उत्तर प्रदेश

पुलिस की वर्दी का दुरुपयोग कर आम जनता की आवाज को नही दबाया जा सकता।


क्या कहती है जनता और उनके विचार।

ग्लोबल टाईम्स 7 डिजिटल न्यूज नेटवर्क लखनऊ/औरैया उप्र.मुख्य संपादक डा. धर्मेन्द्र गुप्ता

कहते है कि यदि शासन प्रशासन सख्त हो तो जनता की आवाज को नही दबाया जा सकता। पीड़ित व्यक्ति की सच्ची आत्मा से निकली आवाज को नजरंदाज करके अपना बड़प्पन और स्वार्थ देखना ,भगवान को धोखा देना है। कस्बा कंचौसी में यही नजारा देखा जा सकता है।पुलिस की वर्दी का दुरुपयोग आम जनता के लिए सिर दर्द बना हुआ है। पीड़ितों के दुख दर्द को ध्यान में रखते हुए कस्बे कुछ सभ्रांत व्यक्तियों ने अपने अपने विचार कुछ इस प्रकार व्यक्त किए है।
कंचौसी संघर्ष समिति के अध्यक्ष ताराचंद पोरवाल ने कहा कि पीड़ित व्यक्ति की आवाज जब कोई नही सुनता है तब ईश्वर उसकी मदद करने के लिए किसी न किसी रूप में आकर मदद करते है।
कस्बा कंचौसी निवासी वरिष्ठ समाज सेवी सत्यनारायण दुबे बब्लू पंडित का कहना है कि किसी भी सरकारी पद पर आसीन व्यक्ति को अपने पद और कुर्सी का सम्मान रखना चाहिए।यही देश की सच्ची सेवा और कर्तव्य है। किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता है और उसी के ट्रेक्टर का चालान एक पुलिस वर्दी धारण द्वारा काटा जाना अत्यंत निराशाजनक और विचारणीय बात है।
बांके बिहारी इंटरप्राइजेज के मैनेजिंग डायरेक्टर,समाज सेवी और कोरोना काल में हजारों गरीबों की मदद करने वाले शिवम यादव टोनू ने अपने विचार प्रकट करते हुए बताया कि गरीबों और पीड़ितों की जब कोई मदद नहीं करता तब ईश्वर उसकी मदद करते है।इसलिए पीड़ितों को न्याय दिलाना ही सच्ची देश सेवा है।
कस्बा कंचौसी नहर बाजार निवासी जन जन के लोकप्रिय और समाजसेवी मझले पंडित ने बताया कि जो जनता को न्याय न दिलाकर गरीबों का ही उत्पीड़न करे ऐसा पुलिस प्रशासन जो वर्तमान में कस्बा कंचौसी बाजार में चल रहा है वह संतोषपूर्ण नही है।
उपरोक्त लोगों के विचारों से निष्कर्ष यही निकलता है कि जनपद औरैया और प्रदेश में ईमानदार,सच्चे विचार धाराओं और राष्ट्र हित के लिए कार्य करने वाले अधिकारियों की कोई कमी नही है। पीड़ितों को न्याय दिलाने में उनकी भूमिका का हम सभी लोग स्वागत और सम्मान करते है।
जय हिंद, जय भारत।

Global Times 7

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