लखनऊ

ब्लाकों में अभी तक “कैटिल कैप्चर गाड़ी” के दर्शन तक नसीब नहीं,कैसे हो सके “अन्ना मवेशी” सुरक्षित

:- “माननीय जी” ! कैसे मिल सकेगी किसानों व राहगीरों को अन्ना पशुओं से राहत !

:- विकास खंडों के क्षेत्र पंचायत निधियों के खातों में से जैम एप्प पोर्टल पर रजिस्टेशन उपरांत गाडी खरीदने होती है प्रक्रिया पूर्ण !

:डीएम कार्यालय सिर्फ सीवीओ से बात करने की बार बार दे रहा अपना पल्ला झाडने की प्रतिक्रिया ।

आलोक मिश्रा

ग्लोबल टाईम्स 7 न्यूज नेटवर्क
कानपुर/ लखनऊ ।
एक ओर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ बार बार किसानों के खेतों,गांवों व सड़कों पर घूमने वाले आवारा अन्ना पशुओं को जल्द से जल्द संरक्षित किये जाने का सख्त निर्देश जारी किए जाने की हिदायत दे रहे, तो दूसरी ओर से जनपदों से लेकर विकास खंड स्तरीय अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवेहलना कर नियमों की धज्जियां भी उड़ानें से पीछे हटते नहीं दिखाई पड़ रहे हैं,
सूबे के प्रमुख सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने भी पूर्व में कई बार बैठकें आयोजित कर हर हाल में अन्ना पशुओं को संरक्षित कराये जाने का फरमान जारी किया था, लेकिन जमीनी सच्चाईयां सिर्फ महज एक आदेश पत्रों के पन्नों तक ही जिम्मेदार अभी तक समेटे हुए हैं, जहां सड़कों पर खुलेआम विचरण करने वाले अन्ना पशुओं से राहगीर चुटहिल हो रहे तो सैकडों की लागत व खून पसीना एक कर हरी भरी फसलों को किसानों के खेतों पर अन्ना पशुओं के आतंकों से फसलें बर्बाद होकर चौपट हो रही है, रातों में हाड कपाऊ ठंठ एवं सर्द हवाओं के चलते खेतों पर रखवाली करने वालों किसान सरकारी व्यवस्थाओं को कोसते हुये दिखाई दे रहे हैं ।

हर ब्लाकों में सरकार ने कैटिल कैप्चर गाड़ी की व्यवस्था,अभी तक नहीं हो रहे दर्शन

विदित हो कि शासन स्तर से जारी निर्देशों के क्रम में सूचनाओं पर अन्ना पशुओं को पकड़ने अर्थात अतिशीघ्र संरक्षित किये जाने हेतु प्रत्येक विकासखण्ड में एक एक कैटिल कैप्चर गाड़ी की व्यवस्था की गई है, जिससे कि अन्ना पशुओं को संरक्षित कराये जाने में मदद मिल सके। देखने में प्रायः आया कि अभी तक अधिकतर ब्लाकों में गाड़ी के दर्शन तक नहीं हो सकें हैं ।
यदि बात की जाय
नगर जनपद के दसों ब्लाकों यथा – कल्याणपुर,बिल्हौर, शिवराजपुर,ककवन, सरसौल,घाटमपुर, बिधनू,भीतरगांव, पतारा, चौबेपुर आदि की बात की जाए तो शायद ही किसी व्लाक में अभी तक गाडी खरीदी गई हो। किसी किसी ब्लॉक में क्षेत्र पंचायत निधि से खरीदी जाने वाली कैटिल कैप्चर गाड़ी की प्रक्रिया कछुए की चाल रही है ।अर्थात गाडी पहुचने की प्रक्रियायें राम भरोसे ही चल रही है ।

विभागीय आधिकारिक सूत्रो के मुताबिक शासन से निर्देशित कैटिल कैप्चर गाडी खरीदने की प्रक्रिया में जैम एप्प पोर्टल के जरिए पहले गाड़ी खरीदने हेतु रजिस्ट्रेशन व पेमेंट करने का प्रावधान है, जिसका पेमेंट ब्लाक के क्षेत्र पंचायत निधि खाते होता है, जब अहम बिंदुओं की प्रक्रियायें पूर्ण हो जाती है उसके बाद उस ब्लाक में गाड़ी मुहैया हो जाती है । इधर,मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार का सीयूजी नंबर +919454418877 पर मीडिया टीम द्वारा वार्ता हेतु जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की गई तो उन्होने फोन नाटरीचेबल ही जाता रहा। अब यह देखना होगा कि क्या शासन स्तर से निरंतर जारी किए जा रहे निर्देशों पर जिला व ब्लाक स्तरीय प्राशनिक अधिकारी व कर्मचारी कितना खरा उतरने का प्रयास करेंगे,वह देख लायक भी बिषय बनता है ।और मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा द्वारा अन्ना पशुओं को संरक्षित कराये जाने का भी निर्देश जिम्मेदार लोगों के प्रति कितने मायने रख सकता है,देखा जा सकता है ।

Alok Mishra

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