उत्तर प्रदेश

अपने भक्तों के अहंकार को दूर कर भगवान दिखाते हैं सत्मार्ग

कथा के पांचवें दिन आचार्य ने श्रोताओं को सुनायी गोबर्धन पूजा की कथा

ग्लोबल टाइम्स- 7 न्यूज़ नेटवर्क 0006
राकेश कुमार मिश्र
उपजिला संवाददाता
18 मई 2024

शिवली कानपुर देहात, देवताओं सहित सांसारिक जीवों को जब अपने वैभव और ऐश्वर्य शक्ति आदि पर अहंकार हो जाता है तो ईश्वर उनकी रक्षा करने हेतु उनके अहं को अपना निवाला बनाकर और उन्हें सत्मार्ग पर ला देते हैं , उक्त प्रसंग शिवली क्षेत्र के भोला निवादा गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस पर आचार्य अनिल पांडेय ने श्रोताओं से कही , बताते चलें कि क्षेत्र के भोला निवादा गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस की कथा में कथा व्यास अनिल पांडेय ने श्रोताओं को कृष्ण राशलीला व गोवर्धन पूजा की कथा का रसपान करवाया कथा प्रसंग में उन्होंने बताया कि ब्रज की गोपियां कोई साधारण स्त्रियां नहीं थी पूर्व जन्म के बड़े-बड़े ऋषि मुनि संत महात्मा ब्रज में गोपी बनकर आए थे , भगवान कृष्ण की भक्ति को पाना ही उनका परम उद्देश्य था इसलिए उनके मनोरथ पूर्ण करने के लिए अपनी बांसुरी का निनाद किया सभी ब्रज गोपियों को बुलाकर शरद पूर्णिमा को महारास कर कामदेव का अभिमान दूर कर दिया | आगे की कथा में कहा कि जब देवों के राजा इंद्र का घमंड अपने चरम सीमा पर पहुंच गया तो घमंड को दूर करने के लिए गोवर्धन पूजा करवाई जिससे इन्द्र अपने को अपमानित मानकर क्रोधित हो गये और मेघों के साथ बृज मंडल में मूसलाधार बारिश करने लगे, मूसलाधार बारिश से सभी को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपने एक ऊंगली पर सात दिनों तक पर्वत को उठाये रखा सारे प्रयासों के बाद हार कर इन्द्र भगवान श्री कृष्ण के पैरों पर आ गिरे और अपने किए की माफी मांगी, शरणार्थी इन्द्र को भगवान ने क्षमा कर उनका घमंड चूर चूर किया।ऐसा मार्मिक प्रसंग सुन श्रोतागण मंत्र मुग्ध हो गए। कथा के दौरान राघवेन्द्र प्रताप सिंह,राजू यादव सहित सैकड़ो श्रोतागण मौजूद रहे।

Global Times 7

Related Articles

Back to top button