उत्तर प्रदेशलखनऊ

बरसात गिरी और कानों में इतना कह गई!

गर्मी किसी की भी हो हमेशा नहीं रहती!!

✍????GLOBAL TIMES7NEWS NETWORK


लोकतांत्रिक देश में जातिवादी परिवेश चरम पर है!अब तो यहां तक लोगों की सोच कायम होती जा रही है जिसका ओहदा सियासी रंग मंच पर दमदार है उसकी जाति का बोलबाला है? अगर सच की सतह पर पहुंच कर अमनो अमान में खलल डालने वालों पर कानून का शिकंजा कसा- संयोग बस अपराधी दुसरी जाति से सम्बन्ध रखता है तो पढ़ें लिखे समाज के लोग भी यह कहने से गुरेज नहीं करते की एकतरफा कार्रवाई सरकार कर रही है।जाति बिरादरी देखकर उत्पीड़न कर रही है!आश्चर्य होता है ऐसे घटिया मानसिकता से भरे लोगों के अल्फाज़ को पढ़कर! उनअपराधियों के तांडव को भूलकर बिरादरी के नाते समर्थन में कसीदे पढ़ने वाले इन्सानियत को भूल जाते है?मैं पूछना चाहता हूं अपराधी की भी कोई जाति होती है क्या?मुझे तो नहीं लगता उनका स्वार्थ जहां टकरायाअपना मकसद पूरा कर जाते हैं!वे न जाति देखते!न धर्म! न मजहब! गजब साहब इस पर भी लोग तर्क कुतर्क कर अपनी सोच को प्रदर्शित कर रहे हैं!अपराधी कोई हो किसी भी बिरादरी का हो जिसने समाज में दहशत पैदा कर खुद का मसौदा तैयार किया है कानून उस पर कभी नहीं रहम करता!उसका हश्र वही होता है जो आज कल हो रहा है!बस मजबूत कलेजा का मुखिया होना चाहिए।दिन दहाड़े हत्या कर समाज में समस्या का अम्वार पैदा करने वालों के पक्ष में कशीदे पढ़ने वालों जरा उनके कारनामों को भी तो देखते!आखिर अकूत सम्पदा लोगों को खौफजदा कर गरीबों की सम्पत्ति पर अवैध कब्जा कर डान कहलाना शान समझते हैं क्या समाज में ऐसे लोगों को जीने का हक है! पूर्ववर्ती सरकार के मुख्यमंत्रियों ने उत्तर प्रदेश के सियासी जमीं पर अपराधियों के सहारे सत्ता पर काबिज होकर जिस युग का आगाज किया उस पर वर्तमान में विराम लगा तो बौखलाहट क्यों! आखिर जिनके शरणागत होकर सियासी ओहदे को पाकर बेखौफ अपराध का बेताज बादशाह जो बने उनके समर्थन में वे सियासत के सूरमा मैदान में आखिर क्यों नहीं उतर रहे हैं! कहां चले गए? अगर वर्तमान सरकार गलत कर रही है तो उसका पुरजोर विरोध होना चाहिए!क्यों नहीं हो रहा है! आखिर क्यों चुप हैं उनके आका जो दिन रात दहशत के साए में सियासत का खिंचते रहे खाका! शायद उनको भी अपनी गलती का एहसास हो गया है!किसी भी अपराधी के पक्ष में- मैं समझता हूं प्रबुद्ध समाज नहीं होता है? जाहिल गंवार अनपढ़ों के बीच में अपने को गरीबों का रहनुमा बनने का स्वांग रचाने वाले हमेशा सफलता कि सीढ़ी पर जाति वादी उन्माद पैदा कर ही चढ़ पाते हैं। कुछ लोगों में जातिवादी फोबिया का बुखार बारहमासी हो गया है! उनकी सोच पर पर्दा पड़ चुका है ‌गलत का हमेशा बिरोध बिल्कुल होना चाहीए! यह हमें सम्विधान में अधिकार मिला है! सच को भी स्वीकार करना चाहिए!दहशत की हवा को आंधी बनाने वाले सियासतदार आज बेजार है।उनके शागिर्द दहशतगर्द खून के आंसू रो रहे हैं!सरकार पर आरोप लगा रहे हैं वह एक खास बिरादरी को टार्गेट कर रही है! क्या यह सच है! मैं उन अपराधियों की फेहरिस्त भी दे रहा हूं जिनपर मुकदमे तो दर्जनों है मगर योगी सरकार में आने के बाद से इनके रिकार्ड में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई!
इस तरह का एक भी उदाहरण देखने को नहीं मिला। कुछ लगातार अपराध कर खुलेयाम सरकार की ब्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं! सच जो है लिखने से मुझे कोई गूरेज नहीं!


मेरा यही अंदाज जमाने को खलता है!!
मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यो जलता है!!


रविवार के दिन हमने हकीकत के सरहद से कुछ हद तक सामंजस्य की ईबारत अपनी भाषा में तहरीर कर सोसल मिडिया पर भेज दिया! फिर क्या था तमाम तीखे कमेन्ट आने लगे?।प्रदेश के अगुआ पर जातिवादी दोषारोपण बेखौफ लगने लगे!लोकतन्त्र है साहब! सबको अभिव्यक्ति की आजादी है! यही तो शब्द सम्विधान का इन्सान को कभी भगवान तो कभी हैवान बना देता है।जब कानून अपना काम करता है तब हाय तौबा मच जाता है! जाति बादी आरोप लगाने वालों से मैं जानना चाहता हूं विकाश दूबे कौन था! उत्तर प्रदेश का कून्टू सिंह कौन है।मेरठ गाजियाबाद के माफिया कौन थे! किस बिरादरी के थे! जिनका नामों निशान मिट गया!,लगातार पुलिस एनकाउंटर कर रही है! क्या वे सब केवल एक बिरादरी के है।सोच बदलिए कानून में सबको बराबर सजा का प्राविधान है!आईए हम उत्तर प्रदेश के कुछ चर्चित अपराधियों पर दर्ज मुकदमो की फेहरिस्त दिखाता हूं जिसको लेकर एक खास तबके में उबाल है!आखिर इनपर क्यों सरकार मेहरबान है?आखिर एक ही बिरादरी के माफियाओं पर कार्रवाई क्यों? कुलदीप सिंह सेंगर जिला उन्नाव कुल मुकदमे 26!‌बृजेश सिंह बाराणसी मुकदमे 106व धनंजय सिंह जौनपुर कुल मुकदमे 46-राजा भैया कुल मुकदमे 31प्रतापगढ-डा उदयभान सिंह कुल मुकदमे 83भदोही-अशोक चन्देल कुल मुकदमे 37हमीर पुर- बीनीत सिंह 34मुकदमे चन्दौली–बृजभूषण सिंह गोंडा कुल मुकदमे 84 चुलबुल सिंह बनारस कुल मुकदमे 53 -सोनू सिंह सुल्तानपुर कुल मुकदमे57-अजय सिंह सिपाही कुल मुकदमे 83 मिर्जापुर- पीन्टू सिंह कुल मुकदमे23 बस्ती–सोनू सिंह कुल मुकदमे48सुल्तान पुर-सनी सिंह देवरीया कुल मुकदमे48– चुन्नू सिंह महोबा कुल मुकदमे 42– बादशाह सिंह महोबा कुल मुकदमे–88 -यह फेहरिस्त आजकल अखबारों में धड़ल्ले से प्रकाशित हो रही है! सूत्रों का दावा है जितने मुकदमे सभी पर उपर दर्ज है उतना मुकदमा केवल माफिया डानो पर देश के तमाम प्रदेशो में अकेले दर्ज है।उनके गुर्गों की फेहरिस्त अलग है जिसको देखकर आप दहल जाएंगे!अदालती कार्यवाही के बीच जेल के भीतर रहकर भी देश की ब्यवस्था को ललकारने वालों पर आजकल यूपी पुलिस यमराज के तरह पलक झपकते ही दुनियां से उठा रही है बता रही हैं कानून से उपर कोई नहीं! अपराधी कोई भी हो सजा से बच नहीं सकता।अपनी सोच बदलिए नजरिया बदलिए कानून सबका हिसाब करता है! किसी का आज होगा! किसी का कल! यू पी पुलिस के वर्दी पर जवां मर्दी का टैग लग चुका है!शानदार वर्दी में कानून के रखवाले अपराधियो का हिसाब किताब पूरा कर रहें है!बस भरोसा कानून पर रखिए? – भरोसा ही सभ्य समाज के भविष्य का निर्माण करता है?—- जयहिंद ????????????????
जे.पी.मिश्र ब्यूरो चीफ कानपुर

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