उत्तर प्रदेशलखनऊ

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के प्रशिक्षण के लिए ब्लॉक स्तरीय संदर्भदाता हुए प्रशिक्षित

औरैया नगर क्षेत्र सहित 07ब्लॉकों से दो-दो संकुल शिक्षक एवं सुपरवाइजर हुए शामिल

जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
25 नवंबर 2023

#औरैया।

शनिवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अजीतमल औरैया के सभागार में प्राथमिक विद्यालयों मे को- लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रो पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के ट्रेनिंग के लिए ब्लॉक स्तरीय संदर्भ दाता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया प्रशिक्षण में जिले के सभी 7 ब्लॉकों से दो-दो संकुल शिक्षक एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग से दो-दो सुपरवाइजर ने प्रतिभाग किया है। प्री प्राइमरी त्रिदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन डायट प्राचार्य गंगा सिंह राजपूत ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित कर किया गया। ट्रेनिंग में आंगनबाड़ी केंद्र पर नामांकित तीन से छह आयु वर्ग के बच्चों के लिए 52 सप्ताह की गतिविधियों पर आधारित विभाग से उपलब्ध कराई गई सीखने सिखाने की सामग्री के बेहतर प्रयोग की जानकारी दी गई सामग्री से बच्चों के शारीरिक विकास बौद्धिक विकास मौखिक भाषा विकास सामाजिक विकास भावनात्मक एवं रचनात्मक विकास की गतिविधियों को कैसे बेहतर बनाया जाए एवं उपलब्ध सामग्री जैसे गतिविधि कैलेंडर पहला पुस्तिका कैलेंडर निर्देशिका कलांकुर वंडर बॉक्स, चहक, परिकलन एवं गतिविधि पुस्तिका के साथ एनबीटी की पुस्तक को कैसे प्रभावी एवं बेहतर प्रयोग किया जाए इस बारे में जिला स्तरीय संदर्भ दाता डायट प्रवक्ता डा. निधि अवस्थी, एसआरजी सुनील दत्त राजपूत, अरुण कुमार एवं योगेश कुमार ने विस्तार से चर्चा की।
डायट प्राचार्य ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 20-20 के परिप्रेक्ष्य में राज्य द्वारा की जा रही पहल के महत्व पर चर्चा की एवं बताया कि प्री प्राइमरी शिक्षा के बेहतर प्रयोग के लिए बच्चों के स्तर के अनुसार गतिविधियां कराई जाएगी बच्चे आगामी कक्षाओं के लिए अपनी बेहतर समझा बना सकेंगे तार्किक सोच का विस्तार हो सकेगा एवं एक बेहतर भविष्य की संकल्पना की जा सकती है। डायट प्रवक्ता निधि अवस्थी ने को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्य आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को डाइट में मिले प्रशिक्षण से प्रशिक्षित करने की बात कही है। इस अवसर पर एसआरजी सुनीलदत्त राजपूत ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास में अभिभावक, समाज तथा शिक्षक, सभी की महती भूमिका होती है। परिवार के सदस्य अपनी समस्त अपेक्षाएं और संभावनाएं अपने बच्चों में देखना चाहते हैं। बाल्या वस्था से ही बच्चों के साथ शैक्षिक क्रियाकलाप उनकी क्षमता एवं दक्षता विकास के लिए अति आवश्यक होते हैं। विशेष रूप से तब, जब बच्चे शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से ज्यादा सक्रिय होते हैं। बच्चों की क्षमता एवं अनुभव का उपयोग करते हुए उनकी भाषायी दक्षता को विकसित करने के लिए यह आवश्यक होता है कि उनके साथ व्यवस्थित रूप से जानकारियों को साझा किया जाए तथा उन्हें भाषायी कौशल विकसित करने के लिए उचित वातावरण दिया जाए। पाठ्यपुस्तक में निहित सामग्री/विषयवस्तु बच्चों को यह अवसर देती है कि शिक्षकों की मदद से तथा स्वतंत्र रूप से वे पुस्तक के साथ संवाद कर सकें। पाठ्य पुस्तक में विषयवस्तु को उनकी वयवर्ग, क्षमता, अनुभव तथा रुचि को ध्यान में रखकर समाहित किया गया है।

Global Times 7

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