बेहमई हत्या काण्ड में चल रही तारीख़ पर तारीख का हुआ अंत

ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात
कानपुर देहात
चार नामजद सहित 35 अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुई थी रिपोर्ट
अधिवक्ता गिरीश नारायण दुबे के अनुसार मामले में 14 फरवरी 1981 की शाम पांच बजे घटना हुई थी जिसकी एफ आई आर वादी मुकदमा राजाराम ने आठ बजे चार नामजद आरोपी फूलन देवी, राम अवतार ,मुस्तकीम,व लल्लू सहित 35 – 36 अज्ञात बदमाशों के खिलाफ दर्ज कराई थी ।
इनकी हुई थी मौत
बेहमई नरसंहार में जगन्नाथ सिंह ,तुलसीराम ,सुरेन्द्र सिंह ,राजेन्द्र सिंह ,लाल सिंह ,रामधार सिंह ,वीरेंद्र सिंह ,शिवराम सिंह ,रामचंद्र सिंह , शिवबालक सिंह ,नरेश सिंह ,दशरथ सिंह ,बनवारी सिंह ,हिम्मत सिंह ,हरिओम सिंह ,हुकुम सिंह सहित 20 लोगों की मौत हुई थी.
6 लोग हुए थे घायल
जिला शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल ने बताया कि बेहमई कांड में 26 लोगों को लाइन में खड़ा कर उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं गई थी जिनमें 20 लोगों की मौत हुई थी वहीं छह लोग रघुवीर ,देव प्रयाग , कृष्णा स्वरूप ,गुरुमुख सिंह ,जंटर सिंह व वकील सिंह गंभीर रूप से घायल हुए थे।इन्हीं घायलों को अभियोजन ने अपना मुख्य गवाह बनाया था।जिनकी गवाही अदालत में करवाई गई थी
मुठभेड़ में कई डकैत मारे गए थे
अधिवक्ता गिरीश नारायण दुबे के अनुसार बेहमई कांड के बाद उसी दौरान पुलिस ने कार्यवाही करते हुए कई डकैतों को अलग अलग मुठभेड़ में मार गिराया था इसमें मुस्तकीम,लल्लू,बलवान,मोती, ललतू ,रामशंकर,बलराम सिंह,वृंदावन,रामप्रकाश और श्याम शामिल थे।
फूलन देवी की गिरफ्तारी में पुलिस रही नाकाम
बेहमई कांड में मुख्य आरोपी फूलन देवी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने जमीन आसमान एक कर दिया था लेकिन लगातार फूलन देवी के बदलते ठिकानों के चलते पुलिस उस तक कभी पहुंच नहीं सकी थी हालांकि इस दौरान पुलिस को कई डकैतों को मुठभेड़ में मार गिराने में सफलता मिली थी। बेहमई कांड के दो साल तक पुलिस फूलन देवी की सिर्फ तलाश ही करती रही इसी बीच 13 फरवरी 1983 को फूलन देवी ने अपने साथियों सहित मध्य प्रदेश के भिंड जिले में तत्कालीन मुख्यमंत्री के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
डकैत से सांसद तक का सफ़र फिर हत्या
ग्यारह साल बाद 1994 में फूलन देवी ने जेल से रिहा होने के बाद राजनीत में कदम रख दिया 1996 में समाजवादी पार्टी की टिकट पर मिर्जापुर से सांसद बन गई दो साल बाद 1998 में हुए चुनाव मे हार गई वहीं फिर 1999 में हुए चुनाव में दूसरी बार सांसद चुनी गई लेकिन दुर्भाग्यवश ज्यादा दिनों तक कुर्सी का सुख नहीं मिल सका 25 जुलाई 2001 में दिल्ली में फूलन देवी को घर पर शेर सिंह राणा नाम के व्यक्ति ने गोली मार कर हत्या कर दी थी.