परमधामपीठ डूहा में जलकलश यात्रा द्वारा यज्ञारम्भ

ग्लोबल टाइम्स 7 डिजिटल न्यूज नेटवर्क जिला प्रमुख बलिया कृष्णा शर्मा
सिकन्दरपुर ( बलिया ) , क्षेत्र के प्रख्यात अद्वैत शिवशक्ति परमधामपीठ डूहा – में विगत पचास- बावन वर्षों से गीता- जयन्ती के पावन अवसर पर प्रतिवर्ष होने वाले यज्ञानुष्ठान की ख्याति दूर – दूर तक फैल चुकी है । श्रद्धालुजन इसमें सम्मिलित होने के लिए बड़े ही लालायित रहते हैं । वस्तुतः यहाँ की दार्शनिकता अद्वितीय है क्योंकि परमधाम परिसर में निर्मित भव्य मन्दिर के अन्तर्गत स्थापित दिव्यातिदिव्य देव – प्रतिमाओं की झाँकियाँ यहाँ की विश्वस्तरीय दार्शनिकता को उजागर तो करती ही हैं , जन – जन में धार्मिक आस्था का सञ्चार भी करती हैं । जगद्गुरु के रूप में प्रतिष्ठित कृष्ण के श्रीमुख से निःसृत गीता ज्ञान न केवल अर्जुन का ‘ स्वजनमोह ‘ विदीर्ण किया अपितु वैश्विक ” जन – समुदाय के लिए भी इस दिशा में कारगर सिद्ध होता रहा है । कुरुक्षेत्र के महा समराङ्गण में इस अमूल्य ज्ञान का प्रकट होना एक अभूतपूर्व विलक्षण घटना थी । गीता जयन्ती उसी की पावन स्मृति में मनायी जाती रही है और आगे भी ज्ञानपिपासुओं द्वारा मनायी परमधामपीठ में आयोजित वैदिक यज्ञ एवं ज्ञानयज्ञ का शुभारम्भ रविवार 2 दिसम्बर को जलकलश – यात्रा द्वारा हुआ , जिसमें हाथी – घोड़े गाजे – बाजे के साथ पीत वस्त्रों में पंक्तिबद श्रद्धालुजन परमधाम परिसर से चलकर स्थानीय श्री महाशक्तिपीठ ( श्री वनखण्डी नाथ मठ) पहुँचे जहाँ पं ० रेवतीरमण तिवारी के आचार्यत्व में प्रधान यजमान स्वामी करुणानिधान भारती द्वारा वरुण देवता का आवाहन – पूजन हुआ । तत्पश्चात् जल से आपूरित अपने अपने कलश लिए श्रद्धालुजन परमधामपीठ लौटे , यहाँ उनके द्वारा व्यासपीठाधीश्वर अमर कथा ,,, महाकाव्य प्रणेता यज्ञसंरक्षक पूर्व मौनव्रती परिव्राजकाचार्य स्वामी ईश्वरदास ब्रह्मचारी जी महाराज सहित मन्दिर का दर्शन करते हुए यज्ञमण्डप जाकर आचार्यश्री के निर्देशन में जलकलश यथा स्थान स्थापित किये गये । इस अवसर पर गृह जनपद तथा अन्य जनपदों व प्रान्तों से पधारे संभ्रांत लोगों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करायी । पूर्णाहुति 8 दिसम्बर गुरुवार को सुनिश्चित है l