उत्तर प्रदेशलखनऊ

बसपा की गतिविधियां जिले में पड़ी सुस्त चुनाव तक कैसे होगा संगठन दुरुस्त

जिले की जनता समस्याओं से त्रस्त बसपाई मस्त कैसे मिलेगा सत्ता का छत्र

ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज नेटवर्क, सिटी रिपोर्टर अनुज यादव औरैया।

औरैया। पिछले वर्षों में जिले में विधानसभा की लगभग सभी सीटों पर अपना वर्चस्व कायम रखने के साथ प्रदेश की सत्ता पर काबिज रही बसपा को पता नहीं ऐसी किसकी नजर लग गई है कि वह जिले की राजनीति के हाशिए पर सिसकियां भरती नजर आ रही है। बसपा की सुस्त पड़ी गतिविधियों के चलते पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता पार्टी संगठन की खस्ताहाली से बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं लेकिन पार्टी आलाकमान द्वारा पार्टी की जिले में दिन प्रतिदिन खराब हो रही स्थिति पर ध्यान न दिए जाने से आगामी चुनावों तक
औरैया जिले में बसपा के दिन बहुरने के आसार फिलहाल दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं। जिले की राजनीति के जानकारों का मानना है कि बसपा की कमजोरी से उसका आधार वोट बैंक उसके पाले से खिसक कर बहुतायत में भाजपा के साथ जुड़ गया है जिससे जिले में बसपा की कमजोरी बढ़ी है। पार्टी संगठन की मजबूती के लिए पार्टी आलाकमान को पुनः जमीनी धरातल पर संगठन को मजबूत करने की जरूरत है। वहीं बसपा दिग्गज पार्टी की कमजोरी के आरोपों को निराधार करार दे रहे भैया यह पब्लिक है सब जानती है। पिछले वर्षों में औरैया जिले में विधानसभा की लगभग सभी सीटों पर बसपा द्वारा अपना दबदबा कायम रखने के साथ ही कई बार प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई बसपा सरकार में सत्ता का सुख भोग चुके जिले के बसपाई विधानसभा के पिछले लगभग 3 चुनावों से पार्टी के सत्ता से बेदखल होने के बाद इतने हताश निराश और मायूस हो गए हैं उनकी राजनैतिक गतिविधियां जिले में एकदम ठप सी पड़ी नजर आ रही। पहले समय में बसपा से जुड़े बामसेफ कार्यकर्ताओं के साथ भाईचारा कमेटियों व बसपा संगठन के पदाधिकारियों की गांव गांव बैठकें होने के साथ रात्रि में शिविर लगाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी की मजबूती के संबंध में प्रशिक्षण दिए जाने के साथ जनता को भी सीधा पार्टी के साथ जोड़ने का प्राणप्रण से प्रयास होता था जिससे बसपा संगठन जिले में अचानक राजनीति के शिखर पर पहुंच गया था लेकिन बाद में प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई सपा सरकार और फिर बाद में दो बार प्रदेश की सत्ता पर आसीन हुई भाजपा सरकार में जिले में बसपा की दुर्दशा से बसपाई इतने मायूस हो गए कि कार्यकर्ताओं की कौन कहे पार्टी संगठन के पदाधिकारियों की गतिविधियां भी एकदम सुस्त पड़ गई है। इसी के चलते भाजपा द्वारा अपनी तीन तिकड़म की बदौलत बसपा के आधार वोट बैंक को प्रभावित कर बहुतायत में अपने पाले में समेट लिया गया है जिससे प्रदेश के अन्य जिलों में भले ही बसपा की हालत सुधर जाए लेकिन औरैया जिले में आगामी चुनावों तक बसपा के दिन बहुरने के आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं जिले में बसपा संगठन की कमजोरी की हालत के चलते अधिकांश प्रमुख बसपा दिग्गज काफी पहले ही बसपा को अलविदा कह कर दूसरे दलों में चले गए हैं। स्थिति यह है कि जिले में आम जनता महगाई भ्रष्टाचार बेरोजगारी सड़क खड़ंजा आवास गंदगी चिकित्सा शिक्षा जैसी प्रमुख समस्याओं के मकड़जाल में फंसी कराह रही है किंतु इसके बावजूद जिले में कहीं भी बसपाई इसके खिलाफ सड़कों पर संघर्ष करते दूर-दूर तक नहीं दिख रहे हैं ऐसे में यह पब्लिक है सब जानती है भला ऐसे में कैसे हो सकेगा बसपा का बेड़ा पार? हालांकि जिले के बसपा दिग्गजों द्वारा जिले में बसपा की कमजोरी के आरोपों को निराधार बताते हुए बसपा संगठन को सबसे अधिक मजबूत होने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन जिले की राजनीति की बारीकी से परख करने वाले इस पर ठहाका लगाकर हंसने से नहीं चूक रहे हैं।

Global Times 7

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