चपरघटा सेंगुर नदी में आई बाढ़ खेतों में भरा नही है कोई राहत सामग्री की वयवस्था

ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
प़शासनिक संवाददाता
कानपुर देहात
भोगनीपुर तहसील के चपरघटा की सेंगुर नदी मव बाढ़ आने से आस-पास के गांव के खेतों में पानी भर गया। लोगो को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पढ़ रह। लागातार नदी के जलस्तर बढ़ने से
डिलौलिया बांगर, आढ़न, पथार, पड़ाव, क्योटरा बांगर, नयापुरवा, चतुरीपुरवा, रसूलपुर, भुण्डा, भरतौली, कुम्हापुर, मुसरिया, नगीना बांगर, कट्टापुरवा, बम्हरौली घाट, अहरौली घाट, सिमरिया, हंसपुर, मौदन, चपरघटा, ट्योगा आदि गांव बढ़े हुए पानी की चपेट में है में तथा किसानों की फसलों में पानी भर जाने से फसलें खराब हो रही। बच्चों को स्कूल आने जाने के लिए नाव का ही सहारा है। गांव से आने जाने में लोंगो को बड़ी दिक्क्क्त का सामना करना पड़ रहा। जलस्तर के लगातार बढ़ने से गाँव वालों में भय व्ययत हो रहा। क्यों कि पिछले साल भी बाढ़ से लोंगो को बहुत नुकसान उठाना पढ़ा था।मध्यप्रदेश में हो रही झमाझम बारिश का असर पहले ही यमुना में दिखाई देने लगा था। अब हरियाणा प्रांत के हथिनी कुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। तहसील प्रशासन ने राजस्व विभाग की टीमों को अलर्ट कर नदी किनारे बसे गांवों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।क्षेत्र निवासी वीरेंद्र निषाद, पन्नालाल निषाद, रामेश्वर निषाद, लल्लू निषाद, खुशीराम आदि ने बताया कि नदी में पानी छोड़े जाने से तटवर्ती गांवों में बाढ़ की स्थित बन जाती है। चंद्रपाल निषाद डॉक्टर प्रदीप निषाद रंजीत यादव लक्ष्मण यादव परमलाल कठेरिया चंद्रशेखर मथुरा प्रसाद दिवाकर बलराज सिंह घसीट आदि सैकड़ों किसान बाढ़ से परेशान हैं
सबसे पहले पथार गांव के रास्ते की पुलिया डूबती है। जिससे दो गांवों के पांच हाजार लोगों का आवागमन बंद हो जाता है। बांध से थोड़ा-थोड़ा पानी छोड़ा जाता रहे तो बाढ़ नहीं आएगी। लेखपाल अवधेश कुमार ने बताया कि पानी बढ़ा है लेकिन जल स्तर इसी प्रकार बढ़ता रहा तो पनी सुबह तक पानी हाइवे सड़क तक पहुँच जाएगा। बढ़ते हुए जलस्तर पर शासन द्वरा कोई राहत सामग्री की व्यवस्था भी नही की गई।