आज के युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए अश्वनी त्रिपाठी

ग्लोबल टाइम 7 न्यूज़ नेटवर्क रिपोर्ट संजीव भदौरिया
बकेवर इटावा ।राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति के निर्देश पर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जनपद न्यायाधीश विनय कुमार द्विवेदी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अपर जिला जज श्वेता श्रीवास्तव के संयोजन में तहसील सभागार चकरनगर में तहसीलदार की अध्यक्षता में स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई गई ।
विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए तहसीलदार चकरनगर जयंद सिंह ने कहा कि विवेकानंद जैसे महापुरुष सदियों में एकाध बार ही जन्म लेते हैं ।

जो महिलाओं की बहुत इज्जत किया करते हैं उन्होंने आगे बताया कि अमेरिका यात्रा के दौरान एक महिला स्वामी जी से बोली कि मैं आपके जैसा एक पुत्र आपसे प्राप्त करना चाहती हूं तो स्वामी जी ने तुरंत पलट कर जवाब दिया बताइए माता में ही आपका पुत्र हूं हो सकता है उस पुत्र में मेरे जैसे रूप रंग मेरे जैसा ना हो इसलिए मैं ही आज से आपका पुत्र हूं विचार गोष्ठी का संचालन करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के स्वयंसेवक अश्वनी त्रिपाठी ने कहा की स्वामी जी का जन्म 1863 में आज ही के दिन कोलकाता में हुआ था स्वामी विवेकानंद बहुत ही कम उम्र में विश्व विख्यात प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु बन गए थे मात्र 30 वर्ष की उम्र में ही स्वामी जी ने अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म संसद को संबोधित करते हुए जब मेरे प्यारे अमेरिका के भाइयों और बहनों संबोधित किया तो सभागार 2 मिनट तक लगातार तालियों से गूंजता रहा था उन्होंने आगे कहा कि मैं ऐसे संतो ऋषि यों और मनीषियों की की धरती से आता हूं।

जहां पर सहनशीलता और सार्वभौमिकता का पाठ पढ़ाया जाता है स्वामी जी ने उपरोक्त सम्मेलन सम्मेलन में कहा यह आज तक की सबसे पवित्र सभाओं में से एक है उन्होंने एक श्लोक को उद्धत करते हुए कहा कि गीता में बताएं इस सिद्धांत का प्रमाण है जो मुझ तक आता है चाहे वह कैसा भी हो मैं उस वक्त पहुंचना हूं श्री त्रिपाठी ने आगे बताया कि स्वामी जी ने कहा था कि वर्तमान परिवेश में सांप्रदायिकता कट्टरता हैं और उनके भयानक वंशज हठधर्मिता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजे में जकड़े हुए हैं उन्होंने पृथ्वी को हिंसा से भर दिया है कितनी बार यह धरती खून से लाल हुई है कितनी बार सभ्यताओं का विनाश हुआ है अगर यह भयानक राक्षस नहीं होते तो आज मानव समाज कहीं ज्यादा उन्नतशील होता विचार गोष्ठी में प्राविधिक स्वयंसेवक राजीव रतन मिश्रा हरविलास सिंह राधा कृष्ण आरती सहित विजय सिंह नितिन सिंह जयंत सिंह अनुज सिंह प्रमोद सिंह रामबालक हरगोविंद सिंह शिवकुमार जीशान धर्मेश सहित कई दर्जन लोग उपस्थित रहे ।