कुछ सपाइयों ने स्वार्थ में भाजपा से आस लगाई चुनाव में कैसे दौड़ेगी साइकिल भाई?

सपा सत्ता में खाए लड्डू, अब भाजपाइयों के संग घूमते दिख रहे दद्दू !
जीटी-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट, रामप्रकाश शर्मा।
12 फरबरी 2024
#बिधूना,औरैया।
लोकसभा चुनाव बेहद सन्निकट माना जा रहा है वहीं भाजपा पूरी जोरदारी से अभी से ही अपनी चुनावी गोटे बिछाने में मशगूल हो गई है किंतु इसके बावजूद बिधूना विधानसभा क्षेत्र में अपने को सपा का निष्ठावान नेता कार्यकर्ता बताकर सपा शासन काल में अपनी हैसियत मजबूत करने के साथ रौब गांठने वाले तथाकथित सपाई अपने निजी स्वार्थ में इन दिनों भाजपा में अपना भविष्य तलाशते नजर आ रहे हैं। भले ही यह तथाकथित सफाई सपा आलाकमान व सपा नेताओं की नजरों में चढ़ने के लिए उनके कार्यक्रमों में पहुंच जाते हैं लेकिन इसके बावजूद यहां जमीनी धरातल पर देखने में आ रहा है कि यह तथाकथित सपाई अपने निजी स्वार्थ में सरेआम भाजपाइयों के गले में गलवहियां डाले ही नहीं दिख रहे हैं बल्कि उनके साथ मिलकर सत्ता की धमक में अपने गोरखधंधे भी चमका रहे हैं ऐसे में इन तथाकथित स्वार्थी सपाइयों से संभावित लोकसभा चुनाव में सपा का इस क्षेत्र में कुछ भला हो सकेगा इस पर प्रश्नचिन्ह अवश्य लग रहा है।
सपा सरकार के कार्यकालों में बिधूना विधानसभा क्षेत्र में अपनी चमक धमक कायम रखने के साथ अपनी हैसियत मजबूत करने वाले बिधूना क्षेत्र के अपने को निष्ठावान सपाई बताने वाले कुछ तथाकथित स्वार्थी नेता इन दिनों शायद सपा का भविष्य उज्जवल ना मानकर भाजपा में अपना भविष्य तलाशते नजर आ रहे हैं। आलम यह है कि यह कुछ तथाकथित निहित स्वार्थी सपाई तथाकथित भाजपाइयों के साथ उनके गले में गलबहियां डाले ही नजर नहीं आते हैं बल्कि उनके साथ मिलकर अपने विभिन्न गोरखधंधे भी चमकाते नजर आ रहे हैं। तथाकथित कुछ स्वार्थी सपा नेताओं के इस आचरण से यहां सपा की किरकिरी भी होती ही नजर नहीं आ रही है वहीं निकट भविष्य में इनके भाजपाई चोला पहनने के संकेत भी क्षेत्रीय लोग मान रहे हैं। हालांकि सपा के कुछ निष्ठावान कार्यकर्ताओं का दर्द है और वह दवी जुबान अपनी वेदना भी व्यक्त करते नजर आ रहे हैं कि सपा सरकार में जिन कुछ तथाकथित स्वार्थी लोगों ने अपने स्वार्थ पूरे किए हैं वह आज फिर एक बार अपने निजी स्वार्थों में सपा के साथ भितरघात करने की साजिशें कर रहे हैं। जिस पर सपा आलाकमान को बहुत जल्द ध्यान देने की जरूरत है। उनका यह भी मानना है कि सपा को कमजोर करने में लगे निजी स्वार्थी तथाकथित सपाइयों जल्द सपा से बाहर का रास्ता न दिखाया गया तो लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में साइकिल दौड़ सकेगी या कमल खिलेगा कह पाना बेहद कठिन होगा।