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अदम जी की रचनाओं जन जन तक पहुंचा रहे दिलीप गोंडवी !


ग्लोबल टाइम्स7न्यूज नेटवर्क
लखनऊ उत्तर प्रदेश


अदम जी का जन्म एक छोटे से गाँव में हुआ था उनकी शिक्षा गरीबी तंगहाली में सिर्फ पँचवी तक ही हो पाई पर एक अच्छे समाज सेवी क्रांतिकारी कवि थे जिन्होंने समाज के शोषित वंचित समाज में हो रहे अत्याचारों प्रचंड प्रहार कर मंच के माध्यम से सरकार व समाज के सामने खोल कर रख देते थे इसी क्रम में एक छोटी पंक्ति का जिक्र कर इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर आगे बढूंगा !


अदम जी लिखते हैं!


पूछते रहते हैं मुझसे लोग अकसर यह सवाल
‘कैसा है कहिए न सरजू पार की कृष्ना का हाल’
उनकी उत्सुकता को शहरी नग्नता के ज्वार को
सड़ रहे जनतंत्र के मक्कार पैरोकार को
धर्म, संस्कृति और नैतिकता के ठेकेदार को
प्रांत के मंत्रीगणों को केंद्र की सरकार को
मैं निमंत्रण दे रहा हूँ आएँ मेरे गाँव में
तट पे नदियों के घनी अमराइयों की छाँव में
गाँव जिसमें आज पांचाली उघाड़ी जा रही
या अहिंसा की जहाँ पर नथ उतारी जा रही
हैं तरसते कितने ही मंगल लँगोटी के लिए

बेचती हैं जिस्म कितनी कृष्ना रोटी के लिए

वहीं सरकारी भरष्ट सिस्टम पर भी प्रहार करने से कतराते थे पूरी निर्भीकता से मंच पर अपनी बात रखते थे!
तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है
उधर जम्हूरियत का ढोल पीते जा रहे हैं वो
इधर परदे के पीछे बर्बरीयत है ,नवाबी है
लगी है होड़ – सी देखो अमीरी औ गरीबी में
ये गांधीवाद के ढाँचे की बुनियादी खराबी है
तुम्हारी मेज़ चांदी की तुम्हारे जाम सोने के
यहाँ जुम्मन के घर में आज भी फूटी रक़ाबी है

अदम जी के जीवन के कुछ पुराने किस्से दिलीप गोंडवी के जुबानी !


एक बार “दिलीप गोंडवी जी” को ख़बर मिली की “अदम गोंडवी जी”शराब पीने लगा है I तो उन्होंने “अदम जी”को बुलाया और कहा चाचा जी सुना है कि आप शराब पीने लगे हो I अदम जी यह बिल्कुल झूठ है, लोग मुझसे जलते हैं और मेरे बारे में झूठीं अफवाहें फैलाते हैं तो “दिलीप जी”ने कहा अच्छा जाओ I
मगर कुछ दिन के बाद उनको फिर ख़बर मिली कि “अदम जी” शराब पीने लगा है तो इस बार तहक़ीक़ात करने के लिए वह अँधेरा होने के बाद अपने चेहरे को एक कपडे से ढक कर चुप चाप गाँव के घर जाकर अँधेरे में एक कोने में बैठ गए I कुछ देर बाद अदम जी सारे काम करके थका थकाया अपने घर आया और अपने भाई “श्री केदारनाथ सिंह जी”को पुकारा जाम लाओ I केदारनाथ सिंह जी एक पेग शराब लाया, जिसको “अदम जी”ने पिया I फिर उसने “केदारनाथ सिंह जी” से कहा जाम लाओ I “केदारनाथ सिंह जी” दूसरा पेग भी ले आया Iउसके बाद “केदारनाथ सिंह जी”बिना अदम जी के कहे तीसरा पेग भी ले आया I इस पर ” केदारनाथ सिंह जी” को पीटने लगा यह कहकर कि तुम बदमाश हो मुझे शराब पिलाना चाहते हो,
यह सुनकर “दिलीप जी”उठकर “अदम जी”के सामने आ गए और ” अदम जी”से कहा यह क्या नाटक कर रहे हो ? अभी तो आप ने पिता जी से २ पेग शराब मांगी और अब इस यह कहकर पीट रहे हो कि यह तुम्हे शराब पिलाना चाहता है I” अदम जी”ने जवाब दिया पहली दो पेग शराब नहीं होती I एक से सेहत बनती है और दूसरे से सारे दिन काम करके थकावट से राहत मिलती है I तीसरा पेग ही शराब होता है, इसी की मनाई है, क्योंकि इससे नुकसान होता है,
“आलोक कुमार सिंह”


वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहीं / अदम गोंडवी

वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहीं
वे अभागे आस्‍था विश्‍वास लेकर क्‍या करें

लोकरंजन हो जहां शम्‍बूक-वध की आड़ में
उस व्‍यवस्‍था का घृणित इतिहास लेकर क्‍या करें

कितना प्रतिगामी रहा भोगे हुए क्षण का इतिहास
त्रासदी, कुंठा, घुटन, संत्रास लेकर क्‍या करें

बुद्धिजीवी के यहाँ सूखे का मतलब और है
ठूंठ में भी सेक्‍स का एहसास लेकर क्‍या करें

गर्म रोटी की महक पागल बना देती मुझे
पारलौकिक प्‍यार का मधुमास लेकर क्‍या करें


जीवन परिचय “
——————–मुझे गर्व है कि दिनांक- 20- 7- 1983 को मेरा जन्म आँटा पूरे गजराज सिंह, परसपुर जिला- गोण्डा उत्तर प्रदेश -271504/ के एक गाँव के किसान परिवार में हुआ था
दिलीप कुमार सिंह, दिलीप गोंडवी ,
माता – श्रीमती राजकुवँर जी,
पिता – श्री केदारनाथ सिंह जी,
चाचा – श्री राम नाथ सिंह ,अदम गोंडवी जी ,
श्रीमती कमला देवी जी, अदम गोंडवी जी की पत्नी ,
श्री आलोक कुमार सिंह जी, अदम गोंडवी जी के पुत्र,
श्री अजय कुमार सिंह जी, भाई ,
श्रीमती पुष्पा सिंह उर्फ पुष्पा गोंडवी जी, दिलीप गोंडवी , की पत्नी ,
श्री ईशांत कुमार सिंह जी, दिलीप गोंडवी के पुत्र,
श्री अदम गोंडवी जी, दिलीप गोंडवी , के पुत्र,


दिलीप गोंडवी
खतरनाक कवि एंव साहित्यकार
निवास स्थान – आटा पूरे गजराज सिंह, परसपुर जिला – गोण्डा , उत्तर प्रदेश -271504/
9958253708
dilipgondvi@gmail.com
साभार :- दिलीप कुमार सिंह, दिलीप गोंडवी, नई दिल्ली!

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