खनक़ाहे साग़रया चिश्तिया में अक़ीदत के साथ मनाया गया जश्ने ग़रीब नवाज़।

ग्लोबल टाइम्स7 डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क। फरहान सागरी
हरदोई।
प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत ख्वाजा मुईनउद्दीन चिश्ती के अजमेर में हो रहे सालाना उर्स के अवसर पर ग़रीब नवाज़ फाउंडेशन की ओर से कस्बा संडीला के मोहल्ला अशराफ़ टोला मंगल बाज़ार स्थित दरगाह हज़रत सागर मियां साहब में जश्ने ग़रीब नवाज़ का आयोजन किया गया।
जिसमें वक्ताओं द्वारा हज़रत ख्वाजा मुईनउद्दीन चिश्ती ग़रीब नवाज़ रह0 के प्रेम और भाईचारे के सन्देश को जन-जन तक पहुंचाने की बात कही गई।
फाउण्डेशन के उपाध्यक्ष सूफी जाबिर अली की अध्यक्षता में सूफी इकबाल अहमद के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में फाउण्डेशन के सरपरस्त फरीदुद्दीन अहमद ने ख़्वाजा मुईनउद्दीन चिश्ती रह0के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हजरत ख्वाजा गरीब नवाज हमारे देश में इस्लामी शिक्षाओं के अलमबरदार हैं। वह ईरान के संजर शहर से अमन शांति खुशहाली का पैगाम लेकर हिन्दुस्तान आये थे।ग़रीब नवाज़ फ़ाउण्डेशन के महासचिव व सज्जादानशीन मुईज़उद्दीन साग़री चिश्ती ने कहा कि सूफियों ने हमेशा प्रेम और भाई चारे का ही संदेश दिया है। यही वजह है कि मजारों पर विभिन्न धर्मों के लोगों का जमावड़ा रहता है। सूफियों के दरबार में न कोई ज़ात पात है न भेदभाव यहां गुलाब व गेंदे के फूल एक साथ चढ़ाए जाते हैं। मौके पर कहा गया कि ख्वाजा गरीब नवाज ने मोहब्बत की शमां रोशन की। इस शमा की रोशनी पूरे एशिया में फैली। ख्वाजा गरीब नवाज के ख़ास मुरीदों मे हजरत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी रह0 उनके मुरीद हज़रत बाबा फरीद उद्दीन गंजशकर रह0 उनके मुरीद हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया व हजरत अली अहमद साबिर के जरिये मोहब्बत का पैग़ाम पूरे हिंदुस्तान में फैला औलिया ए कराम का मकसद बुराइयों को खत्म कर लोगों के अच्छी राह पर लगाना है।वलियों की जिंदगी से सीख लेने की जरूरत है।सूफी मुन्ना साबरी डॉ.जुबैर अहमद सिद्दीकी, अनवारुल हक, हाफिज फरहान, दावर रजा, हाफ़िज़ फ़रहान,हाफिज फरदीन,हाफिज शाह आलम,हाफिज ज़ीशान,फरहत महमूद ने नात मनकबत पेश की तथा लंगर का आयोजन किया गया।