21 कुंडीय महायज्ञ, सम्मान समारोह एवम प्रसाद वितरण के साथ आर्य समाज का 84 वां वार्षिक अधिवेशन संपन्न

84 यजमानों ने उपस्थित होकर दी यज्ञ में आहुति
ग्लोबल टाइम्स 7
डिजिटल न्यूज नेटवर्क
कोसीकलां ( मथुरा)
रिपोर्ट : भारत शर्मा
कोसीकलां। आर्य समाज कोसीकलां के 84वें वार्षिकोत्सव के पर आयोजित चार दिवसीय वैदिक कार्यक्रम का 21 कुण्डीय महायज्ञ के साथ विधिवत समापन हुआ। इस अवसर पर राष्ट्र कल्याण के लिए हवन यज्ञ कराया गया। नगर के 84 यजमानों ने उपस्थित होकर यज्ञ में पूर्णाहुति डालते हुए विश्व शांति की कामना की। वक्ताओं ने कहा कि यज्ञ के माध्यम से हम अपना जीवन सफल बना सकते हैं। यज्ञ के माध्यम से राष्ट्र में शांति, पर्यावरण को शुद्ध कर सकते हैं।

महर्षि दयानंद भवन में वार्षिकोत्सव के अंतिम दिन 21 कुंडीय यज्ञ के अवसर मुख्य अतिथि भाजपा नेता एवम केबिनेट मंत्री प्रतिनिधि नरदेव चौधरी ने वैदिक हवन यज्ञ में आहुति दी। आर्यसमाज के प्रधान डॉ. अमर सिह पोनिया ने कहा कि महर्षि दयानन्द आर्य जैसा समाज सुधारक आज तक इस धरती पर दूसरा नहीं हुआ है। वे नारी शिक्षा, नारी उत्थान, दलित उत्थान, विधवा विवाह, वेद प्रचार आदि पर सबसे अधिक जोर देते थे।
आर्य विद्वानों ने संयुक्त रूप से मानव प्रवृत्ति के विषय में कहा कि यदि कोई प्रभू भक्त हुआ है तो सुधारक नहीं हुआ, सुधारक हुआ है तो सदाचारी नहीं हुआ, सदाचारी हुआ है तो ब्रह्मचारी नहीं हुआ और ब्रह्मचारी वक्ता नहीं हुआ, यदि देश भक्त हुआ है तो वेद भक्त नहीं हुआ। ये विशेषतायें महर्षि दयानन्द में थीl
यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए दिल्ली से पधारे बालकिशन शास्त्री एवं धनीराम बेधड़क ने भजन प्रस्तुत कर यज्ञ महिमा का गुणगान किया। यज्ञ हमारे जीवन का सर्वश्रेष्ठ कर्म है। यज्ञ के माध्यम से हम अपना जीवन सफल बना सकते हैं। यज्ञ के माध्यम से राष्ट्र में शांति, पर्यावरण को शुद्ध कर सकते हैं।आचार्य संजय वैदिक एवम साध्वी ऋचा योगमयी ने कहा कि परमात्मा सर्व व्यापक है, सर्वत्र है। सभी पदार्थ परमात्मा के बनाए हैं। परमात्मा न्यायकारी है। कर्मफल अवश्य ही मिलता है। सभी को पुण्य कर्म करने चाहिएं। प्रधान अमर सिंह पौनियां एवम मंत्री नरेंद्र कुमार द्वारा आगंतुक अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस दौरान भाजपा नेता तरूण सेठ, सीमा सेठ, बीना पौनियां, मंत्री नरेन्द्र आर्य, नन्द किशोर आर्य, विजय कुमार आर्य, मोहित शास्त्री, अमीचंद ढोलक बाधक, ऋचा योगमयी, सत्यप्रकाश, धर्मप्रकाश, धर्मवीर अग्रवाल, वेदप्रकाश आर्य, अजय, अमित आदि उपस्थित रहे।