मासूम की हत्या से परिवार में मचा कोहराम बच्चे के माता-पिता हुऐ बदहवास।

ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ उत्तर प्रदेश(प्रयागराज मेजा)ओमप्रकाश विश्वकर्मा
प्रयागराज मासूम की हत्या के आरोप में गिरफ्तार विकास ने न सिर्फ परिजनों बल्कि पुलिस को भी गुमराह करने की पूरी कोशिश की। वह घरवालों संग बच्चे की खोजबीन में लगा रहा। पिता राजेश के साथ थाने जाकर रोज पूछता था कि बच्चे का कुछ सुराग मिला। मासूम की हत्या के आरोप में गिरफ्तार विकास ने न सिर्फ परिजनों बल्कि पुलिस को भी गुमराह करने की पूरी कोशिश की। वह घरवालों संग बच्चे की खोजबीन में लगा रहा।

पिता राजेश के साथ थाने जाकर रोज पूछता था कि बच्चे का कुछ सुराग मिला। हालांकि फुटेज समेत अन्य बयानों के आधार पर पूछताछ हुई तो उसकी सारी प्लानिंग धरी रह गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, विकास बच्चे का पड़ोसी होने के साथ ही उसके पिता का दूर का रिश्तेदार भी था। दोनों एक ही गांव के रहने वाले हैं। उसका घर में रोजाना आना-जाना था। ऐसे में बच्चे भी उससे काफी घुले-मिले थे। यही वजह है कि घटना वाली रात उसके कहने पर बच्चा झट से उसके साथ चलने को तैयार हो गया। सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद उसने न सिर्फ परिजनों बल्कि पुलिस को भी गुमराह करने की कोशिश की। वह परिवारवालों के साथ लगातार बच्चे की खोज में लगा रहा। थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने के दौरान भी वह परिजनों के साथ था। यही नहीं रोजाना पुलिसकर्मियों ने बच्चे के संबंध में पूछता भी था। खुद को कुछ इस तरह से दिखाता था कि बच्चे के गायब होने के बाद से वह भी बहुत परेशान है। लेकिन जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, सूरजभान के बयान व अन्य साक्ष्यों के आधार पर पूछताछ शुरू की तो वह टूट गया और हकीकत कबूल दी पुलिस ने जब इस मामले का खुलासा किया तो परिजन ही नहीं गांववालों के साथ ही पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए। पुलिस के पूछने पर परिजनों ने कहा था- इन पर नहीं कर सकतेशक हुआ था, लेकिन इस बारे में पूछने पर परिजनों ने साफ मना कर दिया था। उनका कहना था कि विकास उनके परिवार जैसा है। ऐसे में उस पर कैसे शक कर सकते हैं। मासूम को अगवा कर मौत के घाट उतारने से कुछ देर पहले भी विकास उसके घर गया था। दरअसल उस दिन बच्चे के घर में बाटी-चोखा बना था। ऐसे में बच्चे के पिता राजेश ने उसे भी बुलाया था। वह पहुंचा भी लेकिन जरूरी काम होने की बात कहते हुए वहां से कुछ देर बाद ही निकल गया था।10 लाख रुपये मांगने का था प्लान पूछताछ में विकास ने पुलिस को बताया कि उसकी योजना नमन के पिता से 10 लाख रुपये मांगने की थी। उसने रुपयों का ही लालच देकर संजू को अपने साथ शामिल किया था। विकास एक शिक्षिका की कार चलाता था जबकि संजू फास्टफूड का ठेला लगता है। दोनों पहले मिलकर नैनी में मामा भांजा तालाब पर फास्ट फूड की दुकान चलाते थे। लेकिन नुकसान होने पर दुकान बंद हो गई थी। विकास रातोंरात अमीर बनना चाहता था। राजेश के घर आते-जाते उसे लगा था कि वह बेहद पैसे वाला है। इसके बाद ही उसने यह प्लान बनाया। बहनोई की कार लेकर मांगकर लाया था.घटना में प्रयुक्त कार भी खुलासे में बेहद अहम रही। दरअसल आरोपी विकास गंगापार में रहने वाले अपने बहनोई की बलेनो कार मांगकर लाया था। इसी कार में उसने मासूम का कत्ल किया। पुलिस ने गांव में लगे कैमरे का फुटेज खंगाला तो उसमें यह कार नजर आई। जांच पड़ताल में यह बात स्पष्ट हो गई कि यह किसी ग्रामीण की नहीं। रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर ट्रेस करने पर यह गंगापार के रहने वाले शख्स की मिली। पुलिस ने उसे उठाकर पूछताछ शुरू की तो पता चला कि वह विकास कहत्यारों ने मासूम के शव को ठिकाने लगाने के लिए जिस जगह को चुना, उसके बारे में दूसरा आरोपी संजू अच्छी तरह से जानता था। दरअसल संजू की मां बिजलीकर्मी है और वह पहले परिवार संग सड़वा स्थित कॉलोनी में ही रहता था। कुछ महीनों पहले ही नैनी में मकान मिलने पर परिवार शिफ्ट हो गया था। परिवार में कोहराम, मां-बाप बदहवास मासूम बेटे की हत्या की जानकारी पर परिवार में कोहराम मच गया। बच्चे के माता-पिता बदहवास से हो गए।