उत्तर प्रदेशलखनऊ

बेलगाम अफसरशाही, अब तो न्यायिक आदेश भी ठेंगे पर

-मनमानी के चलते बीएसए अनिल कुमार आ गए न्यायालय अवमानना के शिकंजे में

जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
20 सितंबर 2023

औरैया। प्रदेश में सभी व्यवस्थायें सुचारू रूप से चलाने तथा भ्रष्टाचार व दलाली खत्म करने के जिस उद्देश्य से सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी अधिकारियों को बिना किसी दबाव के कार्य करने की खुली छूट दी थी। उनके इस उद्देश्य पर अब नौकरशाही हावी होती दिखाई दे रही है और अधिकारी इस खुली छूट का पूरी तरह फायदा उठाकर खुद मनमानी करने पर तुले हुए हैं। उनके मनमानीपूर्ण रवैये से अभी तक तो जनता, अधीनस्थ एवं जनप्रतिनिधि भी त्रस्त थे। लेकिन अब यह अधिकारी हाईकोर्ट के आदेशों को भी हवा में उडा कर ठेंगा दिखा रहे हैं। अपनी कद्दावर नौकरी में मदहोश होकर बेफिक्री की चादर ओढ़े ऐसे तमाम अधिकारियों द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों के पालन न करने की बानगी सामने आ चुकी है। ऐसा ही एक मामला और प्रकाश में आया है, जिसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी ने हाईकोर्ट के आदेशों का भी पालन करना जरूरी नहीं समझा। वहीं अब हाईकोर्ट ने इसे अवमानना मानते हुए उन्हें नोटिस जारी करते हुए एक महीने के अंदर जबाव दाखिल करने को कहा है।
बता दें कि शिक्षक कुल्दीप कुमार चतुर्वेदी सहायक अध्यापक के रूप में सदर विकास खण्ड के उच्च प्राथमिक विद्यालय जैतपुर कम्पोजिट में तैनात हैं। बीते वर्ष 2022 में तत्कालीन बीएसए ने शिक्षक कुलदीप चतुर्वेदी की वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई की थी। जिस पर शिक्षक इलाहाबाद हाईकोर्ट गया और वाद दायर किया। जिसमें हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए शिक्षक के प्रति की गई कार्रवाई को गलत माना और बीएसए के सभी आदेशों को शून्य घोषित करते हुए शिक्षक को सभी लाभ उपलब्ध करने के आदेश जारी किए थे। यह आदेश 17 अप्रैल 2023 को जारी किए गए थे और इस समय जिले के बीएसए अनिल कुमार सिंह थे जो कि वर्तमान में भी उक्त पद पर ही हैं। अब इसे हठधर्मिता कहें या उदासीनता कि करीब 5 महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बाद बीएसए द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया। इधर जब हाईकोर्ट के आदेशों का पालन भी बीएसए द्वारा नहीं किया गया तो पीड़ित शिक्षक ने एक बार फिर उच्च न्यायालय की शरण लेते हुए अवमानना का वाद दायर कर दिया। जिस पर कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी को एक महीने के अंदर अपना जबाव दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं। शिक्षक कुलदीप चतुर्वेदी ने बताया कि वह जन सूचना अधिकार के तहत सूचना मांगने में सक्रिय रहते हैं। जो अधिकारियों की गले की फांस बनी रहती है। इसी से खिन्न होकर अधिकारियों ने उसपर यह दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की। बताया कि हाईकोर्ट के आदेश जारी होने के बाद भी वह कई बार बेसिक शिक्षा अधिकारी से अपनी शिकायत कर चुका है। लेकिन उन्हें वेवजह परेशान किया जा रहा है। फिलहाल हाईकोर्ट के नोटिस के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। यहां यह बात और महत्वपूर्ण है कि बीएसए द्वारा शिक्षक पर की गई कार्रवाई को हाईकोर्ट ने आधारहीन माना। वहीं 5 महीने तक कोर्ट के आदेशों का पालन न करना बेसिक शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार एवं मनमानीपूर्ण रवैये को भी उजागर कर रहा है।

Global Times 7

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