(खुशियों की दास्तां)

देवास जिले के ग्राम टिगरियासांचा जल जीवन मिशन से हर घर नल से आ रहा है जल
गांव में 75 लाख 50 हजार रूपये की लागत से उच्चस्तरीय टंकी एवं जल वितरण नेटवर्क का किया निर्माण
नल जल योजना से ग्राम टिगरियासांचा के 372 परिवार परिवारों को नियमित मिल रहा पानी
देवास, 16 मार्च 2023/ देवास जिले के ग्राम टिगरियासांचा में जल जीवन मिशन से हर घर नल से जल मिल रहा है। ग्राम में कुल 372 परिवार निवास करते है। ग्राम पंचायत में 75 लाख 50 हजार रूपये की लागत से उच्चस्तरीय टंकी एवं जल वितरण नेटवर्क का निर्माण किया गया है। जिसमे 75 हजार लीटर क्षमता की टंकी एवं 20 हजार लीटर क्षमता का सम्पवेल बना है। योजना के अंतर्गत 01 विधुत ट्रांसफार्मर के माध्यम से विधुत प्रदाय किया जा रहा है। साथही 02 नलकुप एवं 02 हजार 980 मीटर पाईप लाईन के माध्यम में सभी 372 घरों को पर्याप्त, नियमित एवं शुद्ध पानी मिल रहा है। ग्राम के सरपंच श्री महेन्द्र सिंह ने बताया कि गांव में नल जल योजना से गांव के प्रत्येक घर में नल के माध्यम से जल मिल रहा है। गांव में योजना आने के पूर्व पानी की काफी समस्या थी। पानी की आपूर्ति के लिये सार्वजनिक नल कुप पर आश्रित थे जो कि ग्राम से 01 किलो मीटर दूरी पर स्थित है। ग्रीष्म ऋतु में आस-पास के खेतो पर बने कुओं एवं निजी नल कुपो से पानी लाना पडता था। जिसमें गांव की महिलाये ज्यादा प्रभावित होती थी। उनका अधिकांश समय पानी भरने में चला जाता था। ग्राम में पानी की समय-समय पर जांच भी की जार ही है ताकि लोगो को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होता रहे। योजना के उचित क्रियान्वयन के लिए ग्राम पेय जल समिति का गठन किया गया एवं प्रतिमाह प्रति परिवार से जल कर वसूला जा रहा है ताकि लंबे समय तक योजना सुचारू रूप से चला सके। ऑगनवाडी कार्यकर्ता श्रीमती राधा यादव ने बताया कि गांव में नल जल योजना आने के पहले गांव में पानी की बहुत समस्या थी। योजना के आने के बाद गांव की महिलाओं कोपानी परीक्षण का प्रशिक्षण भी विभाग के द्वारा दिया गया है। परीक्षण उपरांत समय-समय पर परीक्षण भी करते है। आंगनवाडी में लगाये गये प्याऊ का अपशिष्ट पानी का बागवानी में उपयोग भी शुरू किया है। योजना के सफल कियान्वयन के उद्देश्य से ग्राम सभा के माध्यम से ग्राम में पेय जल समिति का गठन किया गया एवं समिति के माध्यम से कर वसूली का कार्य किया जा रहा है। विभाग के अधिकारीयों द्वारा समय-समय पर निरिक्षण किया जारहा है एवं तकनीकी सहायता दी जा रही है, साथही जल सरंक्षण, संर्वधन एवं पानी बचाव के तरिकों तथा पेयजल समितियों के सशक्तिकरण के उद्देश्य से उन्हें मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।