UP Budget 2023 : छुट्टा गोवंश के लिए 750 करोड़ रुपये आवंटित नहीं दिखेंगे सड़क पर अन्ना जानवर!

ग्लोबल टाइम्स7 न्यूज नेटवर्क
लखनऊ उत्तर प्रदेश !
योगी सरकार के आज विधानसभा में पेश किए गए बजट में पशुपालन क्षेत्र पर खास ध्यान दिया गया है. यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पेश किए गए बजट में निराश्रित एवं छुट्टा गोवंश के संरक्षण, पशु रोग नियंत्रण एवं नस्ल सुधार के उपायों पर बजट में प्रावधान किए गए हैं.
योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दूसरे बजट में पशुपालन को कृषि का मूल आधार मानते हुए इस क्षेत्र में चल रही योजनाओं के लिए विभिन्न मदों में बजट राशि का आवंटन किया है. यूपी के वित्त मंत्री ने कुल 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. इसमें पशुपालन, मत्स्य पालन एवं उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए तमाम योजनाओं का बजट आवंटन किया गया है. पशुपालन क्षेत्र की अगर बात की जाए तो बजट प्रस्ताव के अनुसार प्रदेश में कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के अन्तर्गत कान्हा गौशाला के निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2023 -24 के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
बेसहारा गोवंश का होगा संरक्षण
वित्त मंत्री खन्ना ने बजट प्रस्ताव में कहा कि प्रदेश के निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण के लिए सरकार सतत प्रयत्नशील है. उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए प्रदेश के सभी जिलों में 187 वृहद गौ-संरक्षण केन्द्र का निर्माण कराने का लक्ष्य तय किया गया है. इस लक्ष्य के सापेक्ष 171 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश की समस्या से सबसे ज्यादा बुन्देलखण्ड क्षेत्र प्रभावित रहा है. इस योजना के अंतर्गत बुंदेलखंड क्षेत्र के प्रत्येक जिले में 05-05 गौ-आश्रय केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि जिन जिलों में अभी गौ संरक्षण केन्द्र का निर्माण बाकी है, उन जिलों में कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के अन्तर्गत कान्हा गौशाला के निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2023 -24 के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
पशु रोग नियंत्रण
खन्ना ने कहा कि बजट में छुट्टा गोवंश के रख-रखाव पर वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है. यह राशि छुट्टा गोवंश की देखरेख, उनके खानपान और आश्रय पर खर्च की जाएगी. इसके अलावा प्रदेश में वृहद गौ संरक्षण केन्द्रों की भी स्थापना की जाएगी.
खन्ना ने कहा कि इसके लिए बजट में 120 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इन सभी वर्गों में शामिल पशुपालन से जुड़े पशुओं के रोग नियंत्रण हेतु बजट में अलग से प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि पशु रोग नियंत्रण हेतु बजट में 116 करोड़ 52 लाख रुपये की व्यवस्था करने का प्रस्ताव है.
भेड़ पालन को मिलेगा बढ़ावा
वित्त मंत्री ने कहा कि पशुपालन के अंतर्गत अच्छी नस्लों की भेड़ों के पालन को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए प्रदेश में भेड़ पालन की बाहुलता वाले जिलों में पृथक योजना का प्रस्ताव है. इसके तहत ‘भेड़ पालन योजना’ हेतु 3 करोड़ 44 लाख रुपये की बजट में व्यवस्था प्रस्तावित की गई है.
मत्स्य पालन
बजट प्रस्ताव में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत यूपी में थोक मछली बाजार (होल सेल फिश मार्केट) के लिये 257 करोड़ 50 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है. इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा संचालित ‘मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ के लिए आगामी वित्त वर्ष में 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. योगी सरकार ने बजट में निषादराज बोट सब्सिडी योजना के लिए 5 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण
बजट में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना हेतु 741 करोड़ 98 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. इस योजना के तहत योगी सरकार ने गांव एवं कस्बों में छोटी खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया है. इसी तरह राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन हेतु सरकार ने बजट में 206 करोड़ 27 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की है.
इसके अलावा योगी सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति’ को लागू करने के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है. बागवानी के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में प्रदेश के कृषकों को गुणवत्तापूर्ण टिश्यू कल्चर केला की पौध उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है. इसके लिए ऊतक सम्वर्धन प्रयोगशालाओं की स्थापना कराई जाएगी. इस योजना के लिए सरकार ने 10 करोड़ रुपये की बजट राशि आवंटित करने का प्रस्ताव रखा है. शहद उत्पादन एवं मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सहारनपुर में ‘ सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फाॅर हनी’ की स्थापना के लिये बजट में 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की है.