जान जोखिम में डालकर पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को सरकार
आवश्यकता पड़ने पर दे सुरक्षा।

ग्लोबल टाइम्स 7 डिजिटल न्यूज नेट वर्क,ब्लॉक रिपोर्टर कंचौसी,सहार,जनपद औरैया।
उत्तर प्रदेश।
पत्रकार को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है।देश दुनिया की हलचल और जानकारी जन जन तक पहुंचाने में पत्रकार की विशेष भूमिका होती है। निष्पक्ष और सत्यता दिखाने के लिए पत्रकारों को कभी कभी जान जोखिम में डालकर भी घटना की सच्चाई को कबरेज करना पड़ता है और ऐसी स्थिति में पत्रकारों पर हमला भी हो जाता है।जब तक मीडिया कर्मी अपने बारे में कुछ बता सके पानी सिर के ऊपर से निकल जाता है।कहने का तात्पर्य यह है कि वह चाहे मंत्री हो,विधायक हो,नेता हो या भू माफिया ,अपने आप को कानून और संविधान से भी ऊपर समझने लगता है उस समय एक पत्रकार को समाज में नीचा देखने पर मजबूर होना पड़ता है।कारण यह है कि उस पत्रकार की आवाज को वहीं दवा दिया जाता है और कानूनी प्रक्रिया की कोई कार्यवाही नहीं हो पाती। मालूम हो कि किसी भी राष्ट्र की उन्नति,प्रगति,विकास अथवा समृद्धि में मीडिया की अहम भूमिका होती है।लेकिन सच तो यह है कि चाहे वह प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ,इतना सब कुछ होते हुए भी उनको सरकार की ओर से उचित सहूलियत प्रदान नही की जाती। पत्रकारों की सुरक्षा और समय समय पर उनकी आर्थिक मदद करने के लिए सरकार को पहल करना चाहिए ताकि मीडिया से जुड़े सभी लोग अपने आप में यह महसूस कर सके कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ वास्तव में मीडिया है जो जन हित और राष्ट्रहित के लिए सदैव जान जोखिम में डालकर भी खड़ा रहता है।