मोहम्मद साहब के जन्म को लेकर शहर काजी ने बुलाई बैठक

बैठक में जुलूस-ए-मुहम्मदी व चिरागां को लेकर हुई चर्चा
बैठक में अमनचैन का पैगाम देने की कही गयी बात
जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
21 सितंबर 2023
#औरैया।
गुरुवार को शहर की दरगाह हजरत शाह जमाल शाह में शहर काजी ने आगामी 28 सितम्बर गुरुवार को मनाए जाने वाले मोहम्मद साहब के जन्मदिन को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों की एक बैठक बुलाई। बैठक में शहर क़ाज़ी ने लोगों से अपने घरों में चिरागां करने और जुलूस में टोपी लगाकर बड़े ही अदब व एहतिराम के साथ सलाम पढ़ते हुए शामिल होने की बात कही।
बैठक के दौरान एक दरगाह हज़रत शाह जमाल शाह में एक मुख्तसर तक़रीरी प्रोग्राम हुआ, जिसमें औरैया शहर काजी सैयद गुलाम अब्दुल समद मियां चिश्ती ने तकरीर करते हुए लोगों को बताया कि मोहम्मद साहब सिर्फ मुसलमानों ही नहीं बल्कि सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर तशरीफ़ लाये। इसलिए हमें चाहिए कि मोहम्मद साहब का जन्म दिन हम बड़े ही अक़ीदत और अहतराम के साथ मनाए। अपने घरों में झंडा लगाए, घरों को सजाकर चिरागाँ करें, उनके जन्मदिन के मौके पर जगह-जगह लोगों को फल बांटे, गरीबों की मदद करें, जिससे लगे कि आज हमारे नबी का जन्मदिन है। उन्होंने कहा कि जब हम अपने बच्चों के जन्मदिन के मौके पर लोगों को दावत देकर हज़ारों रुपये खर्च करके उनका जन्मदिन मनाते हैं, तो जिसके सदके में पूरी कायनात मिली, तो अल्लाह के उस आखिरी नबी का जन्मदिन हम क्यूँ न मनाएं, जिसने सारी दुनिया को अमन का पैग़ाम दिया।वहीं जुलूसे मुहम्मदी के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मुहम्मद साहब के जन्मदिन के मौक़े पर निकलने वाला जुलूसे मुहम्मदी की शुरुआत जुमेरात को शहर की दरगाह हजरत शाह जमाल शाह से 11 बजे निकलेगा जो अपने तयशुदा रास्तों से गुज़रता हुआ वापस आएगा। जुलूस में उन्होंने मुस्लिम समुदाय के तमाम लोगों से बड़े ही अदब और अहतराम के साथ सर पर टोपी लगाकर शामिल होने और लबों पर सलातो वस्सलाम की सदायें जारी रहने की बात कही।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा दिए गये निर्देशों का पालन करें। जुलूसे मोहम्मदी के दौरान किसी को कोई तकलीफ न हो और लोगों को सन्देश जाए कि आज मोहम्मद सहब का जन्मदिन है, जिनको अल्लाह ने सारी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजा, जिन्होंने दुनिया में अमनचैन का पैगाम दिया। बैठक के दौरान आरिफ रहमानी, हाफिज अल्तमश चिश्ती, कारी कलीम, हाफिज नफीस, हाफिज शायद, हाजी शफीक ठेकेदार, हाजी अनवर मास्टर, खादिम रईस कादरी, अनीस भाई, जमील भाई, जाहिद अख्तर,शम्स भाई, सालिम, गुलजार राईन आदि मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद रहे।