उत्तर प्रदेशलखनऊ

योगी राज में लापरवाहियों का आलम अंधेर दौड लगा रहा,सरकारी व्यवस्था हुई पूर्णतया धडाम:-

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दिलीप नगर बैंक शाखा से जुडे करीब दर्जनभर से अधिक गांवों के बेचारे सैकडों खाता धारकों की उड गई पेंशन,

:- बैंक अधिकारियों व विभागीय अफसरों की लापरवाहियों का खामियाजा भुगत रहे सैकडों बृद्ध व महिला पेंशन लाभार्थी,

:- खाता धारक काट रहे नित समाज कल्याण विभाग,कृषि विभाग व बैंक कर्मचारियों के दफ्तरों के चक्कर, लाभार्थी बना घनचक्कर !

लाभार्थियों का आधार सम्वंधित बैंक शाखाओं में लिंक न होना यह बैंक की समस्या है, यह मेरे विभाग की समस्या नही है,पेंशन धनराशि आधार लिंक खातों के माध्यम से ही स्थानांतरित होती है – त्रिनेत्र सिंह,समाज कल्याण विभाग

:- एनपीसीआई सर्वर पर आधार लिंक होना जरूरी है,जिन जिन लाभार्थियों को पेंशन आदि की समस्या आ रही है,वह विकास भवन मेरे कार्यालय आकर समस्या दर्ज करा सकते है, सम्वंधित अधिकारियों निर्देशित कर त्वरित समाधान कराया जायेगा – गजेंद प्रताप सिंह, जिला विकाश अधिकारी

लखनऊ / कानपुर ।

योगीराज में आये दिन नये नये आदेश रूपी फरमानों के जारी होने से ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को अच्छा खासा खामियाजा भुकतना पड रहा है जिसके कारण लोग सरकार के नियमों को कोसते हुये नजर आ रहे हैं, सरकार भले ही भ्रष्टाचार रूपी तंत्र को खत्म करने के पूरे प्लान में है लेकिन निचले स्तर पर इसका दुष्प्रभाव ही जा रहा है, क्योकि ग्रामीण क्षेत्रों में गांव की जनता के यह सब कुछ समझ से परेह ही रहता है, आखिर इन गम्भीर समस्याओं में किसे जिम्मेदार माना जाये जनता याफिर सरकारी अफसर अथवा शासन ?
डिजलीकरण तो भरपूर हो रहा है, लेकिन गांवों में योजनायें धरातल पर जिम्मेदार अफसरों की निष्क्रियता के चलते पूर्णतया हांफ रही हैं, अर्थात निचले स्तरपर
जिसमें कि सम्वंधित विभागों के सरकारी अफसर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नही करना चाह रहे जिससे कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनायें धरातल पर उतरने के साथ ही साथ भ्रष्टाचार रूपी मकडजाल के तंत्र में भी लगाम लग सके ।

ग्रामीण क्षेत्रों में बेहसारों विधवा दिव्यांग व बृद्ध जनों की सहारे की एक मात्र लकडी पेंशन, वह भी अधर में लटकी

यदि बात की जाय ग्रामीण क्षेत्रो के बृद्धजनों, दिव्यांग व विधवा महिलाओं की तो इन दिनों हालत बदतर है, शासन द्वारा खाते में एनपीसीआई व्यवस्था लागू होने से हर गांव क्षेत्रों में करीब आधा सैकडा पेंशन लाभार्थियों की पेंशन ही बैंक शाखा कर्मचारियों व सम्वंधित विभागीय असफरों की लापवाहियों के कारण उड गई,
उदाहरण के तौर पर जनपद के शिवराजपुर विकास खंड से लगभग १४ किमी दूरस्थ न्याय पंचायत दिलीप नगर जो अति पिछडे क्षेत्र में भी गणना की जाती है।
जिसमें नौ ग्राम पंचायतें सहित तीन दर्जन से अधिक गांव व मजरे समाहित हैं, हालत यह है कि इन गांवों के लोगों की समस्याओं की सुध लेने वाले कोई नहीं,
विकरु ग्राम पंचायत मजरा गांव नेवादा निवासी बृद्ध मेवालाल बताते हैं कि भैय्या हम बूढे लोगो को सरकार बुढापे में सहारे की एक जो पेंशन भी देती थी वह भी बैंक कर्मचारियों व विभागीय अधिकारियों की कार्यशैलियों के कारण कट गई, बसेन गांव निवासी बृद्ध अमृत लाल ने बताया कि सरकार का नया कोई एनपीसीआई सिस्टम लागू हुआ है,जिसके कारण हम बृद्धों को समाज कल्याण विभाग व बैंक कर्मचारियों के दफ्तरों में चक्कर काटने पड रहे हैं,
महिला रामरानी ने कहा कि बैंक कर्मचारी सभी पेंशन लाभार्थियों को विकास भवन भेजते है तो विकास भवन के अधिकारी बैंक में आधार लिंक कराने के लिये वापस फिर से बैंक ही भेज देते हैं, हम लोग दो मास से पेंशन के लिये दौड भाग ही कर रहे हैं, वोट लेने तो सभी आते हैं लेकिन हम विधवा महिलाओं की कोई सुध लेने वाला नही हैं।

क्षेत्र में सिर्फ एक ही बैंक शाखा होने के चलते मनमानी करने का फायदा उठा रहे अफसर व कर्मचारी, बैंक व्यवसाय ग्रोथ पर भी रूकावटविकाश खंड की

इस न्याय पंचायत दिलीप नगर के करीब तीन दर्जन गांव के लोगों के पैसों का लेन देन सिर्फ एक ही बैंक शाखा से होता है, कारण यहां खाता धारकों के लिये सिर्फ एक ही बैंक बडौदा यू पी ग्रामीण बैंक है, जिसमें खाता धारकों में पेंशन, गैस सब्सडी, मनरेगा,आवास, इत्यादि कार्य का पैसा भी एक मात्र बैंक से ग्राहकों को बमुश्किल से मिल पाता है, तो वहीं एक मात्र बैंक शाखा होने का फायदा कर्मचारी भी उठाते रहते हैं । बात करे बैंक व्यवसाय की तो व्यावसायिक लोगों को भी रूपये पैसे के लेने देन में सहूलियतें न मिल पाने के कारण बैंक शाखा से कतराते रहते हैं जिसके कारण बैंक शाखा का व्यवसाय ग्रोथ भी गिरता जा रहा है, जहां लोगों की नजरों में सिर्फ पेंशन, मनरेगा वाली बैंक बनकर रह गयी । शायद कहीं इसी के कारण बैंक व्यवसाय का भी ग्रोथ धीरे धीरे निचले स्तर पर सिखकता जा रहा है, दूसरी ओर विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यशैलियों व व्यवहारिकता पर भी कुछ निर्भर होता है ।

बृद्ध जनों,दिव्यांग किसानों की पेंशन कटौती, अफसरों की लापवाही से कहीं मिशन 2024 जनप्रतिनिधियों के लिये नासूर न बन जाये

क्षेत्र में शासन स्तर से बैंक खाता के जरिये किसानों को मिलने वाली दो हजार किस्त, बृद्ध, विधवा, दिव्यांगों को पेंशन की कटौती आगामी लोकसभा चुनाव मिशन 2024 में एक बडा नासूर न बन कर खडा हो जाये, जिससे सम्वंधित विभागीय अफसरों ल कर्मचारियों की लापवहियों के कारण वर्तमान सरकार को ग्रामीण क्षेत्र की खिसियाहट का खामियाजा बेफजूल में उठाना पड जाये, जिसमें खबर रिपोर्ट के जरिये आगाह कराना है कि यह नसूर न पनपने पाये क्षेत्रिय जनप्रतिनिधि सजगकता व सचेत होकर क्षेत्र के लोगों की विभागीय असफरों संग गांव गांव कैम्प आयोजित कराते हुये क्षेत्रिय जनता की गमभीर समस्याओं का निराकरण करने प्रयास करें जिससे लोगों को राहत की सांस मिलने की साथ ही साथ ही प्रतिदिन व्यर्थ की भागदौड से अपना बचाव कर सके ।
अब यह देखना होगा कि क्या पिछडे क्षेत्र दिलीप नगर की जनता की समस्याओं को दूर कराने के लिये सत्ता पक्ष अथवा विपक्षी दलों के प्रतिनिधि भी आगे आ कर लोगों की समस्याओं को दूर कराने की कोशिश भी करेंगे ।

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