चुनाव देख जनता का हिमायती बनने के प्रचार में होल्डिंग्स में लाखों गवांते नेता

चुनाव बाद ब्रह्म की तरह होते अंतर्ध्यान जनता की नहीं रहती सुध
सस्ती लोकप्रियता के लिए सिर्फ सोशल मीडिया पर फोटो वायरल में रखते रुचि
ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, समाचार संपादक डॉ धर्मेंद्र गुप्ता औरैया, उत्तर प्रदेश।
औरैया। नेता भी क्या अजीब चीज होते हैं चुनाव सन्निकट देख तत्काल प्रकट होकर जनता का हिमायती होने के प्रचार प्रसार में लाखों रुपए के बैनर होर्डिंग्स लगाते है और चुनाव बाद ब्रह्म की तरह अंतर्ध्यान हो जाते हैं। जिले में कुछ तथाकथित नेता ऐसे भी हैं कि वह जमीनी धरातल पर आम जनता से कोई सरोकार नहीं रखते हैं सिर्फ सामाजिक कार्य करने का नाटक करते हुए अपनी फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर वायरल कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के प्रयास में ही रहते हैं लेकिन यह पब्लिक है सब जानती है। भले ही ऐसे नेता अपने धन बल की बदौलत मनोनीत होकर पार्टी संगठन के उच्च पदों के साथ शासन सत्ता तक पहुंच जाएं, लेकिन यह कटु सत्य है कि जमीनी धरातल पर यह नेता कभी भी जनता का विश्वास हासिल नहीं कर सकते हैं।
भले ही इन दिनों आम गरीब भीषण शीतलहर से बेहाल है लेकिन इसके बावजूद भी जनता का हिमायती होने का दम भरने वाले इन तथाकथित निहित स्वार्थी नेताओं ने भले ही प्रशासन से मिले कंबल कुछेक लोगों को बांटकर सोशल मीडिया पर फोटो वायरल कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास किया है, लेकिन औरैया जिले में एक युवा नेता के अलावा इन तथाकथित नेताओं ने कहीं भी न तो जेब से एक फूटी कौड़ी से अलाव जलवाए है और न ही गरीबों को ठंड से बचाने में कोई मदद दी है ऐसे में आगामी चुनावों में तथाकथित स्वार्थी नेताओं को सबक सिखाने को ठंड से ठिठुरते गरीब अपना पक्का मूड बनाए हुए हैं। यूं तो चुनाव नजदीक आते ही जनता का हिमायती बनकर जनता को गुमराह करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर तथाकथित अधिकांश स्वार्थी नेता चुनावी समर में कूद पड़ते हैं। चुनाव के बाद यह तथाकथित स्वार्थी नेता अचानक ब्रह्म की तरह अंतर्ध्यान हो जाते हैं और इन नेताओं का जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं रहता है। यही नहीं कुछ चलाक नेता सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए अपने धन बल की बदौलत अधिकांश सत्ताधारी पार्टी के दिग्गजों का दामन थाम लेते हैं और उनके इर्द-गिर्द रहकर अधिकारियों व जनता में अपना रौब गांठकर दबदबा बनाए रहते हैं हालांकि ऐसे धनबल वाले नेताओं का भले ही सत्ताधारी पार्टी के नेताओं का साथ मिला रहे और यह धन बल की बदौलत विभिन्न सत्ता के पदों तक पहुंच जाएं लेकिन यह तथाकथित नेता जमीनी धरातल पर विधानसभा व लोकसभा पहुंचने की कौन कहे ग्राम पंचायत के सदस्य का भी चुनाव जीत जाए तो बहुत बड़ी गनीमत हो सकती है। जमीनी धरातल पर जनता के सुख-दुख से दूर रहने वाले यह तथाकथित नेता भले ही अपनी जेब से एक फूटी कौड़ी भी खर्च करके भीषण ठंड से ठिठुर रहे गरीबों के लिए ना तो कहीं अलाउड जलवाते और न ही कंबल गर्म कपड़े वितरित करने में कोई रुचि लेते दिख रहे हैं इतना जरूर है कि प्रशासन द्वारा गरीबों के लिए ऊंट के मुंह में जीरे के समान होने वाले कंबल वितरण में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पहुंचकर कुछेक गरीबों को सरकारी कंबल उढा कर और फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर वायरल कर अपने को जनता का हितैषी होने का दावा करने में नहीं चूक रहे हैं लेकिन ये पब्लिक है सब जानती है। नगर पंचायत के पिछले दिनों चुनाव की आहट लगते ही सभी नगर पंचायतों में संभावित प्रत्याशी लाखों रुपए खर्च कर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाने में मशगूल हो गए थे लेकिन चुनाव टलने के साथ ही यह संभावित प्रत्याशी ब्रह्म की तरह अंतर्ध्यान से हो गए हैं। कड़ाके की ठंड से गरीबों का बुरा हाल हो रहा है लेकिन अध्यक्ष पद के एक संभावित प्रत्याशी के अलावा पूरे औरैया जिले में किसी भी संभावित प्रत्याशी ने गरीबों को ठंड से बचाने के लिए ना तो अलाव जलाने और न ही गर्म कपड़े बांटने का प्रयास किया है जिससे जनता आगामी चुनाव में ऐसे स्वार्थी नेताओं को सबक सिखाने का मूड बनाए हुए हैं।