद प्रशासनिक अधिकारी तो प्रफुल्लित है ही इटावा के सांसद भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं।
असल में डॉ. रामशंकर कठेरिया की पोस्ट को री ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में लिखा कि इटावा की यह पहल बहुत प्रशंसनीय है । ऐसे आयोजन डिजटल लेनदेन को बढ़ावा देने के साथ ही प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में बढ़-चढ़कर योगदान देने वालों को सम्मानित करने का माध्यम भी बन रहे हैं।
जिला नगरीय विकास अभिकरण की परियोजना अधिकारी फरहत इकबाल का कहना है कि प्रधानमंत्री जी के लिए जितने भी शब्द कहे जाए कम ही पड़ेंगे क्यों कि इटावा में जो कार्यक्रम सांसद जी के माध्यम से हुआ है उस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री की ओर से सराहा गया है और उनकी ओर से री ट्वीट भी किया गया है। यह इटावा के लिए तो बहुत ही गर्व की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के बाद हम सभी अधिकारियों ओर कर्मियो की हौसला अफजाई हुई है।
मनोहर कालोनी वासी पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थी रिशु बताते है कि उसने इस योजना के तहत दस हजार रुपए का लोन लिया था कुछ अपने पास से पैसा लगा कर अपना छोटा सा सैलून शॉप चालू किया , जो लोन लिया था उसको धीरे धीरे चुका दिया। दुबारा 2022 में 20 हजार रुपए के लिए आवेदन किया लेकिन लोन केवल दस हजार रुपए ही दिया गया । रिशु का कहना है कि अगर वो किसी और से कर्जा लेकर काम शुरू करता तो उसको ब्याज में ही बड़ी रकम देनी पड़ती लेकिन इस योजना में कोई ब्याज नही देना पड़ा है इसलिए यह योजना बहुत ही बेहतर है।
रिशु की ही तरह कपड़ो पर प्रेस करने का ठेला लगाने वाले रामकिशन का कहना है कि हमने इस योजना के तहत दस हजार रुपए लिए थे जिससे दुकान खोली अपना काम शुरू कर दिया। इस पर कोई ब्याज भी नही लगा। अगर और लोन लेने की जरूरत पड़ेगी तो ओर भी लिया जा सकता है। प्रधानमंत्री की यह योजना बहुत ही बेहतर है।
प्रधानमंत्री की तारीफ के बाद खुश नजर आ रहे पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और इटावा के भाजपा सांसद प्रो.रामशंकर कठेरिया का कहना है कि पीएम स्वनिधि योजना गरीबो,मजदूरों के जीवन उत्थान की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू की गई योजना वाकई में काबिले तारीफ है । प्रधानमंत्री जी चाहते हैं कि इस योजना के जरिए वो गरीब जो रेहड़ी पटरी पर अपना कारोबार करते हैं लाभान्वित हो अपना जीवन उत्थान करके अपने परिवार का सही ढंग से निर्वाह करें। इटावा के कार्यक्रम को प्रधानमंत्री जी ने ना केवल देखा बल्कि अपना आशीर्वाद दिया इसके लिए हम सभी उनका बहुत बहुत आभार व्यक्त करते है।
इटावा के अपर जिलाधिकारी जयप्रकाश बताते हैं कि सराहना सुन कर सभी को अच्छा लगता है। यह प्रधानमंत्री जी की महानता है कि वे सामान्य कर्मचारी के कार्यों को भी महत्व देते है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ऐसी योजना है जो कहीं ना कहीं गरीबी में जीवन बसर कर रहे रेहड़ी पटरी वालों के जीवन में उजाला लेकर आई है।
स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को तब सम्मानित किया गया इस योजना को शुरू हुए तीन साल का वक्त बीत गया। स्वनिधि योजना को ऐसी योजना माना जा रहा है जो रेहड़ी पटरी वालों को कहीं ना कहीं रोजगार देती है और उनको जीवन उत्थान करने में सहायक बन पड़ती है।
इटावा में पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत 7051 लाभार्थी योजना का लाभ ले चुके है। स्वनिधि योजना का लाभ लेने वाले सर्वाधिक फल विक्रेता, सब्जी विक्रेता, हेयर सैलून, अंडा ठेला सहित रेहड़ी पटरी के दुकानदार डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दे रहे है।
पीएम से निधि योजना का शुभारंभ कोविड काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जून 2020 में शुरू की थी। इस योजना का मकसद गरीबी में जिंदगी बसर करने वाले उन मझोले छोटे कामगारों को फायदा पहुंचाना था जिनका कोई सहारा देने वाले नही थे।