उत्तर प्रदेश

निजी लाभ के लिए अपात्रों को किया गया अवैध भूमि बिनियतीकरण हुआ निरस्त



*मैंथा तहसील के अन्तर्गत किए गए अवैध आवंटन निरस्त करने के साथ ही प्रकरण में शामिल अधिकारियों पर कार्यवाही की गई संस्तुति*

*ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज़ नेटवर्क 0006*
*राकेश कुमार मिश्रा*
*उपजिला संवाददाता*
*11 अक्टूबर 2024*

                  शिवली, कानपुर देहात |
मैथा तहसील क्षेत्र में अपात्र लोगों  को शिवली कल्याणपुर रोड के किनारे करोड़ों की ग्राम पंचायत जमीन पर तहसील प्रशासन द्वारा विनियमती करण किए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है , आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद से शिकायत के  बाद जिलाधिकारी द्वारा ए.डी.एम. प्रशासन से प्रकरण की जांच कराई गई जिसमें अपात्र लोगों को अनुचित तरीके से भूमि के बिनियमतीकरण के मामले का खुलासा हुआ है | ए.डी.एम. द्वारा जांच करने के उपरांत आवंटियों को अपात्र घोषित करते हुए अपात्र लोगों को नियम विरुद्ध ढंग से लाभ पहुंचाने के मामले में क्षेत्रीय लेखपाल ,राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार एवं तत्कालीन एस.डी.एम. को दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने हेतु संस्तुति करने के साथ ही अवैध तरीके से किए गए विनियमतीकरण को निरस्त करते हुए अवैध कब्जेदारों को भूमि से बेदखल करने की भी संस्तुति करते हुए जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी गई है | प्रेषित जांच आख्या से ग्राम पंचायत की जमीन पर अवैध तरीके से अपात्रों के लाभ पहुंचाने में तहसील कर्मचारियों का भ्रष्टाचार खुलकर सामने आ गया है जिससे ग्राम समाज की संपत्ति को भारी नुकसान हो रहा था | विदित हो कि मैथा तहसील क्षेत्र के टोडरपुर गांव निवासी आयुष त्रिवेदी द्वारा आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश को शिकायती पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि गांव की ग्राम प्रधान किरण देवी ने गांव सभा की चकटोडरपुर  स्थित शिवली कल्याणपुर रोड किनारे की बेसकीमती जमीन को गांव में तैनात राजस्व लेखपाल से मिलकर अपने परिवरीजनों व एक साझीदार के नाम फर्जी व झूठी रिपोर्ट लगवा कर बिनियमतीकरण करा लिया है इससे राजस्व संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया गया है जिसमें एस.डी.एम. सहित तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक व लेखपाल की पूर्ण संलिप्तता है | आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद से शिकायत होने के बाद जिलाधिकारी से संबंधित प्रकरण के संदर्भ में जांच रिपोर्ट तलब की गई थी , मामले पर जिलाधिकारी आलोक सिंह द्वारा ए.डी.एम. प्रशासन अमित कुमार को वस्तु स्थिति की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे | डी.एम.के आदेश पर ए.डी.एम. प्रशासन अमित कुमार द्वारा एस.डी.एम. सुरभि शर्मा के साथ चकटोडरपुर गांव पहुंचकर किए गए विनियमितिकरण की भूमि का स्थलीय निरीक्षण एवं जांच की गई जिसमें अवैधानिक तरीके से अपात्र लोगों को किए गए भूमि विनियंमतीकरण की सच्चाई सामने आ गयी | ए.डी.एम. प्रशासन ने अपनी प्रेषित जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया कि जिन पांच लोगों छाया देवी, सुधा देवी, अर्चना देवी,मानवी देवी व रामबाबू को न्यायालय उपजिलाधिकारी के यहां से कब्जे को लेकर बिनियमतीकरण किया गया था उसमें व्यापक पैमाने पर अनियमितताएं हैं , ए.डी.एम. ने बताया कि भूमि विनियमितीकरण केवल आवेदकों के प्रार्थना पत्र पर न्यायालय में मुकदमा स्वीकार किया गया | राजस्व लेखपाल ने धारा 67 की कार्यवाही किए बगैर सीधे अपात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए 67 क का मुकदमा न्यायालय में डाला और उसपर झूठी रिपोर्ट प्रेषित करते हुए 29 नवंबर 2012 से पूर्व का कब्जा दिखाया साथ ही झूठी रिपोर्ट प्रेषित करते हुए गुमराह किया कि उक्त आवेदकों के पास रहने के लिए कोई दूसरा मकान नहीं है जिस संबंध में मौके पर जाकर जांच की गई तो अवैध कब्जे के रूप में केवल टाट पट्टी, अर्ध निर्मित दुकान का स्वरूप अवैध कब्जे के रूप में मिला ,वहीं कुछ लोगों के कब्जे झोपडी के रूप में मिले, इसके बाद उनके मूल गांव जाकर निरीक्षण किया गया जहाँ आसपास के लोगों से बातचीत के दौरान उनके पूर्व से निर्मित गांव में मकान मिले जिनमें उनका रहना खाना व रात्रि विश्राम आदि होने की पुष्टि हुई इसके अतिरिक्त मकान निर्माण के दौरान लगाए गए विद्युत संयोजन के संबंध में एस.डी.ओ.से जानकारी ली गई जिसमें 15 अक्टूबर 2018 को विद्युत संयोजन किए जाने की पुष्टि हुई जिससे यह सिद्ध हो गया कि एक मकान में वर्ष 2018 में विद्युत संयोजन किया गया मकान निर्माण के समय विद्युत संयोजन की आवश्यकता होती है इससे यह निर्माण 2018 के आसपास ही हुआ होगा जिसमें लेखपाल द्वारा 2012 से पूर्व की रिपोर्ट लगाकर न्यायालय को गुमराह किया | शेष अन्य कब्जेदारो के पास कोई विद्युत संयोजन भी नहीं है, वहीं तहसील प्रशासन के अन्य अधिकारी राजस्व निरीक्षक सुरेंद्र सिंह व तहसीलदार प्रियासिंह अपात्र लोगों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से अपने दायित्व का सही ढंग से पालन न करते हुए राजस्व लेखपाल द्वारा उपलब्ध कराई गई आख्या को संस्तुति सहित एस.डी.एम. की न्यायालय में अग्रसारित कर दिया गया, एस.डी.एम. जितेंद्र कटियार द्वारा भी ग्राम सभा के हितों को सुने बिना तथा शासकीय अधिवक्ता को संज्ञान में लिए बगैर एक ही तारीख में बिना किसी सम्मन व नोटिस के तामील कराए बगैर अवैध कब्जेदारों के पक्ष में भूमि का विनमती करण आदेश पारित कर दिया गया, इसके साथ ही बिनियतीकरण के दौरान धारा 64 के उपाधारा एक ,धारा 63 के निर्दिष्ट नियमों का भी उल्लंघन किया गया तथा इसके साथ ही उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 में दिए गए प्रावधानों को नजरअंदाज करते हुए अफसरो ने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए भूमि का विनिमतीकरण कर दिया जिसको ए.डी.एम. प्रशासन अमित कुमार द्वारा अपनी जांच में अवैध घोषित करते हुए बिनियमतीकरण की कार्रवाई को निरस्त करते हुए अवैध कब्जे को बेदखल करने के साथ ही संबंधित लेखपाल सुजीत सिंह, राजस्व निरीक्षक सुरेंद्र सिंह ,तहसीलदार प्रिया सिंह एवं तत्कालीन उप जिलाधिकारी  जितेंद्र कटियार के विरुद्ध अपने पदेन दायित्व का पालन न करने और ग्राम समाज की जमीन को अपात्र लोगों के नाम बिनियमतीकरण करने के आरोप में कार्यवाही करने की संस्तुति सहित जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है | की गई शिकायत के परिपेक्ष्य में की गई जांच से ग्राम समाज की जमीन पर अपात्रों को लाभ पहुंचाने का तहसील प्रशासन के अधिकारियों का चल रहा खेल का भंडाफोड़ हो गया है |

Global Times 7

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