उत्तर प्रदेशलखनऊ

मनुष्य को अपने पाप को छुपाना नहीं चाहिए आचार्य बिमलेश त्रिवेदी

ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात

पुखरायॉ

श्री हनुमान बाल सेवा समिति के द्वारा बर्तन बाजार में चल रही श्रीराम कथा के पंचम दिवस में
चित्रकूट धाम से पधारे परम पूज्य संत विमलेश त्रिवेदी महाराज के द्वारा श्री राम कथा करते हुए अहिल्या उद्धार के प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया जब भगवान श्री राम विश्वामित्र के साथ मिथिला के राजा जनक के यहां धनुष यज्ञ में शामिल होने जा रहे थे उसी रास्ते पर एक आश्रम मिला जो निर्जन स्थान पर था तब प्रभु श्री राम ने विश्वामित्र से आश्रम के बारे में पूछा गुरुदेव यह आश्रम किसी संत का है परंतु यहां पर बड़ी उदासी दिखाई पड़ रही है वही आश्रम के मुख्य द्वार पर यह पत्थर की शिला कैसी पड़ी है तब विश्वामित्र ने श्री राम को कथा सुनाई राघव यह गौतम ऋषि का आश्रम है औ र मुख्य द्वार पर जो पत्थर सिला देख रहे हैं वह गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या है जिसके साथ देवराज इंद्र ने छल किया था तो गौतम ऋषि ने पत्थर होने का श्राप दे दिया था पत्थर की हो जाओ वही पत्थर की हो गयी अर्थात अहिल्या पत्थर बनकर आश्रम के मुख्य द्वार पर गिरी तब श्रीराम ने अपने चरण रज से माता अहिल्या का उद्धार किया और माता अहिल्या भगवान श्री राम की स्तुति करके अपने पति के लोग गौतम ऋषि के पास पहुंची वही महाराज आचार्य परम पूज्य श्री विमलेश त्रिवेदी ने बताया कि हम मनुष्यों से पाप नही होना चाहिए अगर हमसे कोई भूल बस पाप हो जाता है तो माता अहिल्या की तरह निष्ठा पूर्वक पाप का प्रायश्चित करना चाहिए जैसे भगवान उस जीव पर प्रसन्न हो जाते हैं और उस पर कृपा कर देते हैं यह भी बतलाया कि पाप को कभी भी छुपाना नहीं चाहिए बल्कि बताना चाहिए महाराज आचार्य ने बताया कि भूल बताने से पाप नष्ट हो जाता है

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