महाशिवरात्रि के अवसर पर परसोली ओड़म पुर शिव मंदिर पर लगा भक्तों का कांवरियों का तांता एवं मेला

ग्लोबल टाइम न्यूज़ नेटवर्क रिपोर्ट
संजीव भदौरिया
लखना बकेवर
इटावा। महाभारत कालीन द्वापर युग के समय के शिव मंदिर जनपद की जमुना चंबल की तलहटी में अनेकों मंदिर देखने को मिलते हैं पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में जब पांडवों को दुर्योधन द्वारा जलाकर मारने की कुछ चेष्टा की गई थी उससे बचने के पश्चात पांडव इन्हीं क्षेत्रों में घूमते हुए आए थे तथा स्थान स्थान पर भगवान शंकर के शिव लिंगो की स्थापना की थी ऐसे ही शिव लंगों मैं से एक ऐतिहासिक नगरी लखना के समीपवर्ती ग्राम परसोली ओड़मपुर में भगवान शंकर का भव्य मंदिर स्थापित है ।

इस मंदिर का इतिहास बताते हुए मंदिर के महंत गोपाल दास जी महाराज बताते हैं कि इस मंदिर की भगवान शंकर की शिवलिंग जमुना के किनारे जंगल में स्थापित थी इस शिवलिंग को 1990 में लाकर गांव के समीप वनांचल में स्थापित कर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया इस मंदिर पर क्षेत्रीय लोगों की असीम आस्था है एवं श्रद्धा भाव से लोग आकर शिव मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं महाशिवरात्रि के पावन त्योहार पर कांवरियों और शिव भक्तों का इस मंदिर मैं तांता लगा रहा लोग कतार बद्ध र्होकर भगवान शंकर के दर्शन एवं अपनी कावड़ चढ़ाने के लिए उतावले देख रहे थे सुबह 4 बजे से ही मंदिर के प्रांगण में शिव भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली जो कि देर शाम तक भीड़ आती और जाती रही मंदिर वनांचल में होने के बाद भी यहां की व्यवस्था बाबा मंदिर का भव्य रूप देखते ही बनता है मंदिर के महंत गोपाल दास जी महाराज बताते हैं कि वह इस मंदिर में 1990 से सेवा कर रहे हैं इस मंदिर के लिए आवागमन की कोई खास सड़क उपलब्ध ना होने से क्षेत्र के लोगों में काफी रोष व्याप्त है ग्राम परसोली उधमपुर से मंदिर के लिए जाने वाले रास्ते पर 2002 में सड़क बनाई गई थी जो अब क्षतिग्रस्त हो गई है आने जाने के लिए कोई उत्तम रास्ता उपलब्ध ना होने से भक्तों को आने जाने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है वर्तमान समय में शिवरात्रि के महापर्व के अवसर पर महंत जी के और द्वारा ग्रामीणों के सहयोग से श्रीमद् भागवत का आयोजन एवं यज्ञ का आयोजन चल रहा है