शासनादेश दर किनार, अवैध कब्जा बरकरार !

शासनादेश के विपरीत हो रहा काम, शासकीय संपत्तियों से अवैध कब्जे हटाने को अफसर नहीं गम्भीर
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बिल्हौर। तहसील के अधिकारी कर्मचारी भले ही बदल गए हो लेकिन शासकीय उपक्रम की सार्वजनिक जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने में अफसरों का रवैया नहीं बदला है। शिकायतों को कागजों पर ही निस्तारित कर कोरम पूरा करने का काम कर रहे हैं। राजस्व विभाग के अधिकारियों पर शासन के निर्देश व जिलाधिकारी के आदेश का भी कोई असर नहीं हो रहा है। प्रदेश के मुखिया भले ही अतिक्रमण विरोधी अभियान चलवा रहे हैं वहीं कुछ सरकारी कर्मचारी शासकीय भूमि पर दिन रात हो रहे अवैध कब्जों की शिकायतों को नजर अंदाज कर अपनी जेबों को गर्म करने में लगे हुए हैं इससे अवैध कब्जाधारियों के हौसले बुलंद है।

अतिक्रमण और अवैध कब्जों के मामले को लेकर शासन की ओर से की गई कवायद बिल्हौर तहसील क्षेत्र में पूरी तरह फ्लाप है। खासकर राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मचारी इसको लेकर जरा भी गंभीर नहीं हैं। इतना ही नहीं शिकायतों को राजस्व विभाग के अधिकारी मनमाने तरीके से निस्तारित कर कोरम पूरा करने का काम करते हैं। आलम यह है कि दबंग भू माफिया आज भी सार्वजनिक और कमजोर लोगों की जमीनों के साथ ही शासकीय, शासकीय उपक्रम की सार्वजनिक जमीनों के साथ ही वक्फ संपत्तियों पर कब्जा जमाए बैठे हैं। ऐसी ही बिल्हौर की एक वक्फ संपत्ति वक्फ संख्या 2147 जो कि राज्य सरकार द्वारा अधिगृहीत व यूपी मुस्लिम वक्फ एक्ट नं 16 सन् 1960 के अन्तर्गत पंजीकृत वक्फ संपत्ति है पर नगर के वक्फ माफिया कब्जा जमाए बैठे हैं और प्रशासन इनके आगे बौना साबित हो रहा है। शिकायतों पर राजस्व कर्मी कानूनगो लेखपाल आदि कार्रवाई करने के नाम पर उच्च को गुमराह कर जेबें भर रहे हैं और शिकायतकर्ताओं को मामले के निस्तारण के लिए मुकदमा दायर करने का सुझाव देकर शिकायतों को निस्तारित कर देते हैं। तो वहीं विभागीय हस्तक्षेप पर उच्च अधिकारियों को अनर्गल व भ्रामक आख्या प्रस्तुत कर शिकायतों को निस्तारित कर दिया जाता है और शिकायतकर्ता से कहा जाता है मामला राजस्व से सम्बंधित नहीं है विभाग अलग अलग है ऐसे में तहसील स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है।

———- जांच कर्ताओं के लिए शिकायतें हैं बैरियर चेक ————
वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जे से बचाने के लिए योगी सरकार चाहे जितना कसरत कर ले लेकिन बिल्हौर तहसील के जिम्मेदार हो चाहे वक्फ बोर्ड को जिम्मेदार टस से मस होने को तैयार नहीं हैं। कस्बे में अधिकतर वक्फ संपत्तियों पर वक्फ माफियाओं का कब्जा है। जिन्हें खाली कराने की सरकार की योजना खटाई में है। विभागीय हस्तक्षेप और अवैध कब्जा प्रकरण की शिकायतों को भी जिम्मेदार गम्भीरता से नहीं लेते जिसके चलते कानूनगो लेखपाल गलत रिपोर्ट के सहारे मामले को टरका रहे हैं और अपनी जेबें भरने में लगे हैं। इधर, योगी सरकार ने जब वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जा हटाने के लिए सख्त निर्देश दिए तो लगा कि सार्वजनिक हित की जमीन से कब्जा अब हट जायेगा। लेकिन राजस्व विभाग की चाल जस की तस बनी हुई है। आलम यह है कि जिन कब्जों की शिकायत लंबित है। उन पर तहसील प्रशासन, सुन्नी वक्फ बोर्ड के जिम्मेदारों की चुप्पी बरकरार है। जिसकी बानगी है वक्फ संपत्ति संख्या 2147 अवैध कब्जा प्रकरण से सम्बंधित जनसुनवाई शिकायत संख्या 60000210166495 की निस्तारित आख्या में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा बताया गया कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग कानपुर नगर द्वारा कई बार मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उपजिलाधिकारी व तहसीलदार बिल्हौर को पत्र लिखकर सम्बंधित विवादित वक्फ संपत्ति को कब्जा मुक्त कराए जाने का अनुरोध किया गया है। किन्तु अभी तक सम्बंधित अधिकारियों द्वारा इस पर प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है।

शासनादेश दर किनार, अवैध कब्जा बरकरारशासनादेश दर किनार, अवैध कब्जा बरकरार
शासनादेश संख्या 8/2021/2056/52-2-2021-27(परिपत्र)/2021 आर्डर दिनांक 03/11/2021 में वक्फ सम्पत्तियों को राज्य सरकार द्वारा अधिगृहीत/अर्जित करने एवं उस पर प्रतिकर का भुगतान किये जाने के संबंध में एवं शासनादेश संख्या 6/2021/2054/52-2-2021-27(परिपत्र)/2021 आर्डर दिनांक 03/11/2021 में वक्फ सम्पत्तियों, जिनका अवैध तरीके से अंतरण/विक्रय किया गया है, को प्रक्रियाओं का पालन एवं दुरुस्त कर नियमानुसार राजस्व अभिलेखों में पुनः वक्फ सम्पत्ति का इन्द्राज कराये जाने के संबंध में साथ ही शासनादेश संख्या 7/2021/2055 /52-2-2021-27(परिपत्र)/2021 आर्डर दिनांक 03/11/2021 में उत्तर प्रदेश सार्वजनिक भू-गृहादि (अप्राधिकृत अध्यासियों की बेदखली) (संशोधन) अधिनियम, 2014 में प्राविधानित व्यवस्था के आलोक में वक्फ सम्पत्तियों पर किये गये अवैध कब्जे/अतिक्रमण को हटाने तथा अधिनयम की व्यवस्था के अनुरूप कार्यवाही किये जाने के संबंध में के0 रवीन्द्र नायक प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन ने समस्त जिला मजिस्ट्रेट जो कि अपर सर्वे आयुक्त वक्फ होते हैं को सम्बोधित शासनादेश जारी किया था, लेकिन लगभग दस माह बाद भी तहसील क्षेत्र में इस शासनादेश पर अमल नहीं हुआ है। जब शासन के मातहत ही शासन की न सुने तो मामला गम्भीर हो जाता है। जबकि कस्बे का अल्पसंख्यक समुदाय दशकों से राज्य सरकार द्वारा अधिगृहीत वक्फ संपत्ति मस्जिद वक्फ संख्या 2147 को अवैध कब्जा मुक्त कराने की मांग करता आ रहा है। जिसका संज्ञान लेते हुए जिला अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग द्वारा शासकीय वक्फ संपत्ति रजिस्टर हस्ब दफा 30 में दर्ज पैमाईश अनुसार वक्फ संपत्ति वक्फ संख्या 2147 का सीमांकन व अवैध कब्जा मुक्त कराने के सम्बन्ध में तहसील प्रशासन से पत्राचार भी किया गया परन्तु तहसील प्रशासन शासनादेश को मानने को तैयार नहीं है।
————————- क्या बोले ज़िम्मेदार ——————–
मामला बोर्ड के संज्ञान में आया है जांच कर विधिक कार्यवाही की जाएगी।
सैय्यद शफीक अहमद अशरफी
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड
वक्फ बोर्ड, उपजिलाधिकारी बिल्हौर से पत्राचार किया गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
राजकुमार सिंह
वक्फ निरीक्षक
कानपुर नगर