अपहरण और हत्या के कुल 5 आरोपियों को न्यायालय ने दोष मुक्त किया।

ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, समाचार संपादक डॉ धर्मेंद्र गुप्ता औरैया, उत्तर प्रदेश।
औरैया। अभियोजन साक्ष्यों से कोई भी आरोप की पुष्टि न होने पर हत्या और अपहरण के कुल 5 आरोपियों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम प्रकाश नाथ श्रीवास्तव ने बरी कर दिया है। मामला सदर कोतवाली क्षेत्र का था जहां 02 जुलाई 2004 को अयाना थाना क्षेत्र के गंगदासपुर गांव निवासी वीरेंद्र सिंह उर्फ जाड़े की अपहरण कर हत्या कर दी गई थी जिसमे गंगदासपुर निवासी शंकर सिंह, अरविंद सिंह, मलोल सिंह और नरेंद्र सिंह के अलावा अयाना थाना क्षेत्र के रम्पुरा गांव निवासी उदयबीर सिंह उर्फ कुद्दु सिंह को आरोपी बनाया गया था। सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
अभियुक्तों की ओर से न्यायालय में इस पूरे मामले की पैरवी एडवोकेट वैभव शुक्ला, एडवोकेट हरि शंकर शर्मा और एडवोकेट अनूप चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से की। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने न्यायालय में तर्क देते हुए कहा कि यह पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित है जिसमे अभियोजन साक्ष्य से अभियुक्तों द्वारा अपराध कारित करने का कोई कारण इंगित नहीं किया गया है। इसके अलावा असाधारण विलंब से लिखाई गई एफआईआर से मृतक वीरेंद्र सिंह जाड़े के साथ अभियुक्तों का अंतिम बार देखा जाना भी प्रमाणित नहीं होता है। इसके अलावा परिस्थितिजन्य साक्ष्य की भी कोई कड़ी नहीं जुड़ती है यह यह स्थापित कर सके कि अभियुक़्तों के अलावा भी अन्य कोई इस अपराध का कारक हो सकता है। अभियुक्तों के अधिवक्ताओं वैभव शुक्ला, हरिशंकर शर्मा और अनूप चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से न्यायालय में कानूनी पक्ष रखते हुए कहा कि 5 जुलाई 2004 को मृतक वीरेंद्र सिंह जाड़े दो अज्ञात व्यक्तियों के साथ में औरैया शहर में शराब पी रहा था और वही लोग वीरेंद्र जाड़े को लेकर गए थे और 7 जुलाई 2004 को वीरेंद्र सिंह जाड़े की लाश इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र से बरामद हुई थी। पूरे मामले में अभियुक्तों का वीरेंद्र सिंह की हत्या करने का कोई स्पष्ट कारण भी नहीं दिखा और न ही मृतक के साथ उनका अंतिम बार देखे जाने का ही कोई साक्ष्य प्रमाणित हुआ है। मृतक वीरेंद्र सिंह जाड़े दस्यु सम्राट निर्भय गुर्जर के खिलाफ पुलिस के लिए मुखबिरी करता था जिसकी वजह से डाकू निर्भय गुर्जर ने दो अज्ञात लड़कों के माध्यम से वीरेंद्र सिंह जाड़े की हत्या कर दी। अभियुक्तों के अधिवक्ताओं के तर्कों और साक्ष्यों को देखते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम प्रकाश नाथ श्रीवास्तव ने सभी पांचों अभियुक्तों को दोष मुक्त कर दिया है।