मन्दिर में स्वच्छता कर किया गया खिचड़ी वितरण

ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात
पुखरायॉ
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का सांस्कृतिक और ज्योतिषी महत्व है। मकर संक्राति के दिन भगवान सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इस दिन सूर्य देव उत्तरायण होते है। इस दिन, लोगों के लिए दही चूड़ा और खिचड़ी जैसे पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेने की प्रथा है जिसके पीछे एक ज्योतिषी कारण है। मौहर देवी मन्दिर में स्थानीय लोगों के द्वारा खिचड़ी वितरण किया गया
ज्योतिषी कारण बताते हुये प॔ः मनोज त्रिवेदी ने बताया कि खिचड़ी में डालने वाली हर एक सामग्री का अलग महत्व होता है। यूं तो खिचड़ी आम दिनों में भी खाया जाता है, लेकिन मकर संक्रांति को खाई जाने वाली खिचड़ी काफी खास होती है। ज्योतिष शास्त्र में खिचड़ी में प्रयुक्त होने वाले चावल को चंद्रमा से जोड़कर देखा जाता है, जबकि दालों को शनि ग्रह के प्रतिनिधित्व के रूप में देखा जाता है। वहीं इसमें उपयोग होने वाली हल्दी को बृहस्पति का प्रतीक माना जाता है। नमक का संबंध शुक्र ग्रह से है और खिचड़ी में शामिल सब्जियों का संबंध बुध ग्रह से माना जाता है। माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का सेवन स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों को दूर करने का आशीर्वाद देता है। खिचड़ी शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद करती है। विशेष रूप से, शनि के नकारात्मक प्रभाव का अनुभव करने वाले व्यक्तियों को प्रभाव को कम करने के लिए मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने की सलाह दी जाती है। ज्योतिषियों का मानना है कि ऐसा करने से शनि का अशुभ प्रभाव कम होता है। इस दिन खिचड़ी के सेवन के अनेक लाभों के देखते हुये खिचड़ी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवाहन पर मन्दिर परिसर में झाडू लगाने के बाद धुलाई कर मन्दिर स्वच्छता अभियान को सफल बनाया। इस मौके पर राघव ओमर किशन गुप्ता मदन मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे वही नगर के मुख्य मार्ग पर कई जगहों पर खिचड़ी वितरण किया गया