माँ का दूध एक प्राकृतिक उपहार-डॉ॰ कुशवाहा !

जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान, स्वस्थ जीवन का आधार
समुदाय में जागरूकता बढ़ाने को 30 जून तक चलेगा अभियान
जनपद में बढ़ा एक घंटे के अंदर स्तनपान का स्तर
जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
03 मई 2023
#औरैया।
एक घंटे के अंदर स्तनपान ही बच्चे के लिए पहला टीका होता है। इसमें जनपद ने बढ़ोतरी हासिल की है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-21) के अनुसार जिले में छह माह तक के 69.4 प्रतिशत बच्चों ने स्तनपान किया जबकि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (2015-16) के दौरान 41.7 प्रतिशत था l यह कहीं न कहीं लोगों में जागरूकता का ही परिणाम है जो लोगों ने स्तनपान के महत्व को समझा हैl लैंसेंट की रिपोर्ट 2015 के अनुसार जन्म के पहले घंटे से लेकर दो साल तक स्तनपान करने वाले बच्चे कम बीमार पड़ते हैं, वहीं स्तनपान नहीं करने वाले बच्चों में बहुत सी बीमारियाँ होने की संभावना होती हैं। इससे शिशु मृत्यु दर बढ़ने की भी संभावना बढ़ जाती है। इसी को कम करने और जन जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल अगस्त में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता हैं।
100 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय के एसएनसीयू इंचार्ज और बाल रोग विषेशज्ञ डॉ रंजीत सिंह कुशवाहा ने कहा कि समाज में स्तनपान को लेकर अभी भी भ्रांतियाँ है उन्हें दूर करना बहुत जरूरी है। शिशु के लिए माँ का दूध एक प्राकृतिक उपहार हैं। स्तनपान न कराना हमारी आर्थिक, सामाजिक और शारीरिक धारणाओं को प्रभावित करता है। आज की विषम परिस्थिति में स्तनपान को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। क्योंकि स्तनपान रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। मां के दूध मे मौजूद एंटीबाडीज शिशुओं को बीमारियों से बचाते हैं। माँ का दूध शिशु के व्यापक विकास,मानसिक विकास, डायरिया, निमोनिया और कुपोषण से बचाने में सबसे कारगर है। जिन बच्चों को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराया जाता, उन बच्चों में मृत्यु की संभावना 33 प्रतिशत कम होती है। वहीं 6 माह की उम्र तक स्तनपात कराने से बच्चों में निमोनिया और दस्त रोग जैसे खतरों की संभावना में भी कमी आती है। इसलिए जरूरी है, कि जन्म के एक घंटे के अंदर ही बच्चे को माँ का दूध पिलाया जाये और बच्चे को 6 माह तक सिर्फ स्तनपान कराया जाए। जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि शिशु को छह माह की आयु तक सिर्फ स्तनपान कराने और उसके प्रति समुदाय में जागरूकता बढ़ाने के लिए सोमवार से “पानी नहीं, केवल स्तनपान” अभियान की शुरुआत हुई है।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार के तत्वावधान में यह अभियान 30 जून तक चलाया जाएगा। इसके तहत आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं को समुदाय में छह माह तक के बच्चों को केवल स्तनपान कराना सुनिश्चित करना है। छह महीने तक सिर्फ स्तनपान बच्चे के लिए अमृत के समान होता है। बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आवश्यक है, कि जन्म के एक घंटे के अंदर बच्चे को स्तनपान शुरू करा दिया जाए। डीपीओ ने कहा कि छहमाह की आयु तक केवल स्तनपान बच्चे के जीवन की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। स्तनपान के फायदे बताते हुए कहा गया कि शिशु के लिए सर्वोत्तम पोषक तत्व, सर्वोच्च मानसिक विकास में सहायक, संक्रमण से सुरक्षा, (दस्त-निमोनिया)। दमा एवं एलर्जी से सुरक्षा, शिशु के ठंडा होने से बचाव, प्रौढ़ एवं वृद्ध होने पर उम्र के साथ होने वाली बीमारियों से सुरक्षा। मां के लिए स्तनपान के फायदे बताते हुए आगे कहा कि जन्म के पश्चात बच्चेदानी के जल्दी सिकुड़ना व रक्तस्राव एवं एनीमिया से बचाव,
कारगर गर्भनिरोधक, मोटापा कम करने और शरीर को सुडौल बनाने में सहायक, स्तन एवं अंडाशय के कैंसर से बचाव आदि हैं।