उत्तर प्रदेशलखनऊ

मौसम की बेरुखी से सूखे का खतरा ,अन्नदाता चिंतित

ग्लोबल टाइम्स 7
डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क
तहसील सिकंदरपुर
अतुल कुमार राय
GT 70021

सिकन्दरपुर (बलिया)।किसान किसी तरह धान की रोपाई तो कर लिए, लेकिन समय पर बारिश न होने से अब धान मुरझा रहा है। लगातार उमस भरी गर्मी और तेज धूप से क्षेत्र वासी परेशान हो रहे हैं। वहीं मानसून की मार झेल रहे किसान भी फसल को लेकर परेशान हो रखे हैं। किसी तरह मुरझाए धान के फसल को बचाने के जद्दोजहद में लगे हुए हैं।मौसम विभाग द्वारा पूर्व में अच्छी बर्षा की भविष्यवाणी के आधार पर सिकन्दरपुर क्षेत्र के किसानों ने बड़े पैमाने पर धान की रोपाई की थी। लेकिन अब बारिश न होने के कारण किसान बहुत ही चिंतित हैं। इस कारण से धान की फसलें सूख रही हैं या सुखने की कगार पर हैं। वहीं कीट व रोग भी तेजी से प्रभावी हो रहें हैं, जबकि तिली और बाजरा के पौधे भी तेज गर्मी के कारण पीले पड़ने लगे हैं। भीषण गर्मी के साथ निष्क्रिय विद्युत सप्लाई का ऐसा ही हाल रहा तो आगामी एक पखवाड़े में फसलें सूख जाएंगी। सिकन्दरपुर क्षेत्र में अब तक बारिश ना के बराबर ही हुई है। ट्यूबवैल से सिंचाई पर निर्भर किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से वह लाचार हैं। भगवान भास्कर के तल्ख तेवर व भीषण उमस से कई जगह धान के खेतों में दरारें भी पड़ रहीं हैं। पूर्व में भीषण सूखे का दंश झेल चुके किसानों ने बारिश के पूर्वानुमान के आधार पर बड़े पैमाने पर धान की फसल की रोपाई की है। गत सप्ताह से ही वर्षा न होने के कारण खेत में खड़ी धान की फसलें पानी के अभाव में सूख कर बर्बाद हो रही हैं। इससे किसान फसलों की बर्बादी के कारण काफी चिंतित हैं। खास बात यह कि पिछले 25 दिन से क्षेत्र में बरसात न होने के कारण धान की फसल में कीट-पतंगों से होने वाला रोग भी तेजी से फैल रहा है। लिहाजा धान की पत्तियां रोगग्रस्त होकर तेजी से सूख रही हैं। बारिश कम होने से क्षेत्र में धान फसल के साथ तिली बाजरा सहित अन्य खरीफ फसलों के पौधे भी तेज गर्मी के कारण पीले पड़ने लगे हैं। दस से पंद्रह दिन और ऐसा रहा तो फसलें सूख जाएंगी। इससे किसानों को एक बार फिर से सूखे का सामना करना पड़ेगा। सिकन्दरपुर क्षेत्र में बारिश की कमी के चलते खरीफ फसल सूखने के कगार पर हैं। वहीं सफलों की सिंचाई के लिए किसान ट्यूबवैल से सिंचाई पर निर्भर हैं। लेकिन इसके लिए उनको पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। गणेश राय, निर्भय नारायण राय,लालबाबू राय,किसान अर्जुन यादव, शंभू यादव, रविन्द्र गुप्ता, तारकेश्वर गुप्ता व मंटू राय आदि किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग द्वारा नहर में भी सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी भी नहीं छोड़ जा रहा है। क्षेत्र की नहरे पूरी तरह से सुखी पड़ी है। इसके अलावा योगी सरकार के दावों के ठीक उलट क्षेत्र में बिजली का पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है, जिससे गांवों में बिजली समयानुसार नहीं पहुंच पा रही है, जिससे ट्यूबवैल भी लाचार हालत में बंद पड़े हुए हैं। इस समय किसानों की धान की फसल बर्बाद के साथ ही पशुओं के चारे का भी संकट पैदा हो गया है। जो चरी और ज्वार किसान ने बोई थी। वह भी बिना पानी के सूख रही है। हालात ये हैं कि चारे की कमी के कारण ज्वार की कीमत पांच हजार से लेकर छह हजार रुपए प्रति बीघा हो गई है। जबकि हर साल ज्वार की फसल 15 सौ से लेकर ढाई हजार रुपए बीघा बिकती थी। यहां पर बिजली के न आने का समय है और न जाने का समय है। कभी-कभी तो बिजली आती है, पर वोल्टेज इतनी कम होती है कि ट्यूबवेल की मोटर भी नहीं चल पाती है। बरसात न होने और बिजली आपूर्ति न आने से सिकन्दरपुर क्षेत्र का किसान इस साल बर्बादी के कगार पर खड़ा है। अब सवाल ये उठता है कि किसान अपना दुखड़ा सुनाए तो किसे कोई सुनने वाला तक नहीं है।

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