उत्तर प्रदेशलखनऊ

गांवों में रात्रि पुलिस गश्त बंद होने से ग्रामीण क्षेत्र में अपराधिक घटनाएं बढ़ी

पुलिस प्रशासन का सिर्फ कस्बों शहरों में ही अब दिखता है पैदल गस्त

ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, जिला ब्यूरोचीफ राम प्रकाश शर्मा औरैया।

औरैया। लंबे अर्से से ग्रामीण क्षेत्र में रात्रि पुलिस गस्त पूरी तरह बंद नजर आ रहा है जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र में अधिक आपराधिक घटनाएं बढ़ना माना जा रहा है। पुलिस गश्त तो होता है लेकिन अब यह गस्त सिर्फ कस्बों शहरों तक ही होता नजर आता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में अपराधी बेखौफ होकर अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में गैरकानूनी गोरखधंधे भी तेजी से पनप रहे हैं।
पिछले बीते वर्षों में ग्रामीण क्षेत्र में रात्रि पुलिस गश्त नियमित रूप से होता था प्रत्येक हल्के में संबंधित सिपाही व हलका इंचार्ज शाम होते ही अपने अपने क्षेत्रीय गांवों की ओर बिना सर्दी गर्मी बरसात की परवाह किए निकल पड़ते थे और अपने अपने क्षेत्र के कई कई गांवों का रात्रि में भ्रमण करते थे। इन पुलिस कर्मियों की क्षेत्र में उपस्थिति होने की जानकारी के चलते अपराधी पुलिस के डर से भयभीत रहते थे और अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने से कतराते थे लेकिन जब से ग्रामीण क्षेत्र में रात्रि पुलिस गश्त की व्यवस्था शिथिल पड़ी है तब से ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से अपराधिक घटनाएं बढ़ने के साथ जुआ, सट्टा अवैध शराब खोरी व चोरी जैसे गैर कानूनी गोरखधंधों में भी तेजी से वृद्धि हुई है। ऐसा नहीं है कि पुलिस गश्त बंद हो गया है, लेकिन यह पुलिस गश्त अब सिर्फ कस्बों व शहरों में ही होता नजर आता है। अक्सर ही कस्बों शहरों की सड़कों पर शाम होते हुए खाकी के बूटों की धमक तो सुनाई देती है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में यह बूटों की धमक गुजरे जमाने जैसी बात हो गई है। ग्रामीण क्षेत्र में अब बूटों की खनक सिर्फ आपराधिक घटनाएं होने के बाद ही नजर आती है। ग्रामीण क्षेत्र में रात्रि पुलिस गश्त न होने के चलते ग्रामीण क्षेत्र में अपराधी बेखौफ हो गये हैं, और यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्र में अपराध बढ़े हैं। जिले के बुद्धिजीवियों का कहना है कि पहले की तरह ग्रामीण क्षेत्र में भी रात्रि पुलिस गश्त पुनः एक बार नियमित शुरू कराया जाए तो निश्चित तौर पर आपराधिक वारदातों में कमी आ सकती है।

Global Times 7

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