भगवान प्रेम और भक्ति भाव के भूखे —–भागवत आचार्य जगद्गुरु श्री धराचार्य

सच्चे मन से भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं प्रभु भागवत आचार्य जगद्गुरु श्री धराचार्य
संवाद दाता विकास अवस्थी
ककोर
*प्रेम से पुकारे तो भगवान नंगे पांव दौड़ कर आते जगत गुरु धराचार्य ने भागवत कथा के पांचवें दिन ब्लॉक भाग्यनगर के पीपरपुर गांव में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। भागवत कथा के प्रसंग में जगतगुरु धराचार्य जी ने कहा भगवान घमंडी का सिर हमेशा नीचा करते हैं।परमपिता को घमंड किसी का बर्दाश्त नहीं। क्योंकि घमंडी व्यक्ति अपने अलावा दूसरे को कुछ नहीं समझता ।इसलिए प्रभु हमेशा घमंडी ,पापी का सपना चकनाचूर करते हैं ।गोवर्धन महाराज की कहानी सुनाते हुए भगवताचार्य जी ने कहा, गोकुल वासी इंद्र देव की पूजा करते थे। नाना प्रकार से इत्र,फल, फूल, मिष्ठान अर्पित करते थे।तब जाकर इंद्र बारिश करता था इंद्र को इस बात का घमंड हो गया, कि मैं बारिश नहीं करूंगा तो गोकुल वासी भूखे मर जाएंगे।यह बात बाल रूप श्री कृष्ण को अच्छी नहीं लगी,और उन्होंने गोकुल वासियों से इंद्र की जगह पर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की सलाह दी। जिससे गोकुल वासियों ने बड़े हर्ष के साथ स्वीकार कर लिया। जब यह बात इंद्र को पता चली तो वह कुपित हो गए। और उन्होंने मूसलाधार बारिश शुरू कर दी।यह सब कुछ देख कर भगवान श्री कृष्ण गोकुल वासियों की रक्षा के लिए अपनी छोटी सी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया ।इंद्र वर्षा करते करते थक गए, और गोकुल वासियों का कुछ भी नहीं बिगाड़ सके। फिर गोकुल वासियों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की। जिसकी आजकल भक्त लोग परिक्रमा लगाते हैं।उसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने अनेक दैत्यों को मारा। बाद में अक्रूर की सहायता से दुष्ट पापी कंस को ही मार दिया ,और देवकी वसुदेव को कारागार से मुक्त कराया। कन्हैया सांवरे सभी के कष्टों को हरते हैं भक्तों की मदद करते हैं। बस एक बार भक्त सच्चे मन से प्रभु को याद कर ले इसके बाद भक्तों के कष्ट साबरे हर लेते हैं भागवत कथा के समय परीक्षित श्रीमती रामा व बलराम दीक्षित व भक्तगण संदीप दीक्षित, सोनू पांडे, विवेक दीक्षित, अनिल दीक्षित ,विवेक दीक्षित ,प्रदीप शुक्ला,विनय पांडे ,ओम नारायण तिवारी ,मनीष दीक्षित,राम जी दुबे, नंदू शुक्ला, दीपू ,आशु अनुपम तिवारी के पी तिवारी ,सुबोध आदि मौजूद थे
फोटो परिचय__भागवत कथा को सुनती माता बहने व भक्त गण