जो परमात्मा से शिष्य को जोड़े वही गुरु-आचार्य मनोज अवस्थी

नगर पालिका अध्यक्ष अनूप गुप्ता ने गुरु जी का लिया आशीर्वाद
जीटी -7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क टीम औरैया, कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट, रामप्रकाश शर्मा। 21 जुलाई 2024
#औरैया। शहर के फफूंद रोड स्थित उमा प्रेम सत्संग आश्रम एवं गौशाला में चल रही तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव का समापन हुआ। गुरु शब्द का अर्थ आचार्य मनोज अवस्थी महाराज ने समझाया जिसमे कहा कि अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाने वाले व्यक्तित्व को ही गुरु कहा जाता है जो परमात्मा से शिष्य को जोड़े वही गुरु है, जो अध्यात्म मार्ग प्रशस्त करे वही गुरु, जो भगवत सत्ता का बोध कराए वही गुरु, जो शिष्य का जीवन भगवत आराधना की ओर ले जाए वही गुरु।
आचार्य अवस्थी बताते है कि गुरु की व्यक्ति नहीं है गुरु तत्व है गुरु की उपयोगिता जीवन में शिल्पकार की होती है जैसे कि पत्थर तब तक पूज्यनीय नहीं होता जब तक की शिल्पकार उसे अपने शिल्प कौशल से मूर्ती नहीं बना देता वैसे ही हमारा जीवन जन्म के बाद भी व्यर्थ है लेकिन अगर कोई गुरु संस्कारों के कलेवर में सजा कर हमे नवीन स्वरूप देते है। जीवन देने की दो ही परंपरा है एक नाद परंपरा एक विंदू परंपरा। नाद परंपरा के अनुसार गुरु हमारे पिता ही हैं। उमा प्रेम सत्संग आश्रम में आयोजित वार्षिक आयोजन में हजारों श्रद्धालु भक्त आचार्य मनोज अवस्थी महाराज के अनुयाई शिष्य एकत्रित हुए, सभी ने प्रवचन एवं भंडारे का आनंद लाभ लिया। इस अवसर पर आचार्य केशवम अवस्थी, मधुरम अवस्थी, नगर पालिका अध्यक्ष अनूप गुप्ता, राघवेंद्र व्यास (अध्यक्ष नगर पंचायत माधौगढ़) एवं अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।