रुपए २.४८ लाख अनुमानित लागत राशि से प्राथमिक विद्यालयों में धड्डले से बन रहे दिव्यांग शौचालय !

ग्राम पंचायतों में खुलेआम बंदरबांट, जिम्मेदार मौन !
ग्लोबल टाइम्स7 न्यूज नेटवर्क
लखनऊ उत्तर प्रदेश
भटपुरा, महराज नगर, मनोह, दिलीप नगर लगभग आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में बन रहे दिव्यांग शौचालय !
शासन स्तर से विकास कार्यों का धन इस समय ग्राम पंचायतों में खूब भेजा जा रहा है, जिससे कि ग्राम पंचायतों में विकास कार्य सही ढंग से कराये जा सके, लेकिन मुख्यमंत्री योगी सरकार द्वारा किए गए ग्राम पंचायतों के बजट का इस कदर से बंदरबांट खुलेआम चल रहा है जो बहुत ही विचारास्पद व आश्चर्यजनक है,
ज्ञातव्य हो कि शासन स्तर से जनपद के सभी विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायतों के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में दिव्यांग शौचालयों का निर्माण कार्य कराये जाने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं, जहां इन दिनों पंचायतों में पंचायत सचिवों, ठेकेदारों व ग्राम प्रधानों के द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों का ख़र्च के सरकारी धन का बंदरबांट के चलते पूरा धन सिर्फ दिव्यांग शौचालयों में ही खर्च हो रहा है जिसमें कि पंचायतों के निविदा व टेंडर प्रक्रिया के में आये दिन मामले उजागर होकर कार्ययोजना के खर्च सामने आ रहे हैं,

समाचार पत्रों में गजट हुए पंचायतों के दिव्यांग शौचालयों की राशि से खुल रहे राज !
जब पंचायतों के प्राथमिक विद्यालयों में दिव्यांग शौचालयों कू निर्माण कार्य कराये जाने हेतु पंचायत निधि के खाते से टेंडर, निविदाएं व सूचनाएं समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई तो ग्रामीणों को दिव्यांग शौचालयों में खर्च होने वाले सरकारी धन के बारे जानकारियां हैं रहीं हैं कि प्राथमिक विद्यालय में दिव्यांग शौचालय के निर्माण में पंचायत सचिवों की अनुमानित लागत राशि २.४८ लाख रुपए है, जिससे कि शौचालय निर्माण कार्य हो रहा है, तो ग्रामीण हक्के बक्के रह गए, और तरह इस की फब्तियां व सरकार पर तंज कसते हुए भी नजर आये ।
शिवराजपुर विकास खंड की भटपुरा,महराज नगर,मनोह दिलीप नगर पंचायत में बने शौचालय!
यदि बात की जाए जनपद के शिवराजपुर विकास की तो इन दिनों भ्रष्टाचार चरम पर है और दलाल व कमीशन खोरी करने वाले लोग पूरी तरह से सक्रिय व हावी हैं, जहां उनके मातहत अपना उल्लू सीधा करने के चलते एक आईएएस अधिकारी को गुमराह कर अपनी काबिलियत का बखान करते हुए नजर आ रहे हैं । जिससे कि ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को सरकारी योजनाओं व सरकारी धनराशि का पूरा लाभ जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है, और बीच में ही दलालों व कमीशनखोरों की तगड़ी सेटिंग के चलते साफ तौर पर चट खुलेआम चट हो रहा है ।
ग्राम सभा महराज नगर २.४८ लाख की लागत से बन रहा था दिव्यांग शौचालय, जांच के नाम पर हो गई सिर्फ लीपापोती!
हाल ही में विकास शिवराजपुर की ग्राम सभा महराज नगर में दिव्यांग शौचालय के निर्माण कार्यों को लेकर मामला सोशल मीडिया से लेकर विभिन्न समाचार पत्रों प्रतिष्ठित समाचार पत्रों की सुर्खियों छाया रहा, जिससे कि दिव्यांग शौचालयों के निर्माण कार्य कराये जाने की पोल खुल गई।
विकास खंड की ग्राम सभा महराज नगर के विनोद कुमार शुक्ल, रमा शंकर मिश्रा,पुत्तन सिंह,धीरज राठौर, विशाल बाजपेई,राम नरेश कठेरिया, अमर कांत शुक्ला मुन्ना तिवारी इत्यादि ग्रामीणों द्वारा आरोप लगाते हुए बताया कि दिव्यांग शौचालयों के निर्माण कार्य कराये जाने हेतु पंचायत सचिव, ठेकेदारों व ग्राम प्रधान की मिली भगत से पूरा बंदरबांट व कमीशन खोरी का खेला चल रहा है, जहां आज तक न तो कभी किसी भी कार्य को लेकर ग्राम पंचायत में खुली बैठकें,मुनादी, कार्ययोजना से नोटिस बोर्ड पर कार्य योजना का स्टीमेट चस्पा कराया जा सका है जहां पूरी तरह से अनियमितताएं ही बरती जा रही है, ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान ने उन्हें बताया कि
दिव्यांग शौचालय निर्माण कार्य ९५ हज़ार रुपए की लागत से बनाया जा रहा है, जिसमें अधिक खर्च व अन्य कार्य को जोड़ते हुए १.४८ लाख रुपए की लागत से निर्माण कार्य कराये जाने की जानकारी है लेकिन यह २.४८ लाख रुपए की खर्च की जानकारी जब मीडिया व सोशल मीडिया पर वायरल हुई तब मालूम हो सका कि कितने बड़े पैमाने पर पंचायत सचिव ठेकेदार व सभापति के द्वारा लाखों का खेला खुलेआम चल रहा है, जिसमें कि इस तरह से व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कड़ी नाराजगी भी जताई है, यदि इस मामले की जांच जल्द ही उच्च अधिकारियों द्वारा खुली बैठक में नहीं कराई जा रही है तो आगे की कार्रवाई बढ़ाई जाएगी।
क्या शासन व जिम्मेदार उठा सकेंगे इस ओर नजर, हो सकेगी कठोर कार्यवाही,
जिम्मेदार विभागीय सूत्रों की मानें तो जिन जिन ग्राम पंचायतों में इस कार्य कराये जाने का प्रयास किया जा रहा है, ग्राम पंचायतों के इस कदर के विकास कार्यों के लिए खर्च होने वाले सरकारी धनराशि के मामलों में बेहद जरूरी जांच की कार्रवाई बनती है व जोकि मामले बहुत गम्भीर है जहां शासन स्तर व जिला प्रशासन की भी जिम्मेदारी तय होती।
ऐसे में अब यह देखना होगा कि शासन जिला प्रशासन द्वारा जारी किए जा रहे ग्राम पंचायतों में होने वाले दिव्यांग शौचालयों में खर्च का बंदरबांट, कमीशन खोरी व खेला इस तरह से चलता रहेगा अथवा योगी सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई ठोस व कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने का भी प्रयास किये जा सकेंगे ।