अपेक्षा महिला एवं बाल विकास समिति से जुड़कर महिलाएं बनी आत्मनिर्भर

फूलों की खेती से हो रही आमदनी से महिलाएं बनी सशक्त व स्वावलंबी
घरों में बढ़ा आत्मसम्मान परिजन संतुष्ट होकर कर रहे पूरा सहयोग
जीटी-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट रामप्रकाश शर्मा।
07 मार्च 2024
#औरैया।
जनपद औरैया के विकास खंड औरैया के गाँव शिवकरपुर की रहने वाली शिव बाबा स्वयं सहायता समूह से जुड़कर अपेक्षा महिला एवं बाल विकास समिति की सचिव रीना पांडेय के मार्गदर्शन में ब्रम्हादेवी ने वर्ष 2020 से गेहूं, धान व सरसों की खेती को छोड़ फूलों की खेती करना शुरू किया। ब्रम्हा को शुरुवात में अकेले ही संघर्ष भरे कदमों में चलना पड़ा। लोग हंसी उड़ाते। घर के लोगों ने बात करना बंद कर दिया। एक बार तो इनके ससुर ने खेत में लगे गेंदा को ब्रम्हा के न रहने पर जुताई करा दिया और कहा कि नुकसान हो जाएगा, फूलों की खेती करना बस की बात नहीं है। कहाँ बिकेगे फूल, मन्दिर-मन्दिर बैठना पड़ेगा।

फूलों की खेती करने वाली ब्रम्हादेवी ने अपेक्षा महिला समिति की सचिव रीना पांडेय को ये बात बताई और दुःखी हो गई। फिर रीना पांडेय ने परिवार के लोगों को बैठकर समझाया और मंडी की बात बताई। इसके फायदे बताए तो दुबारा पौधे दिलवाए और खेत में पुनः रोपाई की गई। उसी समय से लगातार ब्रम्हादेवी फूलों की खेती कर रही हैं। अब ब्रम्हा अकेले ही नहीं शिव बाबा समूह से जुड़ी सभी महिलाये भी ब्रम्हा के साथ हो गई और ब्रम्हा के घर वाले भी अब संस्था के प्रति कृतज्ञ हुए और कहा कि फूलों की खेती तो अन्य फसलों से 6 गुना अधिक फायदा देती है।

प्रतिदिन समूह के सदस्य अब 700 से 800 रुपये के फूल बेचते हैं। सहालग और अन्य पूजा के अवसर में मुनाफा और अधिक होता है। पहले फसल जब आती थी 6 महीने में तभी पैसा दिखता था। अब रोज की कमाई हो गई। परिवार के सदस्य भी अब मदद करते है। सभी बहुत खुश है। शिव बाबा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी ब्रम्हा रजनी, मालती, सीमा व साधना अब अपने परिवार के खर्च के लिए दुसरो के सहारे नही हैं। अब अपने घर मे पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। फूलों की खेती से इनके जीवन मे भी फूलों सी ही खुशबू बिखर गई है। परिवार के सदस्य इनकी बात मानते है। इनसे सलाह लेते हैं। अपने बच्चों को पढ़ाने कोचिंग भेजने के लिए अब इनको सोचना नही पड़ता है।