चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान पर।

कोटा बैराज काली सिंध बांध से चंबल में पानी छोड़े जाने से नदी का जल स्तर बढ़ा।
ग्लोबल टाईम्स 7 डिजिटल न्यूज नेटवर्क टीम चकरनगर इटावा तहसील ब्यूरो नीरज त्रिपाठी।
कोटा बैराज कालीसिंध बांध से
चंबल नदी में पानी छोड़े जाने से क्षेत्र में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 119.80 बढ कर 129 . 71 पर पहुंच गया। चंबल खतरे के निशान से सवा 10 मीटर ऊपर बह रही है।
गुरुवार को नदी का जलस्तर129.71 था।जिससे 51 गांव की लगभग पचास हजार की आवादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है।20 गांव बाढ़ के पानी से टापू बने हुये है,30 से अधिक गांव के रास्ते पानी ने घेर रखें है।
यमुना का जलस्तर भी बढ़ रहा है जो खतरे के निशान से अभी ऊपर है।निरंतर बढ़ता जलस्तर पिछले कई दशकों की बाढ़ का रिकॉर्ड तोड रहा है ।
गांवों में बाढ का पानी भरने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।गांव से लोग सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं।

चारों तरफ पानी के कारण अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।
पानी के बढ़ते रोद्र रूप से क्षेत्र में बडी तबाही के आसार हैं।जिन लोगों के पूर्णतया घर डूब गए हैं ।
उनको सुरक्षित दूसरी जगह सरकारी भवनों आदि में सुरक्षित कर दिया गया है ।बाढ़ राहत चौकियो में खाना व ठहराव की व्यवस्था की गई है।यमुना चंबल कुंवारी नदियों में जलस्तर बढ़ने से गांवों में हालात इतने बदतर है ।लोग कुछ कहने की हालात में नहीं है ।बस अपने परिवार को और सामान को सुरक्षित करने में जुटे हुए हैं ।
नदियों के रौद्र रूप के चलते चारों तरफ तबाही का मंजर है।
जिस तरफ देखो उधर पानी नदियों का बढ़ता चला आ रहा है।
बुजुर्ग राधा कृष्ण रमेश चंद दीप नारायण प्रकाश पर्वत सिंह हरौली हेमरुद्र सिंह सेंगर उमराव सिंह राजावत राजेश राजपूत रामजीत राठौर राम कुमार राठौर गढ़ाकासदा कहते हैं जिस तरह से बाढ आ रही है उसे लगता है कि अब तक आई बाढ़ के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी ।और आम जनजीवन को समस्याओं की गर्त में धकेल देगी।क्षेत्र में बड़ी आपदा का संकट है।घरों में भरा पानी तो लोगों ने अपनी गृहस्ती पक्के मकानों की छतों पर बसा ली
गांवों में कुछ लोगों के पक्के सुरक्षित मकान है बाढ़ का पानी भरने पर घरों का सारा सामान निकाल कर छतों पर सुरक्षित कर लिया परिवार सहित खाना पीना वही बनाना खाना शुरू किया है
पूछने पर लोग कहते हैं कि आखिर इतनी बड़ी दृष्टि लेकर कहां जाएं एक दो दिन इंतजार करेंगे अगर नदी का पानी उतर जाता है तो ठीक नहीं तो फिर मजबूरी में गांव छोड़कर कहीं और जाएंगे इसलिए घरों की छतों पर सामान रखकर नदी के पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाके की बिजली सप्लाई पूर्णतया बंद कर दी गई है, विद्युत विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि नदियों का पानी गांव में भरने के चलते विद्युत आपूर्ति खतरा के मध्य नजर पूर्णतया काट दी गई है। बरसात और बाढ़ का कहर बिहारी ग्रामीणों पर एक साथ छूट रहा है घरों में न तो बिजली की और रोशनी गर्मी पेयजल हर चीज की समस्या खड़ी हो गई शाम ढलते ही चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा कायम हो जाता हैं ।
धर्मजीत राठौर गढाकासदा कहते है इधर बाढ़ से परेशान थी जो सामान मैंने छातो पर निकाल कर रख लिया था ऊपर से आज भगवान ने बारिश शुरु कर दी अब तो स्थिति बहुत ज्यादा खराब है अब समझ में नहीं आता अब क्या करूं । महावीर प्रसाद हरोली
नदियों की बाढ़ ने तो सब कुछ तबाह कर दिया आर्थिक रूप से कमर टूट गई है घर वार बाढ़ के पानी से धराशाई हो रहा है।
घरों में जो कुछ भी अनाज रखा हुआ है जल्दी खत्म हो जाएगा। उसके बाद तो समस्या ही समस्या खड़ी हो जायेंगी। शासन प्रशासन खाना खिला सकता है लेकिन बिगड़ी हुई ग्रहस्ती को कौन संभालेगा। सुखवासी बाढ़ का पानी देखकर ऐसा लगता है कि अबकी बार नदियां प्रलय लेकर आई है ।पानी ने संभलने का मौका ही नहीं दिया रात को सोए थे तब गांव से काफी दूर था पानी सुबह जागे तो घरों की दहलीज पर पानी लहरें उठ रही थी ।
सामान सट्टा समेटकर सुरक्षित जगह पर रख दिया है अभी तो खाने पीने की कोई समस्या नहीं है। बाढ़ के चलते समस्या विकराल रूप में हो जाएंगी।
जबर सिंह अगर पानी योही बढ़ता रहा तो चंबल यमुना नदियों की बाढ़ होगी जो सारे रिकॉर्ड तोड़ जाएगी मेरी उम्र में इस तरह से बाढ़ कभी नहीं आयी।
शासन प्रशासन के लोग खाना पीना अभी तो समय से पहुंचा रहे हैं अभी तीन दिन ही गुजरे है समस्या तो अब खड़ी होगी। आकर शासन-प्रशासन हम लोगों के परिवार को क्या दे सकेगा आपदा ही इतनी बड़ी है।