जिले में पति की दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष को पूजा

जनपद के विभिन्न कस्बों व ग्रामीण अंचलों में भी बट वृक्ष की हुई पूजा, सुहागिनों ने मांगा अखंड सौभाग्य
जीटी-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क टीम औरैया, कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट, रामप्रकाश शर्मा। 06 जून 2024 .#औरैया। गुरुवार को जिले में सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना कर की। शहर में भी बड़ी संख्या में विवाहित महिलाएं वट वृक्ष के नीचे जुटीं और महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र और अपने वैवाहिक सुख की रक्षा के लिए विभिन्न स्थानों, कस्बों में वट वृक्ष के नीचे पूजा अर्चना की। महिलाओं ने वट वृक्ष की परिक्रमा कर अपने वैवाहिक सुख की रक्षा और अपने पति की दीर्घायु की कामना की। वट वृक्ष का वर्णन धार्मिक शास्त्रों, वेदों और पुराणों में किया गया है। .एक ओर जहां वट वृक्ष को भगवान शिव का रूप माना जाता है, वहीं दूसरी ओर पद्म पुराण में इसे भगवान विष्णु का अवतार कहा गया है। जनपद के विभिन्न कस्बों व ग्रामीण अंचलों में भी बट वृक्ष पूजा से संबंधित समाचार प्राप्त हुए हैं। सुहागन महिलाओं ने पूजा के साथ पति की दीर्घायु एवं अपने अखंड सौभाग्य की कामना की है। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा व अमावस्या को विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं, जिसे वट सावित्री व्रत कहा जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की रक्षा और वैवाहिक सुख के लिए व्रत रखती हैं और वट वृक्ष के चारों ओर धागा बांधकर बट वृक्ष की परिक्रमा करती हैं, इसका बहुत महत्व बताया जाता है। कहा जाता है कि माता सावित्री अपने कठिन तप से अपने पति के प्राण यमलोक से वापस लाईं थी, तभी से इसे वट सावित्री व्रत के नाम से जाना जाता है। इसी तरह से जनपद के विभिन्न कस्बों व ग्रामीणांचलों औरैया के अलावा दिबियापुर, कंचौसी, सहायल, सहार, वेला, एरवाकटरा, बिधूना, कुदरकोट, रुरूगंज, अछल्दा, नेविलगंज, फफूंद, अटसू, अजीतमल बाबरपुर, मुरादगंज, अयाना आदि के अलावा ग्रामीण अंचलों मे वर अमावस्या के अवसर पर बट वृक्ष पूजा से संबंधित समाचार प्राप्त हुए हैं।