उत्तर प्रदेशलखनऊ

Gt-7 Newsभारतीय भाषा दिवस” 11 दिसम्बर 2022 को उत्सव के रूप में मनाया गया।

“अंग्रेजी ही नहीं आवश्यक है अपितु अंग्रेजी भी आवश्यक है”- डॉ0 आभा द्विवेदी

ग्लोबल टाइम्स-7
डिजिटल
न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला प़शासनिक संवाददाता
कानपुर देहात
11 दिसम्बर 2022

  “महाकवि भारती” के रूप में लोकप्रिय ‘चिन्नास्वामी सुब्रमण्यम भारती’ के जन्मदिवस को भारतीय भाषा उत्सव के रूप में मनाए जाने हेतु मा0 सदस्या, भाषा आयोग, उत्तर प्रदेश सरकार डॉ0 आभा द्विवेदी व जिलाधिकारी नेहा जैन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में भारतीय भाषा दिवस का आयोजन चिन्नास्वामी सुब्रमण्यम भारती के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए किया गया। कार्यक्रम में डॉ0 आभा द्वारा भाषा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भाषा के महत्व को समझने हेतु किसी भी भाषा के समान ध्वन्यात्मक और वैज्ञानिक रूप से व्यवस्थित वर्णमाला और लिपियों, उनकी सामान्य व्याकरणिक संरचनाओं, संस्कृत तथा अन्य शास्त्रीय भाषा से इनकी शब्दावली के स्रोत और उद्भव को ढूंढने से लेकर इन भाषाओं के समृद्ध अंतर- प्रभाव, आभा और अंतरों को समझना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस दिन को भारतीय भाषा दिवस के रूप में बनाने की आवश्यकता इसलिए पड़ी जिससे छात्र विभिन्न क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाओं, जनजातीय भाषाओं की प्रकृति और संरचना, भारत की हर प्रमुख भाषा में कुछ पदों व पंक्तियों तथा प्रत्येक के समृद्ध और उभरते साहित्य के बारे में भी सीख सकें। उन्होनें शिक्षा को प्रथमिकता दिनव के साथ ही विविध भाषाओं का ज्ञान रखने के साथ ही भारत की एकता, सुंदर सांस्कृतिक विरासत तथा इसकी विविधता की भावना से ओतप्रोत करने से ही संदेश दिया कि आप सभी अपने पूरे जीवन भर भारत के अन्य हिस्सों के लोगों से मिलने-जुलने में भी सहज महसूस करेंगे। उन्होंने भारतीय भाषा पर तोड़ देते हुए कहा कि वह अंग्रेजी भाषा के पक्ष में है तथा “अंग्रेजी ही नहीं आवश्यक है अपितु अंग्रेजी भी आवश्यक है”।
     इस अवसर पर जिलाधिकारी नेहा जैन द्वारा भी संदेश दिया कि अपनी मातृभाषा के साथ-साथ अधिक से अधिक भारतीय भाषाओं को सीखने के लिए अनुकूल वातावरण बनाएं तथा ‘पड़ोसी भाषा के प्रति प्रेम और आनंद की अनुभूति के लिए ‘भाषाई सौहार्द विकसित करने हेतु भी उदाहरण दिए व भारतीय भाषाओं को और समृद्ध बनाने हेतु सभी को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि किसी अन्य भारतीय भाषा को सीखना / बोलना एक फैशन / प्रतिष्ठा तथा आनंद का विषय है जिससे आप अपनी पहचान सभी में अलग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह दिवस का उद्देश्य है कि छात्रों को भारतीय भाषाओं के बारे में जानकारी हो, समाज में लोगों को कुछ और भारतीय भाषाएं सीखने के लिए प्रोत्साहित करना, संस्कृति, कला आदि में विविधता का उत्सव मनाने के लिए और लोगों को भारतीय भाषाओं के माध्यम से राष्ट्रीय एकता, सद्भाव और अखंडता का अनुभव कराना तथा राष्ट्र के विकास और एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए भारतीय भाषाओं को अपने जीवन के हर कदम पर रखना। उन्होनें चिन्नास्वामी सुब्रमण्यम भारती के व्यक्तित्व का वर्णन करते हुए बताया कि वह एक सुप्रसिद्ध भारतीय लेखक, कवि और पत्रकार, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और तमिलनाडु के समाज सुधारक थे। “महाकवि भारती” के रूप में लोकप्रिय, वे आधुनिक तमिल कविता के अग्रदूत थे और उन्हें अब तक के सबसे महान तमिल साहित्यकारों में से एक माना जाता है। उनकी कई रचनाएं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देशभक्ति और राष्ट्रवाद को जगाने वाले ज्वलंत गीत थे। 1882 में तिरुनेलवेली जिले (वर्तमान थूथुकुडी) के एट्टायपुरम में जन्मे भारती की प्रारंभिक शिक्षा तिरुनेलवेली और वाराणसी में हुई और उन्होंने कई समाचार पत्रों में पत्रकार के रूप में भी काम किया। उनमें से ‘स्वदेशभित्रन’ और ‘भारत’ उल्लेखनीय समाचार पत्र थे।
      इस अवसर पर अकबरपुर इण्टर कालेज, संविलियन कन्या उच्च प्रा0 वि0 अकबरपुर, व अन्य विद्यालयों के छात्र छात्राओं द्वारा इस आयोजन में भाग लिया गया एवं कार्यक्रम के दौरान छात्रा कशिश व नशरा खानम द्वारा कविता के माध्यम से अपने अपने विचार रखे गए। इस कार्यक्रम से पूर्व आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में अकबरपुर इण्टर कालेज की मुस्कान कुशवाहा प्रथम, अजनेश प्रताप सिंह द्वितीय, खुशी पाण्डेय तृतीया व कंपोजिट विद्यालय इकरा की कशिश प्रथम, शबरीन द्वितीय व अविरल पाल तृतीय स्थान पर रहे, जिन्हें मंच पर सम्मानित किया गया।
      इस दैरान जिला विकास अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, खण्ड शिक्षा अधिकारी अकबरपुर सहित विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य, प्राचार्य व छात्र छात्राएं उपस्थित रहीं।

Global Times 7

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