पशु पालन विभाग :- लापरवाहियों भरा आलम

राजकीय पशु सेवा केंद्र प्रतापपुर धूल फांक रहा,जबकि दिलीप नगर कई वर्षों से एक बिल्डिंग के लिए तरस रहा
:- पशु सेवा केंद्र में चिकित्सक तैनाती का मामला मेरे वश में नहीं,जमीन का प्रस्ताव बनवा कर दे दीजिएगा बिल्डिंग बनवा दी जाएगी – आर पी मिश्रा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
:- सीवीओ सहित अन्य उच्च अधिकारियों से भी इन सभी मामलों को लेकर चर्चा की जाएगी,मेरे द्वारा भी पशु सेवा केंद्रों का निरीक्षण किया जाएगा -रश्मी लाम्बा, एसडीएम बिल्हौर
Global Times7 News Network Lucknow Uttar Pradesh
ALOK MISHRA!
सरकार लाख दावा करे पर अधिकारियों व कर्मचारियों के रवैया में कोई बदलाव नहीं आ रहा है। किसानों व पशुपालकों की बेहतरी का ढिंढोरा पीटने वाली डबल इंजन की सरकार धरातल पर जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली व्यवस्थाओं के चलते पूर्णतया फेल होती दिखाई देती नजर आ रही है । भाजपा सरकार के राज में जिम्मेदारों की निष्क्रियता सिर चढ़ कर बोल रही है। जहां यदि बात की जाए सूबे के पशुपालन विभाग की तो मामले बड़े ही अजीबोगरीब उजागर होकर सामने आ रहे हैं । जहां बल्कि एक तरफ सरकार व शासन स्तर से विभागीय अधिकारियों द्वारा खूब अनाप शनाप पैसा भी लुटा कर ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों रुपए खर्च कर ज्यादातर पशु सेवा केन्द्रों का निर्माण कार्य कराये जा चुके हैं। जो आज कई वर्षों से अच्छी खासी बिल्डिंगें धूल फांकते हुए व झाड़ियों की वशीभूत होकर खंडहर में तब्दील होती दिखाई देकर नज़राना पेश करते हुए प्रतीत हो रही है जो पशु पालन विभाग को अपनी कार्यप्रणाली व्यवस्थाओं पर सीधे तौर पर मुंह चिढ़ाते हुए नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर पशुपालन विभाग में ही किसी किसी केंद्र को कई वर्ष बीत जाने के बावजूद भी आज तक उन्हें बैठने का स्थान तक नहीं मिल सका है जो बहुत ही अचम्भित, आश्चर्यजनक व विस्मृत कर देने वाले मजेदार व अजीबोगरीब मामले सामने उजागर हो रहे हैं जो उच्च पदों पर आसीन पदस्थ व जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह लगता हुआ खुलेआम दिखाई देता नजर आ रहा है ।
मालूम हो कि एक ऐसा ही मामला कानपुर नगर जनपद से प्रकाश में आया है,
जहां जनपद के विकास खंड चौबेपुर के प्रतापपुर निगोहां गांव में ग्रामीणों व पशु पालकों को सुविधाएं मुहैया कराने हेतु सरकार द्वारा लाखों रूपए की लागत से खर्च राजकीय पशु सेवा केंद्र का निर्माण कार्य कराया गया। जहां जिम्मेदार लोगों की उदासीनता एवं कार्यप्रणाली व्यवस्थाओं के तहत एक अच्छी खासी बिल्डिंग आज धूल फांककर झाड़ियों में दबकर आंशू बहाने पर मजबूर हो रही है,
जानकारी पर ग्रामीणों ने बताया कि जब से इस पशु सेवा केंद्र का निर्माण कार्य कराया गया तब से यहां किसी भी पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी को बैठते व आते जाते नहीं हम लोगों द्वारा देखा गया,
और आप बात कर रहे हैं पशुओं के इलाज आदि कराने की । भैय्या तो हम पशु पालकों को समुचित इलाज व्यवस्था कहा से उपलब्ध हो सकेगी ।

पशु सेवा केंद्र प्रतापपुर चिकित्सक बिन धूल फांक रहा,दिलीप नगर पशु सेवा केंद्र के चिकित्सकों को बैठने के लिए आज तक स्थान नहीं मिला सका ।
यदि बात की जाए सरकारी तंत्र के विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली व्यवस्थाओं पर तो सीधे तौर पर प्रश्न चिन्ह ही लगता हुआ दिखाई दे रहा है ।
एक ओर चौबेपुर विकास खंड के प्रतापपुर निगोहां में निर्मित राजकीय पशु सेवा केंद्र को निर्मित कराए जाने के बाद आज तक किसी ने सुध नहीं ली, अर्थात सीधे तौर कहें कि यहां न कोई देखने सुनने वाला है और न ही यहां पर कोई बैठने वाला ही है और जहां आज पशु सेवा केंद्र कई वर्षों से धूल फांकते हुए देखा जा रहा है,वहीं दूसरी ओर जनपद के शिवराजपुर विकास खंड क्षेत्र के दिलीपनगर में राजकीय पशु सेवा केंद्र है, डा विपिन वर्मा की जानकारी के मुताबिक यहां पशुधन प्रसार अधिकारी के तौर विष्णु कुमार पशुधन प्रसार अधिकारी के रूप में तैनाती भी है, लेकिन यदि पशु सेवा केंद्र की बात की जाए तो यहां जब से इस केंद्र की नींव रखी गई तब से आज तक इसे अपनी खुद की बिल्डिंग अर्थात पशु सेवा केंद्र को सरकार व शासन स्तर से विभाग द्वारा भूमि ही नहीं उपलब्ध हो सकी है, जो एक खंडहर नुमा बिल्डिंग तक ही सीमित होकर अपनी मजबूरी वश क्षेत्रिय पशु पालकों व ग्रामीणों को सेवा देता हुआ लगातार चला आ रहा है,
अब यह देखना होगा कि क्या जिसे पशु सेवा केंद्र की वास्तविकता में आवश्यकता है उसे सेवा केंद्र अर्थात विल्डिंग निर्माण कार्य कराये जाने हेतु भूमि को मुहैया कराया जा सकेगा, जिससे कर्मचारियों को बैठने का स्थान प्राप्त हो सके,और दूसरी ओर आज तक जहां चिकित्सक नहीं पहुंचे व विभाग द्वारा निर्मित पशु सेवा केंद्र पर चिकित्सकों की तैनाती नहीं हो सकी वहीं कोई चिकित्सक व कर्मचारी बैठ सकेगा या फिर बिल्डिंगे सफेद हांथी साबित हो कर सिर्फ सरकार व शासन स्तर से जारी धन का इसी तरह से खुलेआम अपव्यय होता रहेगा। और जिम्मेदार विभागीय अधिकारी व कर्मचारी अपनी मदमस्ती में चूर होते हुए भी नजर आते रहेंगे ।

पशु पालन विभाग की लापरवाहियों के कारण पशु पालकों व ग्रामीणों को लेनी पड़ रही प्राईवेट की शरण, मजबूरी वश पाकेट पर डाका ।
शासन स्तर से समुचित व्यवस्थाओं को सुदृढ़ ढंग से जमीन पर लागू न कराये जाने से आज ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालकों को अपने पशुओं की विभिन्न बीमारियों के दवा इलाज इत्यादि के लिए भटकना पड़ रहा है, वहीं प्राईवेट जगहों का सहारा लेने पर मजबूर भी होना पड़ रहा है, जो इस मंहगाई के दौर में पशुओं के इलाज में पाकेट पर भी भारी मार झेलनी पड़ रही है, शायद यदि पशु सेवा केंद्रों पर सुविधाएं मुहैया होती तो काश किसान व पशु पालकों को यह दर्द न झेलना पड़ रहा होता। जो आज पशुपालन विभाग की लापरवाहियों का खामियाजा भुगतने पर पशु पालक व किसान मजबूर हो रहे हैं । और जहा प्राईवेट चिकित्सक डाक्टरों द्वारा विभाग की इस उदासीनता का पूरा फायदा उठाया जा रहा है ।जिससे विभागीय अधिकारी व कर्मचारी जानबूझ कर अनजान बने बैठे हुए हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शासन व जिला प्रशासन द्वारा ऐसी भी व्यवस्थाओं पर लगाम लगाये जाने के प्रयास करते हुए इस ओर भी कुछ कठोर कदम उठाए जा सकेंगे अथवा योजनाएं व शासन स्तर से जारी हो रही सरकारी सेवायें सिर्फ ढाक के तीन पात ही साबित हो कर कहावत को चरितार्थ करती हुई सरकार की योजनाओं को मुंह चिढ़ाती हुई दिखाई देती रहेंगी।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बोले बोले मेरे वश नहीं, एसडीएम बोली प्रकरणों को लेकर उच्च अधिकारियों से की जाएगी बात ।
जब दोनों विकास खंडों यथा चौबेपुर में निर्मित राजकीय पशु सेवा केंद्र प्रतापपुर को लेकर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आर पी मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने साफतौर यह बता दिया कि पशु सेवा केन्द्रों पर तैनाती शासन स्तर से होती है ,जोकि मेरे हाथ में नहीं है,रही बात शिवराजपुर विकास खंड के पशु सेवा केंद्र दिलीप नगर में पशु चिकित्सक डाक्टरों को बैठने के लिए भूमि की बिल्डिंग की तो उत्तरदाई सबसे पहले ग्राम सभा की बनती है, आप ग्राम सभा से भूमि चयन प्रस्ताव पत्र बनवा कर हमें दिलवा दीजिएगा तो हम पशु सेवा केंद्र का निर्माण कार्य करा देंगे ।
वहीं, पूरे प्रकरण को लेकर जब मीडिया टीम द्वारा बिल्हौर उपजिलाधिकारी रश्मि लाम्बा से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया है, दोनों स्थानों का स्वयं उनके द्वारा निरीक्षण किया जाएगा,और इस विषय पर सीवीओ सहित अन्य उच्च अधिकारियों से इस विषय पर जरूर वार्ता की जाएगी। क्षेत्रिय ग्रामीणों को उनकी समस्याओ से समाधान कराने का प्रयास कराते हुए, शासन व जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा आवश्यक रूप से निस्तारण कराया जाएगा ।