सुनें नेता जी! कहीं आप की कुर्सी के नीचे छेद तो नहीं,

बीसवीं सदी से आज तक नहीं हो सका है इस २०० मीटर कच्चे सम्पर्क मार्ग का उद्धार !
Global times 7 News Network teem Lucknow Uttar Pradesh
जहां एक ओर देश के प्रधानमंत्री मोदी जी व सूबे के मुखिया बुल्डोजर बाबा की सरकार हर गांव गली मुहल्ले में घर घर, व गांव गांव तक सड़कें , पानी, बिजली आदि की सुख सुविधाएं मुहैया कराने हेतु दिन रात एक किये हैं ,
वहीं पर विभागीय अधिकारियों की सुप्तावस्था व कर्मचारियों की लापरवाहियों का आलम यह है कि गांवों के लोग आज भी बीसवीं सदी के समान विकास की अविरल गंगा की राह देखने पर विवश हैं,
सरकार के जनप्रतिनिधियों आलम यह है कि सिर्फ अपनी वाहवाही बटोरने व कार्यों की प्रगति रिपोर्ट शासन को खूब भेजने से नहीं चूकते नजर आ रहे हैं,
कुछ एक ऐसा ही मामला कानपुर जनपद से बिल्हौर विधानसभा में प्रकाश में आया,
जनपद के २०९ बिल्हौर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले भौसाना गांव के मजरा नुनियन पुरवा से टौडकापुर नेवादा सुक्खा गांवों को जोड़ने वाले लगभग १५०से २०० मीटर बरसात के समय कीचड़ युक्त व कभी धूल उड़ाते हुए इस कच्चे सम्पर्क मार्ग का मिश्रिख लोकसभा व २०९ बिल्हौर विधानसभा के द्वारा कब शिलान्यास महोदय करेंगे, अथवा विधानसभा व लोकसभा के यह दो गांवों के लोग अछूते विकास की राह बीसवीं सदी से अभी तक निहार रहे हैं ! मालूम हो कि जब अभी कुछ दिनों पहले अंग्रेजी शासनकाल के दौरान भौसाना नहर पर निर्मित पुल के टूट जाने अथवा उसके निर्माण कार्य के समय शिवली – शिवराजपुर सम्पर्क से गुजरने वाले दो से चार पहिया वाहन अथवा भारी वाहनों का तांता इसी कच्चे सम्पर्क मार्ग से लगा रहता था,

जिसमें सम्पर्क मार्ग से गुजरने वाले लोगों व ग्रामीणों को बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, जो आज तक इस कच्ची सड़क के डामरी करण के विकास के राह क्षेत्रिय लोगों द्वारा देखी जा सकती है,
विधानसभा द्वारा पारित कर दी गई औचित्य हीन एवं तथ्यहीन सड़क
मालूम हो कि बिल्हौर विधानसभा के वर्तमान विधायक निधि से विधानसभा के अंतर्गत महराज नगर के मजरा सुक्खा नेवादा गांव में एक सड़क बिल्हौर विधानसभा के द्वारा हाल ही में पास की गई है,,जो तथ्य हीन साबित हो सकती है, जोकि सिर्फ एक वाहवाही बटोरने व सिर्फ एक रूतबा गांठने के लिए माना जा सकता है, सुक्खा नेवादा गांव में सड़क राम सरन के दरवाज़े से नहर खेतों से होते हुए नहर पटरी के लिए २०० मीटर सड़क का होगा आगे शिलान्यास, जो तथ्य हीन साबित हो सकती है !

यदि यही २०० मीटर सड़क भौसाना से नेवादा सुक्खा टौडकापुर के लिए पास हो जाती है तो फिर लोगों को समस्या से निजात भी मिल जाता है,
अब सवाल यह उठता है कि २०९ बिल्हौर विधानसभा के द्वारा एक २०० मीटर सड़क खेतों पर सैर करने केलिए क्या बांट दी गई सड़क -? ,
काश! २०० मीटर सड़क बिल्हौर विधानसभा द्वारा इन दो गांवों के बीच पिस रही कच्चे सम्पर्क मार्ग को मिल जाती तो चार चांद लग जाते ।
यह कब सम्भव होगा सांसद जी व विधायक जी -?
मोदी जी व योगी जी के विकास कार्यों की जमीनी हकीकतों से वाहवाही बटोरने का प्रयास किया जा सकता है , लेकिन अफसोस है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा क्षेत्रिय लोगो से कुछ मंथन विचार न करते हुए सरकार का सरकारी धन पानी की तरह से बहा रहे हैं जो तथ्य हीन साबित हो रहा है,
सुना है आज २०९ बिल्हौर विधानसभा व मिश्रिख लोकसभा के माननीय जी द्वारा सड़कें बहुत बांटी जा रही है,
आखिरकार इस २०९ बिल्हौर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले भौसाना व टौडकापुर नेवादा सुक्खा गांवों के बीच पिस रही लगभग १५०से २०० मीटर कच्चे सम्पर्क का उद्धार कब होगा, अथवा सिर्फ जनप्रतिनिधियों द्वारा हवाई बातों अम्बार ही लगा बोट की राजनीति चमकाने का सिलसिला जारी रहेगा,
जिला पंचायत सदस्य ने भरी हामी लेकिन मामला ठंडे बस्ते में तैर गया !
चुनावी माहौल के दौरान अथवा बिगत दिनों पहले जब इस विषय के मुद्दे पर खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से समाचार पत्रों व न्यूज नेटवर्क पर प्रकाशित हुए तो घिमऊ जिला पंचायत सदस्य अंकुश सिंह उर्फ अवकाश ने छाती ठोक कर सम्पर्क मार्ग का शिलान्यास करवाने का एलान तो कर दिया लेकिन बात फिर से वही साबित हो गई ढाक के तीन पात !
आखिर जिला पंचायत के भौसाना, मजरा खंड नुनिया पुरवा व टौडकापुर नेवादा सुक्खा गांव विकास कार्यों से अछूते आज तक क्यों -?
कानपुर जनपद के २०९ बिल्हौर विधानसभा व मिश्रिख लोकसभा के अन्तर्गत आने वाले दो जिला पंचायत क्षेत्र घिमऊ व बिलहन जिनके बजट के अभाव के चक्कर में इन गांवों का विकास कार्य अवरूद्ध रहता है और इन चार गांवों के ग्रामीणों को सिर्फ लालीपाप से भरोसा करना पड़ता है,
जिला पंचायत सदस्य पदों पर आसीन नेताओं ने कभी भी इन गांवों में वोट लेने के पश्चात पीछे मुड़कर नहीं देखा -?
इसका मुख्य कारण यह है कि जिला पंचायत क्षेत्र घिमऊ जहां के वर्तमान सदस्य अवकाश सिंह उर्फ अंकुश सिंह हैं ,
घिमऊ अंतर्गत जो अंतिम पंक्ति के छोर पर बसे अर्थात सरहद के करीब बसे सिर्फ दो गांव टौडकापुर, नेवादा सुक्खा तक विकास कार्यों के बजट का पैसा आते आते खत्म हो जाता है, और इसी तरह से बिलहन जिला पंचायत क्षेत्र से वर्तमान कृष्ण मुरारी पाल सदस्य हैं जिन्हें सिर्फ इन गांवों भौसाना खंड नुयनियन पुरवा में बोट तो दिखा , और झड़ी लगाकर बख्शा के अंदर ग्रामीणों के वोट लेने के पश्चात कभी क्षेत्र के ग्रामीणों की जिला पंचायत सदस्य के बजट के अंतर्गत बह रही अविरल विकास की धारा को लेकर इन गांवों में कभी दर्शन तक नहीं दिये, जोकि एक नेताजी बड़ी बिडम्ना कह लें,
क्या लोकसभा चुनावों से पहले २०९ बिल्हौर विधानसभा से ग्रामीण लगा सकते हैं आस, क्योंकि यहा होती है बड़ी भारी विकास की पोटली!
अब सवाल यह उठता है कि कानपुर जनपद के बिल्हौर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इन गांवों में बह रही विकास की गंगधार की दशा जितनी कहीं जाये उतनी ही काबिले तारीफ है,
क्योंकि विधानसभा बिल्हौर ने कभी बीसवीं सदी से लेकर आज वोट लेने के पश्चात कभी क्षेत्र में लोगों की समस्याओ को लेकर भ्रमण तक नहीं किया जिससे कि लोगों को समझ में आ सके उनका वोट सार्थक बन सका है, देखा जाए तो चंद चाटुकार जैसे लोगों के बीच मदमस्त सांसद, विधायक, व जनप्रतिनिधि आजकल के सिल्फी पोज खिंचवाने में व अपने मियां वाहवाही बटोरने से पीछे नहीं हटते नजर आ रहे हैं, जो कि केंद्र के कर्मठ प्रधानमंत्री मोदी, व सूबे के मुखिया बुल्डोजर बाबा के मंशूबों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं जनप्रतिनिधि !
अब यह देखना होगा कि क्या इन परिस्थितियों में इन गांवों का विकास बोल सकेगा, अथवा नेता जी सिर्फ सेल्फी पोज खिंचवाने में वाहवाही बटोरने में मशगूल रहेंगे, जिला पंचायत के वादों से साल बीत गया समस्या जस की तस, कोई समस्याओ का हल नहीं, लेकिन
शायद कहीं २०९ बिल्हौर विधानसभा से इन गांवों में लोगों को आस जाग सके, और लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री व सूबे के मुखिया का सपना हर घर गांव पानी , सड़क, बिजली, आदि का सपना पूरा हो सके !
संकलन रिपोर्ट – आलोक मिश्रा
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